क्या आप सभी गूगल में Taraweeh ki Namaz ka Tarika सर्च कर रहे है और youtube में देखने से समझ नहीं आता है तो बिलकुल सही जगह पर आए है।
क्युकी यहाँ पर सहीह हदीस के साथ और स्टेप बी स्टेप तराबी की नमाज़ सिखाने के लिए पूरी कोशिश किया गया है।
यह नमाज़ 23 मार्च से ईशा के बाद शुरू हो जायेगा। अगर आपके नजदीक मस्जिद है तो आप खुशनसीब है की आपको इमाम के पीछे नमाज़ पढ़ने का मौका मिल जायेगा।
लेकिन अगर इमाम के पीछे पढ़ने का मौका ना मिल पाए तो मयोश होने की जरुरत नहीं बलके आप लोग अकेले भी पढ़ सकते है। जिस तरह से पांचो नमाज़ में सुन्नत या नफिल पढ़ते है। उसी तरह यह भी पढ़ सकते है।
इस पोस्ट में मै वह तरीका बताने जा रहा हूँ। जिसपर ज्यादा तर उम्मत मुतमईन हो। क्युकी यह पोस्ट शरियत इख्तेलाफ़ के लिए नहीं बनाया जा रहा है। इसके लिए अलग से पोस्ट लिख दूंगा जिसमे एक एक सहीह हदीस के साथ बता दूंगा।
बहलहाल अब तराबी की नमाज़ से पहले यह जान लेते है की तरावीह क्या है?
तरावीह क्या है?
तरावीह एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ आराम करना या ठहरना। नबी सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम के दौर में ईशा की नमाज़ के बाद कियाम अल-लैल किया जाता था।
जो काफी लम्बा होता था और हर चार रकात के बाद थोड़ी देर आराम कर लिया जाता था। इसी नमाज़ को रमजान के महीने में तरावीह के नाम से जानते है और तरावीह सुन्नते मौकिदाह है।
तरावीह कितने प्रकार की होती है?
दोस्तों अगर आपसे कोई शख्स पूछे की तराबी कितने तरह के होते है? तो इसका आसान जवाब है की एक तरह का ही तरावीह होता है।
लेकिन थोड़ा सा अंतर यह है की पहला कुरान खत्म तराबी होता है जिसमे 1 से 30 पारा पढ़ा जाता है। और दूसरा सुरह तराबी होता है जिसमे 30 पारे के आखरी दस सुरह पढ़ा जाता है।
तरावीह की नमाज़ का रकात कितनी होती है?
नाज़रीन आपको यह समझना होगा की हर फिरके का अलग मौक्किफ है। जिसमे कोई 8 कहता है तो कोई 12 रकात कहता है।
लेकिन मेरा और जिसमे सबसे ज्यादा उलमा की मौक्किफ है की तरावीह की नमाज़ 20 रकात की होती है जो ईशा की नमाज़ के बाद शुरू हो जाती है और दो दो रकात करके पढ़ा जाता है।
अब यहाँ पर ईशा और तरावीह की कब और कितनी रकात कैसे पढ़ना है इसकी रकात दिया गया है:
- पहले ईशा की सुन्नत 4 रकअत पढ़े
- फिर इमाम के पीछे ईशा की फ़र्ज़ 4 रकअत पढ़े
- फिर ईशा की सुन्नत 2 रकअत पढ़े
- और अब ईशा की नफ़्ल 2 रकअत पढ़ने के बाद आराम से बैठ जाए
- इसके बाद तरावीह की सुन्नते मुवककेदा 20 रकअत (2X2) हर 4 रकअत के बाद तरावीह की तस्बीह पढ़ना है
- फिर इमाम के पीछे ही वित्र वाजिब 3 रकअत पढ़ना है
- फिर अकेले में ईशा की नफ़्ल 2 रकअत
Taraweeh ka Waqt
