Tahajjud ki Namaz ka Tarika, Rakat, Waqt, Niyat, Dua

अगर आपको Tahajjud ki Namaz ka Tarika Step by Step सीखना चाहते है और आपके कोई अच्छी जानकारी नहीं दे रहा है तो आप सही जगह आए है.

यहाँ पर आप सभी को तहज्जुद के मुताल्लिक नियत, रकात, वक़्त, तरीका और इसके साथ औरतें भी कैसे तहज्जुद पढ़े सभी का जवाब यहाँ पर मिलने वाला है.

मै तहज्जुद नहीं पढ़ रहा था क्युकी मुझे सक था की इस नमाज़ का तरीका कुछ अलग होगा इसी लिए रात में पढ़ा जाता है और बहुत लोग इसके बारे में बात करते है.

लेकिन मेरे साथ परेशानी था की कोई मुकम्मल जानकारी नहीं दे रहा था फिर मै youtube और गूगल के साथ अपने मस्जिद के इमाम से बात करने के बाद मुझे मालूम हुआ.

इसीलिए मैंने सोचा की ये परेशानी हमरे कौम के नौजवान के साथ भी होगा फिर मैंने सोचा ये क्यों नहीं एक ऐसा पोस्ट लिखा जाए जिसमे तहज्जुद की नमाज़ से रिलेटेड जितने भी सवाल तरीका है बता दिया है.

तो दोस्तों आज वक़्त आ गया है Tahajjud ki Namaz ka Tarika शुरू से आखिर तक बताने का बस आप इस पोस्ट को शुरू से आखिर तक जरुर पढ़े.

Tahajjud Meaning in Hindi

तहज्जुद को “Night Prayer” या “Qiyam-u-lail” के भी नाम से जाना जाता है। तहज्जुद की नमाज़ ईशा की नमाज़ के बाद शुरू होता है और खत्म फज़र से पहले होता है। Tahajjud शब्द Hujud से लिया गया है जिसका अर्थ होता है “कुरान के साथ जागना”। तहज्जुद की नमाज़ की बहुत बढ़ी फ़ज़ीलत है जो आपको निचे पढ़ने को मिलने वाला है।

तहज्जुद की नमाज क्या है?

तहज्जुद की नमाज़ एक नफिल नमाज़ है जिसे नबी सल्लाहू अलैहे वसल्लम रोज़ आधी रात में पढ़ते थे उसी को तहज्जुद कहा जाता है.

हदीस शरीफ में आया है की फ़र्ज़ वाजिब और सुन्नत के अलावा जितने भी नफिल इबादत है उसमे सबसे अव्वल और अफज़ल आधी रात में तहज्जुद पढ़ना है यही सबसे बढ़िया अमल है.

Tahajjud ki Namaz ka Time Kya Hai

फ़र्ज़, वाजिब और सुन्नत नमाज़ की वक़्त इस्लाम में मुकरर कर दिया गया है जिसमे पांच वक्तो में यानि फजर से ईशा तक का वक़्त मुकरर हो चूका है.

लेकिन सभी नमाज़ में नफिल न पढ़ने से गुनाह नही होता बलके पढ़ने से सवाब मिलेगा इसी लिए नफिल का भी हर नमाज़ के आखिर में दिया गया है.

उसी तरह तहज्जुद का वक़्त ईशा की नमाज़ पढ़ने के बाद से शुरू होता है और सुबह सादिक से पहले तक होता है यानि सूरज निकलने से पहले तक. लेकिन अफज़ल है की फज़र की अज़ान से पहले तहज्जुद पढ़ लिया जाए.

तहज्जुद का सबसे बेहतर और अफ्ज़ल वक़्त 11 बजे से 12 बजे का समय होता है इस समय तहज्जुद पढ़ना अच्छा माना गया है.

Tahajjud ki Namaz ki Rakat Kitni Hoti Hai

तहज्जुद की नमाज़ 2 रकात से शुरू होता है 12 रकात तक पढ़ा जाता है आपको रकात के बारे में समझने से पहले आपको ये समझना होगा की हमारे और आपके नबी सल्लाहू अलैहे वसल्लम ने कितनी रकात पढ़ा करते थे.

