Sehri ki Dua: सेहरी करने की दुआ याद करे

अस्सलामु अलैकुम नाज़रीन क्या आप भी गूगल में Sehri ki Dua सर्च कर रहे है तो बिलकुल सही जगह पर आए है।

दोस्तों यह रमजान का महिना है जिसमे अल्लाह ता’अला ने हम सभी मुसलमान मर्द और औरत पर रोज़ा फ़र्ज़ है। जिसमे रोज़ा रखने से पहले जिसे सहरी कहते है उससे पहले कुछ अरबिक आयात पढ़ते है।

अगर वही सीखने के लिए आए है तो आप लोग इत्मिनान के साथ इस पोस्ट को पढ़ सकते है। जहाँ पर 2 से अधिक भाषा में यह दुआ सिखाने की कोशिश किया गया है। जिससे अरबिक का उच्चारण सही दंग से हो पाए।

नाज़रीन सेहरी की दुआ और Iftar ki Dua in Hindi सीखना सभी मुसलमानों के लिए बहुत जरुर है।

Sehri ki Dua (सेहरी की दुआ)

सेहरी करने की दुआ में कोई भी गलती ना हो इसके लिए यहाँ पर अरबिक, हिंदी के साथ रोमन इंग्लिश में भी लिखा गया है। जिससे इस दुआ का उच्चारण सही ढंग से हो पाए और किसी भी किस्म का गलती ना हो।

यह दुआ सेहरी का खाना खाने से पहले नहीं पढ़ना है बलके अच्छी तरह से सेहरी में खाना खाया और पानी भी पिए और जब खाना खाने से फारिग हो जाए तो निचे दिया गया दुआ को पढ़े ले।

Sehri se Pehle ki Dua in Arabic

وَبِصَوْمِ غَدٍ نَّوَيْتُ مِنْ شَهْرِ رَمَضَانَ

सेहरी की दुआ

व बिसौमि गदिन नवैतु मिन शहरि रमजान

सेहरी की दुआ का तर्जुमा

मैं रमज़ान के महीने में इस रोज़े की नीयत करता हूँ।

Sehri ki Dua in Roman English

Wa Bisawmi Ghadinn Nawaiytu Min Shahri Ramadan

Sehri se Pehle ki Dua with English Meaning

I Intend to keep the fast for month of Ramadan

सहरी को करने का वक़्त क्या है?

सेहरी करने का वक़्त रात के आखिर में होता है यानि फजर अज़ान से पहले तक होता है। लेकिन इसका हरगिज़ यह मतलब नहीं है की जब तक अज़ान नहीं होता उस वक़्त खा पि सकते है, ऐसा करने से कभी कभार तो सही है लेकिन बार बार करना आपकी रोज़ा मकरोह कर सकता है।

क्युकी कभी कभी अज़ान देने में कुछ वक़्त लग जाता है या लेट हो जाता है। जिस वजह से सेहरी का वक़्त खत्म हो जाने के बाद भी अज़ान नहीं होता और हम लोग खाते और पीते रहते है। जिसकी वजह से मेरी रोज़ा कबूल नहीं होता।

तो इसका बेहतर हल यह है की अज़ान का इन्तेज़ार ना करे बलके अपने मोबाइल पर apps डाउनलोड कर ले या अपने पास कैलेंडर रख ले।

सहरी खाये बगैर रोज़ा रखना कैसा है?

सबसे पहले आपको यह मालूम होना चाहिए की सेहरी खाना हमारे नबी सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम की सुन्नत है। इसलिए बिना कोई strong reason के सेहरी ना खाना गलत माना जाता है। वैसे कोई भी शख्स ऐसा नहीं करता जो जानबूझ कर सेहरी ना खाता हो। हाँ बिना सेहरी खाए रोज़ा रखा जा सकता है।

क्या सेहरी के लिए अज़ान सर्त है?

सेहरी करने के लिए अज़ान का होना सर्त नहीं है क्युकी अगर अज़ान का होना सर्त रहता तो उन शहर या गाँव में रोज़ा कैसे रखा जाता जहाँ पर ना मस्जिद है और ना ही अज़ान होती है।

इसलिए अज़ान का होना सर्त नहीं है बलके वक़्त का होना सर्त है। यानि रमज़ान महीने में रोज़ा रखने और रोज़ा खोंलने की एक मुकरर वक़्त होता है।

दोस्तों मै रमजान के रोज़े के लिए बहुत ज्यादा शुक्रगुजार हूँ क्युकी इस महीने का फ़ज़ीलत और अहमियत का क्या कहना बेमिशाल है।

ऊपर बताये गए दुआ में किसी भी किस्म की गलती हो या कोई और जानकारी जोड्वाना चाहते है तो निचे कमेंट करे।

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