अस्सलामु अलैकुम दोस्तों आज की पोस्ट एक ऐसी स्पेशल दुआ के बारे में बताने जा रहा हूँ जो हमेशा आपके काम आएगा जिसे Safar ki Dua कहते है। आप यह मत समझिएगा की इसे पढ़ने से कुछ भी नहीं होगा बलके बुरी जादू से हिफाज़त में बहुत काम अता है।
अगर आप इसे पढ़कर सफर में निकलते हैं तो, इंशाअल्लाह अल्लाह पाक आपको हर मुसीबत से दूर रखेंगे और आपका सफ़र आसान कर देंगे। आप चाहें तो इस दुआ के शुरु और आखिर में दरूद शरीफ और आयतल कुर्सी भी पढ़ सकते हैं।
जब सफ़र में निकले तो नमाज़ पढ़ना ना भूले यानि सफ़र वाले शख्स को नमाज़ में छुट मिल जाती है जिसको मुसाफिर की नमाज़ कहते है। इसको भी सीखना सभी मुसलमानों के लिए बेहद जरुरी है।
इस पोस्ट में सिर्फ एक ही दुआ नहीं मिलेगा बलके बहुत सारे सफ़र से मुताल्लिक बताया जायेगा। जिसमे तर्जुमा भी साथ साथ होगा जिससे समझने में आसानी होगी।
सफ़र की इरादा करे तो कौन सी दुआ पढ़े?
दोस्तों सबसे पहले यह जान लेते है जब सफ़र यानि किसी जगह पर जाने का इरादा करते है तो उस वक़्त क्या पढ़ते है। जैसे की आपको डेल्ही जाना है तो इरादा कैसे करेंगे।
इसका सबसे आसान सा दुआ है सबसे पहले इंशाल्लाह बोले फिर निचे दिया गया दुआ को पढ़ ले।
اللَّهُمَّ بَكَ أَصُولُ وَبِكَ أَجُولُ وَبِكَ أَسِيرُ
अल्लाहुम-म बि-क असूलु व बि-क अहूलु व बि-क असीरु०
तर्जुमा:- अल्लाह मैं तेरी मदद से ही हमला करता हूं, तेरी ही मदद से उनको दूर करने की तद्-बीर करता हूं तथा तेरी ही मदद से चलता हूं।
Safar ki Dua
अब जानते है की इस्लाम में हर काम के लिए मौजूद दुआ बताया गया है जो इस वेबसाइट हर बताया और सिखाया जाता है। अगर आपको उधाहरण देकर बताऊ तो सवारी पर सवार होने की दुआ या Kabristan me Dakhil Hone ki Dua जैसे सैकड़ो है।
इस दुआ को पढ़ने से पहले बिस्मिल्लाहहिर्रहरामनिर्रहीम और तीन-तीन बार दुरूद शरीफ पढ़ कर आसमान की तरफ अपना मुँह करके फूंक मार दे।
इस दुआ का इतना असर हैं की इस दुआ से सफर में आपकी हिफाजत होगी आप पर रहमत होगी, आपकी सफर की मुराद पूरी होगी और आपको गैबी मदद भी हासिल होगी।
safar ki dua in arabic
سُبْحَـٰنَ ٱلَّذِى سَخَّرَ لَنَا هَـٰذَا وَمَا كُنَّا لَهُۥ مُقْرِنِينَ وَإِنَّآ إِلَىٰ رَبِّنَا لَمُنقَلِبُونَ
सफर की दुआ हिंदी में
सुब्हानल्लज़ी सख्खर लना हाज़ा वमा कुन्ना लहू मुक़रिनीन, व इन्ना इला रब्बीना लमुनक़लिबुन
सफर में जाने की दुआ तर्जुमा के साथ
वो पाक है जिसने इसको हमारे काबू में कर दिया और हम में ताकत न थी कि इसको काबू में कर लेते और हमको अपने रब की तरफ़ ही लौट कर जाना है।
Safar ki Dua with Roman English
Subha Nal Lazi Sakhkharlana Haaza wama kunna Lahu Muqrineen Wa Inna ilaa Rabbina Lamun Qaliboon.
