क्या आपको मालूम है पांच वक्त की नमाज में कितनी रकात होती है और किस नमाज़ में कितना फ़र्ज़, सुन्नत और नफिल होता है तो आप सही जगह आए है.
हर मुस्लमान को Namaz ki Rakat के बारे में अच्छी तरह से जानकारी होनी चाहिए क्युकी कभी कभी ऐसा होता है अपने फॅमिली या कोई इन्सान हमसे पूछते है की जोहर की नमाज़ कितनी रकत की होती है तो वह पे बहुत ही सर्मिंदगी होती है.
खासकर जब आप इंडिया जैसे देशो में रहते है तो वह पर तो आपको गैर मुस्लिम इस्लाम के मुताल्लिक बहुत सारे सवाल पूछते है जैसे गैर मुस्लिम आपका आपसे पूछ ले की दोपहर की नमाज़ क्या है या कितनी रकात पढ़ते है.
तो वह पर हम लोग चुप हो जाते है या बहाना बना देते है लेकिन आज के बाद ऐसा कभी नहीं होगा.
क्युकी आज के इस पोस्ट में 5 Waqt ki Namaz में या किसी और नमाज़ में कितनी रकत होती है सब कुछ मालूम चलने वाला है.
आप एक गुजारिश है की OUTLINEISLAM वेबसाइट को ज्यादा से ज्यादा अपने दोस्तों के साथ शेयर करे.
5 Waqt ki Namaz me Kitni Rakat Hoti Hai
हर नमाज़ में फ़र्ज़, सुन्नत, वाजिब, नफ्ल और कुछ मुअक्किदा व कुछ गैर मुअक्किदा होती हैं तो सबसे पहले हम इनका मतलब समझ लेते है की कौन सबसे ज्यादा जरुरी (Importance) है.
- फ़र्ज़: इस का पढ़ना ज़रूरी है और छोड़ना हराम है और इसके छोड़ने पर अज़ाब होगा | फ़र्ज़ नमाज़ें वो हैं जिन्हें हर हाल में अदा करना ज़रूरी है वो किसी भी वक़्त में माफ़ नहीं होतीं लेकिन अगर किसी शदीद मजबूरी में छूट जाये तो मजबूरी ख़त्म होने के फ़ौरन बाद पढ़ना ज़रूरी है | मर्दों को मस्जिद में जाकर इमाम के पीछे जमात के साथ अदा करनी होती है लेकिन अगर किसी मजबूरी की वजह से जमात में शामिल न हो सके तो अकेले पढ़ सकता है |
- वाजिब: जिसको जान बूझ कर अगर छोड़ा तो गुनाहगार होगा
- नफ्ल: ( Nafl ) इसके पढने से सवाब होगा लेकिन न पढने से कुछ अज़ाब न होगा फिर भी जहाँ तक हो सके ज़रूर पढ़े |
- सुन्नते मुअक्किदा: जो फ़र्ज़ नमाज़ों की तरह ज़रूरी तो नहीं होती लेकिन बगैर किसी मजबूरी की वजह के सिर्फ़ सुस्ती की वजह से छोड़ना जाएज़ नहीं इसलिए इन्हें भी अदा करना ज़रूरी होता है लेकिन वक़्त निकल जाने के बाद इनकी क़ज़ा नहीं पढनी होती है |
- सुन्नते गैर मुअक्किदा: जिसकी ज्यादा ताकीद न हो इसका हुक्म ये है कि करने वाला सवाब हासिल करेगा लेकिन न करने वाला गुनाहगार नहीं होगा |
5 Namaz ki Rakat Photo
अगर आपके पास इतना भी समय नहीं है की इस पूरी पोस्ट को पढ़े तो सिर्फ आप इस फोटो को डाउनलोड करके देखर याद करके क्युकी इस इमाम में 5 वक़्त के अलावा जुम्मा की नमाज़ उसी के साथ फ़र्ज़, वाजिब, मुआक्किदा और गैर मुआक्कादाह के बारे में बताया गया है.
जिसको देख कर आसानी से याद किया जा सकता है अगर अभी आपके पास टाइम नहीं तो फ़ोन में सेव कर ले और जब आप के पास समय तो देखकर याद कर ले.