नबी सल्लाहू अलैहे वसल्लम तहज्जुद 8 रकात पढ़ा करते थे या कभी कभी 12 रकात भी पढ़ा करते थे इसीलिए आपको चाहिए की कम से कम 8 रकात तहज्जुद पढ़े.

अगर आपके पास रात में ज्यादा समय है तो 12 रकात पढ़े और ज्यादा सवाब मिलेगा लेकिन आपके पास समय नहीं तो आप 2 रकात भी पढ़ सकते है.

Tahajjud ki Namaz ki Niyat Kaise Bane

जिस तरह से फजर से लेकर ईशा की नमाज़ तक जैसे नियत करते है और नियत बांधते है ठीक वैसे ही तहज्जुद की नमाज़ में भी बांधा जाता है.

जिसका तरीका ये होता है आप सबसे पहले दिल में इरादा करे की आप तहज्जुद की 2 रकात नफिल नमाज़ पढ़ रहे है अगर कोई जुबान से नियत करना चाहता है तो यु करे:

“नियत की मैंने 2 रकात नमाज नफल तहज्जुद की वास्ते अल्लाह-त-आला के रुख मेरा काबा शरीफ की अल्लाहु अकबर”

नियत करने के बाद कन्धा और कानो के बिच में दोनों हाथों को उठाए और नाफ के निचे बांध ले जैसे बाकि की नमाजो में बाँधते है.

Tahajjud ki Namaz Padhne ka Tarika

तहज्जुद की नमाज़ पढ़ने का कोई अलग तरीका नहीं है बलके अकेले में या मस्जिद के अन्दर जमात के साथ जो दिन में पांच वक्तो में जो नमाज़ अदा करते है हु बहु वही तरीका है.

लेकिन जो फर्क है वह सब नमाज़ की तरह नियत और वक़्त का है इस नमाज़ में नियत अलग करना होता है जिसका तरीका ऊपर बता दिया गया है.

मै मान के चल रहा हूँ की आप ईशा की नमाज़ पढ़ लिया है इसके बाद दो बाते आपको समझना होगा की पहला अगर आप चाहे तो बिना सोए तहज्जुद पढ़ सकते है और दूसरा सो कर उठने के बाद.

इसमें पहला आप्शन पर बात करते है अगर आप शहर इलाको में रहते है तो वहां पर लोग देर से सोते है तो आप चाहते है की तहज्जुद पढ़ कर सोए तो आपको चाहिए की सोने से पहले पढ़ ले.

दूसरा उपाय यह है की गाँव में बहुत से लोग काफी जल्दी सो जाते है तो उनको चाहिए की ईशा की नमाज़ पढ़ ले और सो जाए और जब रात में नींद खुले तो वजू करे और तहज्जुद के लिए क़िबला रुख खड़े हो जाए.

तहज्जुद की पहली रकात

  1. नियत करे
  2. सना पढ़े (सुबहानका अल्लाहुम्मा व बिहम्दीका व तबारका इस्मुका व त’आला जद्दुका वाला इलाहा गैरुका)
  3. आउज़ बिल्लाहे मिन्नस सैतानिर्रजिम पढ़े
  4. बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम पढ़े
  5. सुरह फातिहा (अलहम्दो लिल्लाहे) पढ़े
  6. आमीन कहे
  7. बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम पढ़े
  8. कुरान शरीफ की कोई भी छोटा या बड़ा सुरत मिलाए यानि पढ़े
  9. रुकू में कम से कम 3 या 5 मर्तबा सुबहाना रब्बियल अज़ीम पढ़े
  10. फिर समिल्लाहु लिमन हमीदा कहते हुए खड़े हो जाये फिर खड़े रहते हुए ही रब्बना लकल हम्द कहे
  11. अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे में जाए
  12. पहले सजदे में 3 या 5 मर्तबा दुसरे सजदे में 3 या 5 मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला पढ़े
  13. अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरे रकात के लिए खड़े हो जाए