यह दुआ उस वक़्त पढ़ते है जब सफ़र शुरू कर देते है यानि किसी भी माध्यम से जैसे कार, ट्रेन या हवाई जहाज़ में सफ़र करना शुरू कर देते है तब यह दुआ पढ़ सकते है।
Safar ki Dua for Car
दोस्तों कार में सफ़र करने की दुआ कोई अलग दुआ नहीं है बलके जैसे की हमने ऊपर ही बताया की यह दुआ किसी भी माध्यम में सफ़र करने वाली पर लागु है चाहे वह बाइक हो या कार, ट्रेन हो या हवाई जहाज़।
सफर के दरमियान की दुआ
इससे पहले जो भी सफ़र के हवाले से पढ़ा है वो तो सफ़र में पढ़ना ही है लेकिन यह दुआ सफ़र दरमियान यानि सफ़र के बिच में पढ़ा जाता है।
यानि जो पहले दुआ बताया गया है वह पढ़ने के बाद यह दुआ को पढ़ा सा सकता है या भूल जाए और सफ़र के बिच में या आखिर में याद आए तो भी पढ़ सकते है।
اللَّهُمَّ إِنَّا نَسْأَلُكَ فِي سَفَرِنَا هَذَا الْبِرَّ وَالتَّقْوَى وَمِنَ الْعَمَلِ مَا تَرْضَى اللَّهُمَّ هَوِّنْ عَلَيْنَا سَفَرَنَا هَذَا وَاطْوِ لَنَا بُعْدَهُ اللَّهُمَّ أَنْتَ الصَّاحِبُ فِي السَّفَرِ وَالْخَلِيفَةُ فِي الْأَهْلِ اللَّهُمَّ إِنِّي أَعُوذُ بِكَ مِنْ وَعْثَاءِ السَّفَرِ وَكَآبَةِ الْمَنْظَرِ وَسُوءِ الْمُنْقَلَبِ فِي الْمَالِ وَالْأَهْلِ وَأَعُوذُ بِكَ مِنَ الْحُورِ بَعْدَ الْكُورِ وَدَعْوَةِ الْمَظْلُومِ
अल्लाहुम-म इन्ना नस् अलु-क फ़ी स-फ़-रिना हाज़ल बिर-र वत्तक़्वा व मिनल अ-म लि मा तर्ज़ा अल्लाहुम-म हव्विन अलैना स-फ़-र-ना हाजा़ वत्वि-ल-ना बुअ् द हू अल्लाहुम-म अन्तस्साहिबु फ़िस्स-फ़-रि वल ख़लीफ़तु फि़ल अहिल अल्लाहुम-म इन्नी अअूज़ुबि-क मिंव-वअ् साइस्स-फ़ रि व का ब ति ल मन्ज़रि व सूइल मुन्क़-ल-बि फ़िल मालि वल अहि्ल व अअूज़ुबि-क मिनल हौरि बअ दल कौरि व दअ वतिल मज़्लूम
सफर के दरमियान की दुआ हिंदी तर्जुमा के साथ
ऐ अल्लाह, हम तुझ से इस सफ़र में नेकी तथा परहेज़गारी का सवाल करते हैं तथा हम उन आमाल का सवाल करते हैं जिनसे आप राजी हों।
ऐ अल्लाह, हमारे इस सफ़र को हम पर आसान फ़रमा दे तथा इसका रास्ता जल्दी जल्दी तय करा। ऐ अल्लाह, तू स़फर में हमारा साथी है तथा हमारे पीछे घर बार का कारसाज़ है।
ऐ अल्लाह, मैं तेरी पनाह चाहता हूं सफ़र की मशक्क़त तथा घर बार में बुरी वारसी से तथा बुरे हालात के देखने से तथा बनने के बाद बिगड़ने से तथा मज़्लूम की बद्-दुआ से।
safar se wapsi ki dua
जब सफ़र से वापस आ जाएँ और इस दौरान अल्लाह ने आपकी हिफाज़त की।
तो अब आप पर ज़रूरी है कि उसकी हम्दो सना और तारीफ में ये चंद अलफ़ाज़ ज़रूर कहें।
जिसको नबी स.अ. सफ़र से वापसी पर पढ़ा करते थे और साथ ही साथ 2 रकअत निफ़िल नमाज़ अदा करें।

اٰ ئِبُوْنَ تَآئِبُوْنَ عَابِدُوْنَ سَاجِدُوْنَ لِرَبِّنَاحَامِدُوْنَ
आअिबूना ताअिबूना आ़बिदूना साजिदूना लि रब्बिना हामिदून
हम सफर से आने वाले है, तौबा करने वाले है, इबादत करने वाले है, सजदा करने वाले है और अपने खुदा की हम्द करने वाले है।
किसी मंज़िल यानी रेलवे या बस स्टेशन पर उतरे तो यह दुआ पढ़ें
أَعُوذُ بِكَلِمَاتِ اللَّهِ التَّامَّاتِ مِنْ شَرِّ مَا خَلَقَ
अअूज़ु बिकलिमातिल्लाहित्ताम्माति मिन शर्रि मा ख-लक०
तर्जुमा:– अल्लाह के पूरे कलिमात के वास्ते से अल्लाह की बनना चाहता हूं उसकी मख़्लूक़ के शर से।
शहर या बस्ती में दाखिल होने की दुआ
दोस्तों जब आप किसी बस्ती या शहर या अपने गाँव में दाखिल होने लगे यानि सफ़र खत्म होने के बाद या किसी और वजह से बाहर से शहर या बस्ती में दाखिल होने लगे तो यह दुआ पढ़े।
اللَّهُمَّ بَارِكْ لَنَا فِيهَا
अल्लाहुम-म बारिक लना फ़ीहा ०
तर्जुमा:– ऐ अल्लाह, तू हमें इस में बरकत दे।
यह दुआ याद नहीं हो रहा है और कोई दूसरा दुआ पढ़ना चाहते है तो यह पढ़े:
اللَّهُمَّ ارْزُقْنَا جِنَاهَا وَحَبِّبْنَا إِلَى أَهْلِهَا وَحَبِّبْ صَالِحِي أَهْلِهَا إِلَيْنَا
अल्लाहुम-मर्ज़ुक़्ना जना हा व हब्बिब्ना इला अहिल हा व हब्बिब सालिही अहिलहा इलैना ०
तर्जुमा:– ऐ अल्लाह, तो हमें इसके मेवे नसीब फ़रमा तथा यहां के बाशिंदों के दिलों में हमारी मोहब्बत तथा यहां के नेक लोगों की मोहब्बत हमारे दिलों में पैदा फ़रमा दें।
इस्लाम में कितनी दुरी को सफर माना जाता है?