Taraweeh Waqt ईशा की नमाज़ अदा करने के बाद से लेकर सुबह फजर की अज़ान से पहले तक रहता है यानि आप ईशा की अजान होने के बाद से लेकर फज़र की अजान होने से पहले तक Taraweeh ki Dua अदा कर सकते हैं।
मगर रमजान में किसी भी मस्जिद में ईशा की नमाज़ पढ़ने के फ़ौरन बाद ही तरावीह शुरू हो जाती है। लेकिन अगर आप अकेले पढ़ना चाहते है तो जब आपका वक़्त मिले यह नमाज़ पढ़ सकते है।
Taraweeh ki Niyat (तरावीह की नियत करने का तरीका)
हज़रात नियत दिल के इरादे का नाम है यानि अल्लाह ता’अला आपके दिल की नियत को देखता है अगर आप अपने दिल में सिर्फ यह कहे की मै 2 Rakat Taraweeh ki Namaz पढ़ रहा हूँ तब भी आपकी नियत दुरुस्त हो जाएगी। लेकिन जुबान से सही तरीके से नियत करते है तो ये बहुत अच्छा माना है। पुरुषों और महिला के लिए भी एक Taraweeh ki Niyat होता है।
अगर इमाम के पीछे पढ़ रहे है तो यह नियत करे:
नियत की मैंने 2 रकत नमाज़ तरावीह सुन्नत ए मोकिदा वास्ते अल्लाह ताअला के मुँह मेरा काबा शरीफ की तरफ पीछे इस इमाम के अल्लाहु अकबर।
अगर अकेले बिना इमाम के पीछे पढ़ रहे है तो यह नियत करे:
नियत की मैंने 2 रकत नमाज़ तरावीह सुन्नत ए मोकिदा वास्ते अल्लाह ताअला के मुँह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
Taraweeh ki Namaz ka Tarika
दोस्तों तराबी की नमाज़ का तरीका सीखना बहुत आसान है। जो शख्स हमेशा पांचो वक़्त का नमाज़ पढ़ता हो उसके लिए तो कोई बड़ी बात ही नहीं क्युकी जिस तरह दो रकात सुन्नत की नमाज़ पढ़ते है उसी तरह इस नमाज़ भी तरीका एक है।
इसी तरह हर मुस्लमान जुम्मा की नमाज़ तो जरुर पढ़ता है लेकिन अफ़सोस की कुछ लोग सिर्फ फ़र्ज़ नमाज़ पढ़कर बाहर निकल जाते है। मगर जो शख्स फ़र्ज़ के बाद 2 रकात सुन्नत पढ़ता हो उसको भी यह नमाज़ सीखने की जरुरत नहीं है क्युकी तरीका एक ही है।
अब जानते है की किसी भी कारण से किसी शख्स को तरीका मालूम नहीं है तो उसके लिए ऐसा तरीका बताने जा रहा हूँ। जिसको अपना कर आसानी के साथ Taraweeh ki Namaz ka Tarika मुकम्मल कर सकते है।
Taraweeh ki Namaz पढ़ने के लिए दो तरीके होते है जिसमे पहला इमाम के पीछे पढ़ना होता है और दूसरा अकेले पढ़ना होता है।
आज की पोस्ट में इमाम के पीछे कैसे पढ़ते है इसका तरीका बताने जा रहा हूँ। लेकिन अकेले भी पढ़ने का तरीका एक ही होता है जैसे अकेले में सुन्नत नमाज़ पढ़ते है।
नमाज़ की पहली रकात
सबसे पहले आप इमाम के पीछे खड़े हो जाए और नियत करने के बाद सना पढ़ें (सुब्हानका अल्लहुमा वबी हमदिका)। फिर दूसरा ताउज पढ़ें (आउज़ बिल्लाहे मिन्नस सैतानिर्रजिम) और (बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम) पढ़ें। इसके बाद चुप रहे और इमाम की अल्हम्दो लिल्लाहे, सूरह सुने।