तहज्जुद की दूसरी रकात

  • पहली रकात की 5 से 12 तक step को पढ़े
  • सजदे के बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए अपने पंजो पर बैठ जाए
  • अत्तहिय्यत या तशहुद पढ़े
  • दरुदे इब्राहीम पढ़े
  • दुआ ए मशुरा पढ़े
  • अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह पहले दाएं जानिब मुंह फेरे फिर अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह बाएं जानिब मुंह फेरें।

इस तरह से आपकी दो रकात तहज्जुद की नफिल नमाज़ मुकम्मल हो गयी इसके बाद अगर आप चाहे तो दुआ पढ़ा या फिर अगले 2 रकात के लिए नियत करे.

यहाँ पर आपको एक बहुत ही महतवपूर्ण बात समझना होगा की तहज्जुद के बाद ही ईशा की 3 Rakat Witr ki Namaz पढ़ना चाहिए.

यदि आपको मालूम नहीं है की रात उठेंगे या नहीं तो आप वित्र नमाज़ पढ़ कर सोए लेकिन आप अपने आप पर पूरा भरोषा है की रात में उठ जायेगे तो वित्र तहज्जुद के बाद पढ़े.

Tahajjud ki Namaz ka Tarika for Ladies

Tahajjud ki Namaz Padhne ka Tarika for Ladies
Tahajjud ki Namaz for Ladies

कोई भी नमाज़ औरत और मर्द के लिए एक ही होता है चाहे पांच वक्तो की नमाज़ हो या तहज्जुद की नमाज़ हो सभी का तरीका एक ही रहता है.

औरत और मर्द की नमाज़ में थोडा सा फर्क होता है जिसका तरीके आपको सीखना है तो आपको Aurat ki Namaz ka Tarika वाली पोस्ट को पढ़ना चाहिए.

तहज्जुद दो दो रकात करके 8 या फिर 12 रकात पढ़ा जाता है जिसका तरीका ऊपर बताया गया है.

Tahajjud ki Namaz ki dua kya Hai

तहज्जुद की नमाज़ में दुआ कैसे मांगे इसके लिए आपको बता दूँ की हर सख्स का खुदा से अलग अलग खवाहिश होता है मसलन कोई सख्स चाहता है मै अमीर बन जाओ, या फिर मुझे किसी कंपनी में जॉब लग जाए.

इसी लिए हर सख्स का दुआ का तरीका अलग अलग होता है लेकिन जो दुआ में खवाहिश दिल से निकलता है और वह नेक होता है तो तहज्जुद में माँगा गया दुआ कभी रद नहीं होता है.

आप सभी का जो भी खवाहिश है आप अल्लाह ता’अला से खूब तहज्जुद में माँगा करे इंशाअल्लाह जरुर दुआ कबूल होगा.

Tahajjud ki Namaz me konsi Surah Padhna Chahiye

तहज्जुद एक नफिल नमाज़ है और किसी भी नमाज़ में कोई फिक्स नहीं है आप तहज्जुद की नमाज़ में अलहम्दो शरीफ के बाद आपको जो सुरह याद है वही पढ़े.

बेहतर यही है की तहज्जुद में कुरान शरीफ की लम्बी लम्बी सूरत पढ़े ये बेहतर और अफज़ल है कुछ लोग सुरह यासीन पढ़ते है इसमें कोई हर्ज़ नहीं है.

मैंने आपको अभी खुद बताया हूँ की कुरान की लम्बी सूरत पढ़े इसी तरह किसी सख्स को छोटी सुरह या 1 सुरह याद है तो उसे चाहिए की छोटी सुरह ही पढ़े.

और 1 सुरह को बार बार पढ़ा जा सकता है लेकिन आपको ज्यादा से ज्यादा सूरत याद करने की कोशिश करनी चाहिए.

तहज्जुद की नमाज़ के फायदे

Tahajjud ki Namaz ka Tarika सिखने के बाद अब समझते है की तहज्जुद कितनी बड़ी फ़ज़ीलत वाली है की इसके बाद खुद कुरान बता रहा है.