इस्लाम में किसे सफर माना जाए आज भी लोगों की अलग अलग राय है। बहुत से लोगों का यह कहना है कि अगर मेरा सफर 90 किलोमीटर से ज्यादा हैं तो उसे सफर मान लिया जाए। चाहे उस सफ़र को पूरा करने के लिए हवाई जहाज या ट्रेन या बस का प्रयोग किया हो कुछ लोगों का यह कहना है कि अगर सफर में 2 दिन का समय लगे तो उसे सफर माना जाएगा।
सफर को लेकर इस्लाम से जुड़े लोगों की अलग अलग राय है। अल्लाह तल्लाह आपकी नियत को देखता है आप safar ki dua in Hindi पढ़ कर ही अपना सफर शुरू करे। और कोशिश हो की घर से वुजू करके निकले।
वजू भी एक मुस्तकिल इबादत है, क्या पता दुनिया में किया कौन सा काम अल्लाह तल्लाह को पसंद आ जाये और हमारी बक्शीश का बाइस बन जाए।
इस्लाम में अच्छी बाते फैलाना भी सदका- ए – जरिया है जैसे:
- ट्रेन में चढ़ते समय सफर की दुआ पढ़कर अपनी सीट पर जाकर बैठ जाएं।
- हमेशा ट्रेन छूटने से 10 से 15 मिनट पहले स्टेशन पर आएं।
- अपने ही साथ सफर कर रहे, और दूसरे छोटे और बूढ़े लोगों का ख्याल रखें।
Safar ki Dua Related (FAQs)
सफ़र क्या है?
जब हम एक जगह से किसी दुसरे जगह किसी भी सवारी से जाते है जैसे – गाड़ी, बस, ट्रेन, जहाज़,आदि तो उसे सफ़र कहते है या आप एक city से दुसरे city, एक शहर से दुसरे शहर जाते है तो उससे सफ़र कहते है।
कितनी दुरी को सफ़र माना जाता है?
इस्लाम में सफ़र की दुरी कितनी होती है इसमें इख्तेलाफ़ है अलग अलग उलमा अपनी कैलकुलेशन के हिसाब से बताते है जैसे की कुछ उलमा कहते है की 90 किलोमीटर की दुरी करना सफ़र माना जाता है।
उसी तरह कुछ उलमा यह मानते है की 2 दिन की सफ़र करना सफ़र माना जाता है लेकिन अल्लाह ता’अला आपकी नियत देखता है।
सफ़र की दुआ पढ़ना फ़र्ज़, सुन्नत या नफिल है?
Safar ki Dua एक ऑप्शनल इबादत यानि नफिल इबादत है। जिसका मतलब यह है की यह अमल करने से बहुत ज्यादा सवाब और बुरी आफत से हिफाज़त होगी लेकिन नहीं पढ़ने से कोई गुनाह नहीं होगा।
आखिरी बाते जाने
नाज़रीन इस पोस्ट में Safar ki Dua in Hindi के मुताल्लिक बहुत सारे दुआ को पढ़ा और सीखा जो सफ़र के हवाले से अलग अलग मौके पर पढ़ा जाता है।
जो अपने आप में हजारो सवाब को रखता है और जो शख्स इसको पढ़ता है तो पढ़ने वाले को आसानी से मिल जाता है तो क़यामत के दिन इसका अज़र मिलेगा।
इन सभी दुआ को पढ़ने से एक और बड़ी फायदा होगा की आप बुरी आफत और बुरी नज़र से हिफाज़त हो जाएगी।
दोस्तों इस तरह का पोस्ट लिखने में बहुत ज्यादा समय और मेहनत लगता है जिसके बदले में हम आप से सिर्फ एक उम्मीद कर सकते है की इस तरह का जानकारी अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे।