अस्सलामु अलैकुम दोस्तों आज की पोस्ट में हर मुसीबत और परेशानी से बचने के लिए Musibat ki Dua बताने जा रहा है। जिसको पढ़कर आप भी अपने घर में होने वाली सभी प्रकार के मुश्किल और परेशानी से निजात पा सकते है।
मुस्लिम शरीफ एक हदीस है जिसमे नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम फरमाते है की दुनिया मोमिन के लिये कैदखाना है और काफिर के लिये जन्नत है।
लोग कहते है की इस्लाम में आ जाओ मुश्किल और परेशानी ख़त्म हो जाएगा ऐसा नहीं है बलके इस्लाम में आने के बाद मुश्किल और परेशानी सहने की ताकत मिल जाती है।
क्युकी बच्चा पैदा होने से पहले ही उसकी तक़दीर और रिजक लिख दी जाती है जिसमे पैदा होने से लेकर और मरने तक क्या क्या करने वाला है हर एक चीज़ लिख लिया जाता है।
इसमें मुश्किल और परेशानी भी लिखी होती है इसके साथ ही लिखा जाता है की अगर Pareshani ki Dua पढ़ेगा तो उसकी परेशानी भी दूर होगी।
इसके पिछले ब्लॉग में Hasbunallahu Wa Ni’mal Wakeel एक दुआ बताया था जिसका मतलब होता है की अल्लाह हमारे लिए काफी है अगर नहीं पढ़े है तो इसको पढ़ने के जरुर पढ़े।
नाज़रीन इस पोस्ट में Musibat aur Pareshani ki Dua को सिखाने के लिए अरबिक भाषा के अलावा दो और अलग अलग भाषा में लिखा गया है जिसको देखकर आसानी से यह दुआ याद हो जायेगा।
मुसीबत की दुआ क्या है?
हमारे नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने हम लोगो को हिफाज़त और बरकत के लिए बहुत सारी दुआ बताए है जो हदीसो से भी साबित है। जैसे अज़ान के बाद की दुआ या इस्तिखारा की दुआ उसी तरह मुसीबत और परेशानी की दुआ भी बताया है।
जिसे आज की पोस्ट में पूरी विस्तार से बताने का प्रयास किया गया है। क्युकी एक या दो नहीं बलके चार दुआ मुसीबत से बचने और निजात पाने के लिए बताया गया है।
Musibat ki Dua
तो सबसे पहले अल्लाह ता’अला पर तवक्कुल करना होगा और अपने दिल व दिमाग में समझ लेना होगा की अल्लाह ही किसी बन्दे को मुसीबत में मुब्तला करता है और अल्लाह ही उस मुसीबत से छुटकारा देता है।
अब्दुल्लाह बिन कुयब रजी अल्लाह अन्हो एक अल्लाह के रसूल सल्लाह अलैहे वसल्लम से अर्ज़ की हुज़ूर मै क्या पढू परेशानी को दूर करने के लिए, मुसीबत को टालने के लिए. तो अल्लाह के रसूल फरमाते है के तुम हर सुबह और शाम तिन तिन बार के अज्कार करो जो निचे बताया गए है। Jami At-Tirmidhi, Hadith No. 3575
दिल में नियत करने के बाद के निचे बताए गए हर एक स्टेप को ध्यान से follow करेंगे तो इंशाल्लाह आपकी मुसीबत ख़त्म हो जाएगी।
Musibat ki Dua in Hindi के लिए निम्न लिखित कदम उठाए.
