Shab e Qadr ki Dua और इसके फ़ज़ीलत सीखे

अस्सलामु अलैकुम नाज़रीन, आप लोगो ने शबे कद्र की फ़ज़ीलत के बारे में बहुत सुना होगा। इसी लिए आज की पोस्ट में Shab e Qadr ki Dua बताने जा रहा हूँ।

जब रमजान शुरू होता है और जैसे ही 15 दिन गुजर जाता है फिर हर जगह सिर्फ शबे कद्र की सुनाई देती है। और इसके दुआ के बारे में भी बहुत चर्चा होने लगती है।

इसीलिए मैंने सोचा की क्यों ना आज की पोस्ट में Shabe Qadr ki Dua बता दिया जाए हूँ।

अगर आप लोगो को अरबिक पढ़ने नहीं आता है तो परेशान ना हो, आज की दुआ हिंदी और रोमन इंग्लिश में मिलने वाला है।

Shab E Qadr ki Dua

नाज़रीन रमजान के आखिरी असरा यानि बीस दिन गुज़र जाने के बाद 10 दिन बचता है उसे ही आखिरी असरा बोतले है। जिसमे 21, 23, 25, 27, 29 पांच दिन शबे कद्र की नमाज़ पढ़ी जाती है।

इसी लिए हम सब को चाहिए की अपनी गुनाहों की बक्सिश के लिए इस रात को नींद से बेदार हो कर यह दुआ पढ़े।

Shab e Qadr ki Dua

Shab E Qadar ki Dua In Arabic

اَللّٰہُمَّ اِنَّکَ عَفُوّتُحِبُّ الْعَفْوَفَاعْفُ عَنِّیْ ۔

Shabe Kadr ki Dua in Hindi

दोस्तों हदीस में है कि आयशा रज़िअल्लाहू अन्हा ने रसूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से फरमाया, “या रसूल-अल्लाह सललल्लाहू अलैही वसल्लम अगर मुझे शब-ए-क़द्र मिल जाए तो मैं क्या दुआ करू?” तो आप सललल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया, कहो

अल्लाहुम्मा इन्नका अफूवुन तुहिब्बुल अफ्वा, फा’अफू अन्नी

तर्जुमा: – ए अल्लाह, तू बहुत माफ़ करने वाला है और माफ़ी को पसंद करता है इसलिए मुझे माफ़ फरमा। ((सुनन इब्न माज़ा, जिल्द 3, 731-सही))

शबे कद्र की फ़ज़ीलत

शबे कद्र की बहुत फ़ज़ीलत है। कुछ मुख्य बातें इस प्रकार हैं:

  • शबे कद्र में की गई इबादत और दुआएं हज़ार महीने की इबादत और दुआओं के बराबर होती हैं।
  • शबे कद्र की रात में कुरआन पढ़ना बहुत सवाब का काम है। इस रात में कुरआन पढ़ने से पूरे साल तक कुरआन पढ़ने का सवाब मिलता है।
  • शबे कद्र की रात में अल्लाह से माफ़ी मांगना, गुनाहों से तौबा करना और नेकियों की दुआ मांगना जाता है।
  • शबे कद्र में अल्लाह तआला अपने फ़रिश्तों के साथ आसमान की ओर उतरता है और मोमिनों की दुआएं कबूल करता है।
  • शबे कद्र की रात को जागकर गुज़ारने का भी बहुत फ़ज़ल है।
  • शब ए क़द्र की दुआ पढ़ने से पढ़ने वाले की मगफिरत होती है।
  • शब ए क़द्र की रात में नेक व जायज दुआओं की कुबुलियत होती है।
  • इस दुआ को पढ़ने से सगीरा व कबीरा गुनाहों की भी मुआफी होती हैं।
  • शब ए क़द्र में इस दुआ को पढ़ने वाले पर हमारा रब खास तज्जली फरमाता है।

इसलिए शब-ए-क़द्र की रात को इबादत में गुज़ारना और अल्लाह से बेशुमार रहमतें मांगना चाहिए।

आज आपने क्या सीखा

नाज़रीन आप ने इस पोस्ट में बहुत ही रहमत व बरकत भरी दुआ यानी Shab e Qadr ki Dua बहुत ही आसान लफ्ज़ों में सीखा हमने यहां पर शब ए क़द्र की दुआ को तीनों मशहूर जबान में लिखा जिसे आप अपने मन पसन्द भाषा में आसानी से पढ़ सकें।

अगर यह लेख पसंद आया होगा और इसी तरह नई नई इस्लामिक दुआ सीखना चाहते है तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे और अपने सोशल मीडिया पे शेयर करना नहीं भूलना है।

अगर अभी भी आपके जहन में शब ए क़द्र की दुआ से जुड़ी कोई सवाल या डाउट हो तो आप हमसे कॉमेंट करके ज़रूर पूछें।

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