ऐसा कोई नफिल नमाज़ नहीं है जिसको कुरान और हदीसो में बार बार अलग अलग मोके पर आया है. क्युकी सभी नफिल नमाज़ में बेहतर नमाज़ तहज्जुद ही है.

हदीस में है कि हमारे प्यारे आक़ा “हुज़ूर नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम” ने इरशाद फ़रमाया कि हमारा रब अल्लाह ताला हर रात में जब पिछली तिहाई बाकी रहती है तब आसमाने दुनिया पर खास तजल्ली फरमाता है की:

  • है कोई दुआ करने वाला कि उसकी दुआ क़बूल करूँ,
  • है कोई मांगने वाला कि उसे दूँ,
  • है कोई मग़फ़िरत चाहने वाला कि उसकी वख्शिस कर दूँ

Tahajjud ki Namaz Padhne Ki Fazilat

  • नबी करीम कहते हैं कि तहज्जुद की नमाज़ बहुत बड़ी दौलत है अल्लाह की; जिसे पढ़ने से अल्लाह काफी खुश होता है और सवाब देता है।
  • तहज्जुद की नमाज जहन्नुम की आग से बचाती है।
  • कुछ हदीसों में है कि तहज्जुद की नमाज़ पढ़ने से मुसलमान अल्लाह से काफी करीब होते हैं।
  • तहज्जुद की नमाज़ पढ़ने से हम गुनाहों से बचते हैं और ये नमाज़ हमे गुनाहों से बचाती है।
  • तहज्जुद की नमाज़ का मर्तबा फर्ज नमाज के बाद सबसे आला है।
  • तहज्जुद गुज़ार लोग सलामती के साथ जनत में दाखिल होंगे।
  • प्यारे नबी कहते हैं कि तहज्जुद की नमाज़ में मांगी गई दुआ; और फर्ज नमाज के बाद मांगी गई दुआ सभी दुआओं में सबसे ज्यादा कबूलियत वाला है।
  • तहज्जुद कब्र की वहशत से बचाती है।
  • नबी (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) कहते हैं, कि तहज्जुद नमाज़ पढ़ने वाले को अल्लाह एक के बदले 100 या उससे भी ज्यादा देगा।
  • मिया बीवी साथ उठकर तहज्जुद की नमाज पढ़ें; अगर दोनों में से एक उठ जाए और दूसरा ना उठे तो सोते हुए भर पानी झोंक दो; ताकि दूसरे की नींद टूट जाए और नमाज़ पढे।
  • रात में जब सब सो रहे हो उस वक्त अल्लाह َकी इबादत करना निहायत ही मुफीद अमल है। ना मालुम कौन सा वक़्त क़बूलियात् का हो और हमारी दुआ सुन ली जाए।

Tahajjud ki Namaz Sunnat hai ya Nafil?

सुन्नत और नफिल नफिल एक term है समझने के लिए जो एक दुसरे के माना में इस्तेमाल होती है, जिसमे नफिल नमाज़ को इज़ाफ़ी नमाज़ जो फ़र्ज़ न हो इस लिए ये नमाज़ नफिल है. मगर हर नफिल नमाज़ पर नबी सल्लाहू अलैहे वसल्लम ने पाबन्दी नहीं की है.

लेकिन ये आम नफिल नमाज़ की तरह नहीं है क्युकी तहज्जुद के बाद में कुरान में भी आया है अगर इसके फ़ज़ीलत के हिसाब देखते है तो ये सुन्नत है.

Tahajjud Namaz Related Questions (FAQs)

यहाँ पर कुछ तहज्जुद के मुताल्लिक सवाल व जवाब दिया गया है अगर इसमें आपका कोई सवाल है जो नहीं लिखा गया है तो निचे कमेंट करे.

Tahajjud Namaz Related Questions

Tahajjud ka Time Kab Tak Hai

तहज्जुद की नमाज़ का आखरी वक़्त फज़र की अज़ान से पहले यानि अज़ान से पहले तहज्जुद पढ़ ले.

Tahajjud ki Namaz kab Padhi Jati Hai

तहज्जुद की नमाज़ आधी रात के बाद पढ़ना अफज़ल है इससे अफज़ल ये है की ईशा के नमाज़ पढ़ कर सो जाए और जब नींद खोले रात तब तहज्जुद पढ़ ले.