- सबसे पहले 1 या 3 या 5 बार दरूद शरीफ पढ़े।
- 3 बार सुरह इखलास पढ़े।
- 3 बार सुरह फलक पढ़े।
- 3 बार सुरह नास पढ़े।
- फिर 1 या 3 या 5 पर दरूद शरीफ पढ़े।
यह पढ़ने के बाद एक या तिन मर्तबा यह दुआ पढ़ ले इंशाल्लाह आपकी परेशानी और मुसीबत दूर हो जाएगी।
Musibat se Bachne ki Dua in arabic
اَلْحَمْدُ لِلّٰہِ الَّذِیْ عَافَانِیْ مِمَّاابْتَلاَ کَ بِہ وَفَضَّلَنِیْ عَلٰی کَثِیْرٍ مِّمَّنْ خَلَقَ تَفْضِیْلاً۔
यह दुआ खासकर उस जगह पर पढ़ सकते है जहाँ पर आपको कोई दोस्त या रिश्तेदार या कोई शख्स मुसीबत में मुब्तला हुए दिखे तब इसको जरुर पढ़ना है।
अचानक आने वाली मुसीबत और परेशानी की दुआ
नाज़रीन चलिए अब जानते है की अचानक से आने वाली मुश्किल और परेशानी से कैसे निजात पा सकते है एक हदीस के माध्यम से बताने जा रहा हूँ।
सय्यदना उस्मान बिन अफ़्फ़ान रजी अल्लाहु अंहो फरमाते है और कहते है की मैंने नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से फरमाते हुए सुना की जिस शख्स ने शाम के वक़्त तिन मर्तबा ये कलामत पढ़े जो कुछ इस तरह है:

Pareshani ki Dua in arabic
بِسْمِ اللَّهِ الَّذِي لاَ يَضُرُّ مَعَ اسْمِهِ شَىْءٌ فِي الأَرْضِ وَلاَ فِي السَّمَاءِ وَهُوَ السَّمِيعُ الْعَلِيمُ
परेशानी दूर करने की दुआ हिंदी
बिस्मिल्लाहिल्लज़ी ला यज़ुरू मआ इस्मिही शेउन फ़िल अर्ज़ि वला फ़िस्समाइ व हुवस्समीउल अलीम
अचानक से आने वाली मुसीबत की दुआ का तर्जुमा
अल्लाह के नाम के साथ जिसके नाम के बरकत के साथ जमीन और आसमान में कोई चीज़ नुकसान नहीं पहुँचाती और वही सुनने वाला और जानने वाला है।
Pareshani se Bachne ki Dua in roman english
Bismillahi alladhi la yadurru ma' ismihi shaiun fil-ardi wa-laa fil-Samm'i wa huwa al-Samee'u al-'Aleem
इस कलामत को पढ़ने से सुबह तक कोई बला या नुकसान या मुसीबत नहीं पहुंच सकती और जिसने ये कलामत सुबह के वक़्त तिन मर्तबा पढ़े तो शाम तक इसको अचानक कोई मुसीबत नहीं आएगी।
रावी ने बयान किया कि इस हदीस के रिवायत करने वाले अबान बिन उस्मान (रजी अल्लाहु अंहो) को फ़ालिज हो गया था तो उनसे हदीस़ सुनने वाला उनको ताज्जुब से देखने लगा।
तो उन्होंने कहा: कया हूआ, मुझे देखते क्या हो? अल्लाह की क़सम! मेंने हज़रत उस्मान (रजी अल्लाहु अंहो) पर झूठ नहीं बोला है और न हज़रत उस्मान (रजी अल्लाहु अंहो) ने रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) पर झूठ बोला है। लेकिन जिस दिन मुझे ये फ़ालिज हूआ में उस दिन गुस्से में था ओर ये कलिमात पढ़ना भूल गया था। Sunan Abu Dawud, Hadith No. 5088
इस दुआ से कौन फायदा ले सकता है:
फ़ायदा:- बिलाशुब्हा स़ाहिबे ईमान के लिये हर किस्म की ज़ाहिरी और बातिनी नागहानी आफतों से बचाव का ये इन्तेहाई आसान वजीफा है। शर्त ये है कि ईमान व यकीन के साथ साथ पाबन्न्दी भी हो।
Har Qisam ki Pareshani se Bachne ki Dua
क्या होगा जब आपको एक जादुई चिराग मिल जाएगा इसका तो जवाब आप निचे कमेंट में देना लेकिन इस पोस्ट में कुछ इसी तरह का इस्लामिक दुआ सीखने को मिलने वाला है।
इस दुआ का नाम है हर परेशानी हर मुसीबत और हर किस्म की मुश्किल की दुआ जो जादुई चिराग से कम नहीं है क्युकी हर शख्स किसी ना किसी मुसीबत में मुब्तला रहता है।
उसको यह दुआ पढ़ने से बहुत ज्यादा फायदा मिलेगा मगर पढ़ने वक़्त आपका तवक्कुल अल्लाह ता’अला के साथ जरुर हो।