इसके बाद रुकू में जाएँ और रुके में कम से कम तीन मर्तबा (सुब्हान रब्बिल अजीम) कहें। फिर इमाम बोलेगा (समी अल्लाह हुलेमन हमीदा) तो आप कहेंगे (रब्बना लकल हम्द) और अल्लाह हुअक्बर कहते हुए सजदे में चले जाए। सजदे के दरमियान कम से कम तीन मर्तबा (सुब्हान रब्बि यल आला) कहना है।
नमाज़ की दूसरी रकात
फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए दूसरे रकात के लिए खड़े हो जाएँ और इमाम की किरात चुपचाप सुने। इसके बाद रुकू में जाएँ और कम से कम तीन मर्तबा (सुब्हान रब्बिल अजीम) कहें। अब इमाम बोलेगा (समी अल्लाह हुलेमन हमीदा) तो आप कहेंगे (रब्बना लकल हम्द)।
फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे के लिए जाएँ सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा (सुब्हान रब्बि यल आला) कहें फिर आप अल्लाहु अकबर कह कर अपने पंजो पर बैठ जाएँ जिसको जलसा बोलते है।
जलसा में बैठने के बाद सबसे पहले एक मर्तबा Attahiyat पढेंगे। उसके बाद एक मर्तबा दरूदे इब्राहिम और इसके बाद एक मर्तबा दुआ ए मासुरा पढेंगे।
अब चुपचाप बैठकर इमाम की सलाम का इन्तेजार करे और इमाम के साथ सलाम फेरें अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह पहले दाएं जानिब मुंह फेरे फिर अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह बाएं जानिब मुंह फेरें।
इस तरह से आपका Taraweeh ki Namaz 2 रकात पूरी हो गयी। जैसे आप दो रकअत मुकम्मल किये वैसे ही आगे दो रकअत पढ़े और तरीका एक ही होता है जब आपका चार रकअत मुकम्मल हो जाये तो जलसा में बैठ जाए।
और उसी हालत में बैठते हुए तरावीह की दुआ पढ़े। फिर आप दोनों हाथो को उठा कर दुआ मांगे इसी तरह हर चार रकअत पर दुआ मांगे और बिस रकअत पढ़ने के बाद आपका तरावीह की नमाज मुकम्मल हो जायेगा।
तरावीह की दुआ हिंदी में जाने
नाज़रीन अभी Taraweeh ki Namaz ka Tarika सीखा जिसमे अच्छी तरह से एक एक पॉइंट को बताया और जिसने यह आराम से पढ़ लेगा उसको तरावीह पढ़ने आ जायेगा।
इसी के साथ Taraweeh ki Dua भी सीखना बहुत जरुरी है यहाँ पर हिंदी में लिख दिया गया है।

आज अपने क्या सीखा?
दोस्तों मुझे बेहद ख़ुशी हो रहा है की इस रमजान में अपने साथ आप लोगो को भी Taraweeh ki Namaz Padhne ka Tarika सिखाया दिया।
इस पोस्ट में आपने जाना की तरावीह की क्या है? इसका वक़्त और नियत के साथ इसका तरीका को पूरी सिद्दत के साथ बताया है।
इसके अलावा ऊपर जितने भी जानकारी बताया है उसमे किसी भी किस्म की गलती या कुछ सुझाव देना चाहते है तो निचे कमेंट में जरुर बताये।
मेरा नाम मेराज अहमद है और मैं एक फ्रीलांस लेखक और ब्लॉगर हूं। मैंने अपनी शिक्षा दीनी मदरसों में पूरी की है। मुझे धार्मिक विषयों पर लिखना बहुत पसंद है और अपने लेखों के ज़रिए मैं लोगों तक सही इस्लामिक संदेश पहुंचाने की कोशिश करता हूं। मुझे लोगों को ज्ञान देना बहुत पसंद है।
Subhanallah