Tahajjud ki Namaz mein kya Padha Jata Hai

तहज्जुद की नमाज़ बाकि नमाज़ से अलग नहीं है इसमें भी दुसरे नमाजो की तरह कयाम, रुकू, सजदा, तशाहुद सब कुछ पढ़ा जाता है.

रात में कौन सी नमाज पढ़ी जाती है?

रात में तहज्जुद की नमाज़ पढ़ी जाती है इसके अलावा और भी नफिल नमाज़ पढ़ सकते है.

Ramzan Me Taraweeh Aur Tahajjud Padhna Kaisa Hai

हाँ रमजान में तरावीह की नमाज़ के बाद तहज्जुद की नमाज़ पढ़ा जा सकता है.

Kya Tahajjud Namaz me Sirf 2 Rakat Padh Sakte hai?

Tahajjud ki Namaz में 2 रकात से शुरू करके 8 रकात पढ़ा जाता है अगर और पढ़ना है तो 8 के जगह 12 रकात पढ़े.

Kya Tahajjud ki Namaz ka Tarika Har Namaz ki Tarah Hoti Hai?

बिलकुल नहीं, Tahajjud Namaz बाकि नमाजो की तरह अलग नहीं है बलके पांच वक्तो में जो 2 रकात नफिल नमाज़ पढ़ा जाता है सब कुछ तरीका वही रहेगा.

तहज्जुद की नमाज़ कितनी रकात होती है?

तहज्जुद नमाज़ 8 रकात होती है ये मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लाहू अलैहे वसल्लम की सुन्नत और कभी कभी 12 रकात भी पढ़ लेते थे और ये नमाज़ 2 रकात करके पढ़ा जाता है.

क्या तहज्जुद के लिए थोड़ी देर सोना ज़रूरी है?

तहज्जुद नमाज़ के लिए सोना जरुरी नहीं है लेकिन अफज़ल यही है की सोने के बाद जब आपकी नींद खुले रात में तब पढ़ ले.

नफिल नमाज़ में सबसे बेहतर नमाज़ कौन है?

नफिल नमाज़ में सबसे बेहतर और फ़ज़ीलत वाली नमाज़ तहज्जुद है और हर नफिल अमल में सबसे अफज़ल अमाल तहज्जुद पढ़ना है.

Tahajjud ki Baad kya Padhna Chahiye

तहज्जुद की नमाज़ के बाद कोई भी नफिली इबादत कर सकते है बहुत से लोग कुरान शरीफ की तिलावत करते है ये अफज़ल है आप भी कर सकते है. क्युकी तहज्जुद भी एक नफिल नमाज़ इसी लिए आप कोई भी नेक अमल कर सकते है.

Tahajjud ki Namaz me kya padhna Chahiye

तहज्जुद में वही अमल पढ़ा जाता है जो बाकि और नमाजो में पढ़ा जाता है मसलन जो जोहर की 2 रकात नफिल में पढ़ा जाता है वही तहज्जुद में भी पढ़ा जाता है लेकिन नियत सभी का अलग अलग होता है.

आज क्या सिखा

मुझे उम्मीद है की आप सभी हज़रात को Tahajjud ki Namaz Padhne ka Tarika और सलीका हदीस की रौशनी में समझ आ गया होगा.

जिसमे सबसे पहले बताया गया की आखिर तहज्जुद शब्द का मतलब क्या है? फिर उसके बाद तहज्जुद की नमाज़ का वक़्त जिसमे आपको मालूम हुआ की ईशा की नमाज़ के बाद से शुरू होकर फज़र के समय खत्म होता है.

उसी के साथ तहज्जुद की नियत और रकात के बारे में जानकारी लिया फिर Tahajjud ki Namaz ka Tarika Step by Step सीखा.

आखिर में तहज्जुद के फ़ज़ीलत और फायदे के बाद सवाल और जवाब भी देखा अगर इसमें से कोई सवाल हो जो इसमें नहीं लिखा गया है तो आप निचे कमेंट करे.

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