Fajr me Kitni Rakat Namaz Hoti Hai
नमाज़ के बारे में जानने के बाद अब जानते है की Fajar ki Namaz ki Rakat कितनी होती है? तो आपकी जानकारी के लिए बता क्युकी अक्सर सभी मुस्लमान को मालूम होता है Fajar ki Namaz 4 Rakat होती है.
सबसे पहले 2 रकात सुन्नत पढ़ा जाता है फिर इमाम के पीछे या अकेले यानि तनहा पढ़ रहे तो 2 रकात फ़र्ज़ पढ़ा जाता है. जो निचे बताया गया है.
- 2 रकात सुन्नत
- 2 रकात फ़र्ज़
- (कुल = 4 रकात)
Zohar ki Namaz ki Rakat Kitni Hoti Hai
फजर की नमाज़ जानने के बाद अब उसके करीब यानि Johar ki Namaz ki Rakat भी जानना जरुरी है. इसीलिए इस पोस्ट में 5 वक़्त की नमाज़ के साथ जुम्मा की नमाज़ की रकात भी बताया है.
Johar ki Rakat कुल मिलकर 12 रकात होती है जिसमे से सबसे पहले 4 रकात सुन्नत पढ़ी जाती अगर आपको सुन्नत मोकिदा और सुन्नत गैर मोकिदा भी जानना आपके लिए जरुरी है.
इसके बाद 4 रकात फ़र्ज़ नमाज़, 2 सुन्नत, और 2 नफिल पढ़कर Zohar ki namaz को मुकम्मल कर ले.
- 4 रकात सुन्नत
- 4 रकात फ़र्ज़
- 2 रकात सुन्नत
- 2 रकात नफिल
- (कुल = 12 रकात)
Asar ki Namaj mein Kitni Rakat Hoti Hai
Asar ki Kitni Rakat Hoti Hai? यह जानने से पहले अगर आपको रिज्क को बढ़ाना है तो Asar ki Namaz कभी नहीं छोड़े वैसे किसी भी फ़र्ज़ नमाज़ नहीं छोड़े लेकिन हर नमाज़ का फायदा आलग अलग होता है.
लेकिन अल्लाह ता’अला अपने बन्दों के अच्छी और बुरी खावाहिस हो अच्छी तरह से जानना इसी लिए असर की नमाज़ टाइम के साथ पढ़ना चाहिए.
Asar ki namaz 8 Rakat Hoti Hai जिसमे सबसे पहले 4 रकात सुन्नत गैर मोकिदा फिर 4 फ़र्ज़ यानि कुल मिलकर 8 रकत पढ़ा जाता है.
असर की नमाज़ कितनी रकत है
- 4 रकात सुन्नत
- 4 रकात फ़र्ज़
- (कुल = 8 रकात)
मगरिब की नमाज में कितनी रकात होती है
असर की नमाज़ में बारे में जानने के बाद अब जानते है की Maghrib ki Namaz ki Rakat 7 होती है जिसमे अज़ान के बाद फ़ौरन 3 रकात फ़र्ज़ की नमाज़ पढ़ने के लिए रेडी होना रहता है.
क्युकी हर नमाज़ का एक मुक्तारिफ टाइम होता है उसी के अन्दर फ़र्ज़ नमाज़ पढ़ी जाती है उसके बाद उसकी क़ज़ा पढ़ा जाता है.
Maghrib ki Rakat अगर अभी भी clear नहीं हुआ तो निचे List दिया हुआ है उसके देखकर कर याद कर ले.
- 3 रकात फ़र्ज़
- 2 रकात सुन्नत
- 2 रकात नफिल
- (कुल = 7 रकात)
Isha ki Namaz ki Rakat Kitni Hoti Hai
Isha ki Namaz ki Rakat 17 होती है जिसमे 2, 3, 4 रकात अलग अलग तरीके से पढ़ा जाता है. Isha ki Rakat सबसे पहले 4 रकात सुन्नत से शुरू होता है फिर 4 रकात फ़र्ज़, 2 रकात सुन्नत, 2 रकात नफिल, 3 रकात वित्र यानि वाजिब, और फिर आखिर में 2 रकात नफिल की नमाज़ पढ़े.
