Salatul Tauba ki Namaz Padhne ka Tarika

दोस्तों आज की पोस्ट में Salatul Tauba ki Namaz Padhne ka Tarika सिखने वाले हो जिसमे सबसे पहले आपको मालूम होगा की तौबा की नमाज़ क्या है इसके साथ इसके नियत, रकात और वक़्त भी मालूम होने वाला है.

इस वेबसाइट का मकसद है नए जनरेशन के नौजवान को इन्टरनेट की माध्यम से इस्लामिक तरीका सिखाना क्युकी आज कल की youth मदरसे और मुफ़्ती मौलाना के पास सवालात नहीं करते है.

और इन्टरनेट पर सर्च करने लगते है ऐसे में गूगल पर बहुत सारे गलत तरीका भी बताया गया रहता है जिसको देखकर हमारे नौजवान के इस्लाम का गलत मेसेज पहुँच रहा है. इसी लिए Outline Islam वेबसाइट पर मकसद सही जानकारी पहुँचाना है.

सलातुल तौबा की नमाज़ क्या है?

सलातुल तौबा की नमाज़ एक नफिल नमाज़ है और ये नमाज़ उस वक़्त पढ़ते है जब कोई सख्स अपनी गलती पर सर्मिन्दा होता है और अल्लाह ता’अला की बारगाह में तौबा करता है फिर 2 रकात तौबा की नमाज़ पढ़ता है.

आपको ये भी जानकारी होना चाहिए की हदीस में सलातुल तौबा की नाम से कोई हदीस नहीं है लेकिन सब कोई सलातुल तौबा की नमाज़ इस लिए बोलते है की जब इन्सान तौबा करता है फिर 2 रकात नफिल नमाज़ अदा करता है इसी लिए इसे Salatul Tauba ki Namaz कहते है.

Salatul Tauba ki Namaz ka Time

दोस्तों बार बार ये बताते है की कुछ नफिल नमाज़ ऐसे भी होते है जिसका कोई भी मुकरर वक़्त नहीं होता है उसी तरह सलातुल तौबा का भी कोई वक़्त नहीं जब आप तौबा करे उसी वक़्त नमाज़ पढ़े.

लेकिन आप सभी को मकरूह वक़्त का ध्यान देना चाहिए क्युकी इस वक़्त अल्लाह ता’अला को सजदा अच्छा नहीं लगता है इसके और भी बहुत कारण है.

Salatul Tauba ki Namaz ki Niyat

नियत सबसे अच्छा दिल में करना होता है लेकिन जुबान से करना में कोई हर्ज़ नहीं है इसी लिए यहाँ पर दिया जा रहा है जिसको याद करने इस वक़्त पढ़ सकते है.

“नियत करता हूं मैं 2 रकात नमाज सलातुल तौबा की नफल वास्ते अल्लाह ताला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर”

इसके अलावा जितने भी नमाज़ है सभी का नियत एक साथ पढ़ना और सीखना चाहते है तो मेरी Namaz ki Niyat वाली पोस्ट को पढ़ना होगा.

सलातुल तौबा की नमाज़ कितनी रकात होती है

सलातुल तौबा की नमाज़ में 2 रकात होती है और ये एक नफिल अमल और नफिल इबादत है.

Salatul Tauba ki Namaz ka Tarika

इन्सान एक ऐसी मखलूक है जो हमेशा गलती करता रहता है और मोमिन लिए दुनिया कैद खाना है और काफ़िर के लिए जन्नत है इसी लिए लोग भटक जाते है और गलती कर बैठते है.

अल्लाह ता’अला उस बन्दे को पसंद करता है जो गलती करता है फिर सदके दिल से तौबा करता है भी 2 रकात नमाज़ पढ़ता है.

आपको ऊपर पहले ही बता दिया हूँ की ये नमाज़ हदीस से साबित नहीं है इसी लिए इसका कोई भी खास तरीका नहीं है आप सभी जैसे नार्मल नमाजो में नफिल नमाज़ अदा करते है ठीक उसी तरह इस नमाज़ को भी अदा करे.

दोस्तों आप सभी से गुजारिश है की Salatul Tauba ki Namaz ka Tarika सिर्फ अपने तक महदूद ना रखे बल्कि अपने फॅमिली और दोस्तों को भी Whatsapp, Facebook, Instagram पर शेयर जरुर करे.

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