Har Pareshani ki Dua in arabic
اَللّٰھُمَّ لَا سَھٌلَ اِلَّا مَا جَعَلٌتَہٗ سَھٌلًا وٌَ اَ نٌتَ ® تَجٌعَلُ الٌحَزٌنِ سَھٌلاً
परेशानी से निजात पाने की दुआ इन हिंदी
अल्लाहुम्मा ला सहला इल्लाह मा जा-अलतहु सहलव व अन्ता ® तज-अलुलहज़नी सहलन
ऐ अल्लाह! कोई काम सहल या आसान नहीं जब तक की तू उसे आसान ना कर दे , और तू हर गम को आसन कर देता है।
Musibat se Nikalne ki Dua in roman english
Allahumma la sahla illah maa ja-alatahu sahalaw wa-anta ® taj-alulhazni sahlan
Ghar ki Pareshani Dur Karne ki Dua
दोस्तों अभी तक आपने अपनी और दूसरे के मुसीबत और परेशानी को देखते हुए पढ़ने के लिए दुआ सीख लिया लेकिन अभी घर में जब परेशानी आए तो कौन सी दुआ पढ़े इसके लिए यह दुआ पढ़ सकते है।
Ghar ki Pareshani ki Dua in arabic text
یَا حَیُّ یَا قَیُّو مُ بِرَحٌمَتِکِ اَسٌتَغِیٌثُ
घर की परेशानी दूर करने की दुआ
या हय्यू या कय्युमु बिरहमतिकी अस्तागैसु
ऐ जिंदा और दायेम रखने वाले अल्लाह पाक, मैं तेरी हर रहमत के वास्ते से फरयाद करता हूं।
Pareshani ke Waqt ki Dua with roman english
Ya hayyu ya qayyumu birahmatiki astagaisu
Musibat me Konsi Dua Padhna Chahiye?
दोस्तों अगर कोई अचानक से मुसीबत या बला आए तो फ़ौरन यह दुआ पढ़ ले “बिस्मिल्लाहिल्लज़ी ला यज़ुरू मआ इस्मिही शेउन फ़िल अर्ज़ि वला फ़िस्समाइ व हुवस्समीउल अलीम”।
मुसीबत की दुआ कब पढ़ा जाए?
यह नमाज़ की तरह फ़र्ज़ नहीं है बलके नफिल है तो इसको पढ़ने का कोई भी फिक्स या मुकरर वक़्त नहीं है। लेकिन बेहतर ये की सुबह और शाम को पढ़े या सुबह फजर के नमाज़ के बाद और शाम मग़रिब के नमाज़ के बाद पढ़े।
आज आपने क्या सीखा?
आज की पोस्ट में आपने सबसे पहले जाना की Musibat ki Dua होती क्या है और इसी के साथ मुसीबत और परेशानी से बचने के लिए एक या दो नहीं बलके चार दुआ सीखा।
जो अलग आलग मुश्किल वक़्त में काम आता है जो हदीस से भी साबित है जो सुनन अबू दावुद और तिर्मिदी शरीफ बुक से साबित है।
अगर आप समझ रहे है की बस इतना ही सिखाया गया तो आप गलत है क्युकी इन चारो दुआये को अरबिक भाषा के साथ हिंदी और रोमन इंग्लिश में भी लिखा गया है। जिसकी वजह इसको याद करने में किसी भी तरह का परेशानी का सामना ना करना पढ़े।
इस पोस्ट में किसी भी तरह का कुछ गलती है या कुछ और इनफार्मेशन जुडवाना चाहते है तो बराए मेहरबानी निचे कमेंट में जरुर बताये।
और इस पोस्ट से जाते जाते अपने दोस्तों और फॅमिली के साथ भी दुआ को जरुर शेयर करे ताकि उन पर जब मुसीबत आए तो यह पोस्ट को पढ़कर परेशानी से निजात पा सके।
इसी तरह कुछ ज्यादा है और इस्लामिक जानकारी सीखने में दिलचस्पी है तो यह पढ़े:
मेरा नाम मेराज अहमद है और मैं एक फ्रीलांस लेखक और ब्लॉगर हूं। मैंने अपनी शिक्षा दीनी मदरसों में पूरी की है। मुझे धार्मिक विषयों पर लिखना बहुत पसंद है और अपने लेखों के ज़रिए मैं लोगों तक सही इस्लामिक संदेश पहुंचाने की कोशिश करता हूं। मुझे लोगों को ज्ञान देना बहुत पसंद है।
A.s w k agar muje allaha ke hukum se muje jadui Chirag miljay to sabse pahle mere abba or Ammi ke liy makfirath mang Lunga or dusra ak hujur (s.w) ke SARE umat ke liy hidayt or Iman ki dolath mangu ga isme may vi samil hoo ( app vi dua Kare ke bargahe elahi me kubul hojay ) amin