Isha me Kitni Rakat Hoti Hai ये जानने के बाद अगर अभी भी समझ में नहीं आ रहा है तो निचे लिस्ट के द्वारा बता गया है उम्मीद करता हूँ की अच्छी तरह से समझ में आएगा. इंशाअल्लाह
- 4 रकात सुन्नत
- 4 रकात फ़र्ज़
- 2 रकात सुन्नत
- 2 रकात नफिल
- 3 रकात वित्र
- 2 रकात नफिल
- (कुल = 17 रकात)
5 Waqt ki Namaz ke Naam
- फजर (Fajr)
- ज़ोहर (Duhur)
- असर (Asar)
- मग़रिब (Maghrib)
- ईशा (Isha)
हर दिन 5 वक़्त की नमाज़ फज़र (सूरज निकलने से पहले), जुहर (दोपहर के वक़्त), असर (सूरज ढलने से पहले), मगरिब (सूरज छिपने के बाद) और ईशा (रात के समय). इसके अलावा भी कई नफील नमाजें हैं, जो अलग-अलग दिन और अलग-अलग मौकों पर पढ़ी जाती हैं.
5 Waqt ki Namaz ke Naam in English
- Fajr (the dawn prayer)
- Dhuhr (the early afternoon prayer)
- Asr (the late afternoon prayer)
- Maghrib (the sunset prayer)
- Isha’a (the night prayer)
जुम्मे की नमाज में कितनी रकात होती है
- 4 रकात सुन्नत
- 2 रकात फ़र्ज़
- 4 रकात सुन्नत
- 2 रकात सुन्नत
- 2 रकात नफिल
- (कुल = 14 रकात)
जब आप मस्जिद या ईदगाह जाते है तो सबसे पहले मस्जिद में जाने की ख़ुशी में 2 रकात नफिल पढ़ सकते है या डायरेक्ट 4 रकात सुन्नत की नियत करके नमाज़ पढ़े.
इसके बाद इत्मिनान के साथ खामोश हो कर बैठ जाए और इमाम के तकरीर और खुतबा सुने फिर इमाम के पीछे 2 रकात फ़र्ज़ की नमाज़ पढ़े.
उसी तरह चार रकात सुन्नत, 2 रकात सुन्नत और फिर आखिर में 2 रकात नफिल पढ़े.
Namaz Kitne Time Hoti Hai
क़यामत के दिन सबसे पहला सवाल नमाज़ के बारे में होगा की नमाज़ पढ़ा या नहीं पढ़ा और जहाँ दिनभर में कितने वक़्त की नमाज़ होती तो अगर आप मुस्लिम इलाको में रहते है तो आपको मालूम होगा.
लेकिन अगर मुस्लिम इलाको नहीं रहते तो मै आपको बता दू की हर दिन 5 वक़्त की या टाइम की नमाज़ होती है जिसमे से हर सप्ताह में एक दिन जोहर के वक़्त जुम्मा की नमाज़ अदा की जाती है.
जुम्मा भी जैसे पांच नमाज़ हमारे ऊपर फ़र्ज़ है उसी तरह सभी मुस्लमान पर मस्जिद के अन्दर इमाम के पीछे जुम्मा की नमाज़ पढ़ना जरुरी है.
आज आपने क्या सिखा
आज आपने सबसे पहले शुरू में में Namaz ki Rakat के बारे में डिटेल्स के साथ प्रॉब्लम के बारे में जाना और उसके साथ उसकी हल (solution) के बारे में भी जाना.
पांच वक़्त नमाज़ के साथ जुम्मा की नमाज़ की रकात क्या है और कब कितना यानि 2, 3, 4 रकात पढ़ना है जानने को मिला है.
मुझे उम्मीद है की ये पोस्ट को अच्छा लगा होगा इससे रिलेटेड अगर आपको कोई क्वेश्चन है तो निचे कमेंट जरुर करे.
खुदा हाफिज!!
Bahut sukria is mahloomaat ka
Allah Hafiz
Shukuriya Bhai