क्या आप लोग सफ़र में मुसाफिर बनकर Qasar ki Namaz Padhne ka Tarika सीखना चाहते है जिसमे Musafir ki Namaz और उसके रकात, नियत और मसाइल जानने को मिलेगा तो आप सही जगह आए हो.
आप सभी को तिन चीज़े में फर्क समझना होगा Musafir, Safar और Qasar इसमें कसर मतलब नमाज़ का नाम होता है जैसे फजर से ईशा तक का नाम होता है.
लेकिन सफ़र इसके नाम से ही पता चलता है की ट्रेवलिंग यानि घूमना या एक जगह से दुसरे जगह जाना जैसे कोई अपनी सिटी को छोड़ कर delhi या मुबंई जाता है तो कहा जाता है वह सफ़र में है.
इसी तरह मुसाफिर उसको कहते है जो सफ़र में है यानि कोई सख्स कार या ट्रेन में सफ़र कर रहा है तो हम उसको मुसाफिर कर सकते है.
आप सब पहले तीनो का फर्क इसी लिए समझना जरुरी था की बहुत से लोग इन बातो में अंतर नहीं समझ पाते इसीलिए वह गूगल या youtube पर “Musafir ki Namaz”, “Safar ki Namaz” या “Qasar ki Namaz” सर्च करते है.
उम्मीद करता हूँ की सभी दोस्तों को समझ आ गया होगा अब कोई आपसे पूछते है तो आप क्या कहेंगे आप कहेंगे कसर की नमाज़ पढ़ रहे है.
बहुत से लोगो में एक और गलत धारणा बैठ गया है की सफ़र के दौरान नमाज़ और रोज़ा माफ़ रहता है आज रोज़ा की बात नहीं कर रहा हूँ सिर्फ नमाज़ की बात कर रहा हूँ इसी लिए बता रहा हूँ की सफ़र में भी नमाज़ माफ़ नहीं है.
दोस्तों आप भरोषा करके अगर इस पोस्ट को शुरू से आखिर तक पढ़ लेते है तो Qasar ki Namaz पढ़ने में आपको कोई भी प्रॉब्लम नहीं होगी क्युकी सुन्नत और हदीस से बताने जा रहा हूँ.
Musafir का मतलब क्या है?
मुसाफिर का मतलब होता है सफ़र करने वाला जिसमे नमाज़ का मसला अलग होता है जिसका तरीका निचे बताया गया है. सफ़र का मतलब अपने सिटी से बाहर निकल गया तो आप मुसाफिर हो गया.
Qasar का मतलब क्या है?
क़सर एक arabic लफ्ज़ है जिसका मतलब कम या छोटा करना होगा है. कुरान के सुरह निशा में आया है की जब तुम जमीन पर सफ़र करो तो अपने नमाज़ को कम कर लिया करो.
ये सिर्फ फ़र्ज़ नमाज़ के लिए है सफ़र में हो तो चाहिए की चार रकात वाली फ़र्ज़ नमाज़ को 2 रकात पढ़े. इसके अलावा 2 रकात फ़र्ज़ या तिन रकात फ़र्ज़ में कमी नहीं की जाएगी.
मुकीम किसे कहते है
मुकीम एक arabic शब्द है जिसका मतलब होता है जो आदमी अपने घर, गाँव या सिटी के रहने वाला हो. अगर मुसाफिर मुकीम के पीछे पढ़ रहा है तो उसके चाहिए को पूरी नमाज़ पढ़े.
मुसाफिर कब माना जाता है (Safar ki Namaz ka Distance)
Qasar ki Namaz के लिए कितने किलोमीटर जाने पर शुरू हो जाता है यानि कोई सख्स अपने घर से कितने किलोमीटर की इरादा करके निकला तो उस पर कसर नमाज़ पढ़ना जरुरी हो जाता है.
मुसाफिर बनने के लिए कम से कम 77.8 किलोमीटर या 78 किलोमीटर का इरादा करके अपने सिटी से बहार निकलने पर Safar ki Namaz जरुरी हो जाता है उस सख्स को चाहिए की कसर की नमाज़ पढ़े.
कोई सख्स मुंबई से पुणे जाने की इरादा करता है जो लगभग 150 किलोमीटर है और जहाँ वह चला वो चाहे बाइक से चला या कार से जब वह अपने सिटी से बहार निकला तो उसका वही से ही मुसाफिर बन गया उसको चाहिए की नार्मल नमाज़ की जगह Qasar ki Namaz पढ़े.
इसी तरह कोई सख्स अपने सिटी में 2 घंटा भी घूमता रहा तो वह मुसाफिर नहीं कहलाएगा बलके मुसाफिर के लिए सिटी से बहार निकलना होगा.
मुसाफिर कितने दिनों तक होता है?
अगर कोई सख्स अपने गाँव या सिटी से कोई दुसरे शहर या विदेश जाने की इरादा करके बहार निकला तो वह मुसाफिर हो गया और वह कितने दिनों तक रहता है यानि सख्स अपने सिटी से delhi गया और वहां पर 15 या 19 तक रहा तो वह मुसाफिर ही कहलाएगा.
लेकिन कोई सख्स इरादा करके दुसरे शहर गया और वहां पर 15 या 19 दिनों से ज्यादा रहा तो अब वोह मुसाफिर नहीं रहा बलके मुकीम कहलायगा यानि अब आपको पूरी नमाज़ पढ़ना होगा.
इसी तरह कोई सख्स किसी जगह रहने की इरादा करके गया तो वह मुसाफिर नहीं मुकीम हो गया लेकिन कोई सख्स इरादा करके गया की मै 15 दिन के बाद घर वापस आ जाऊंगा और 15 के बजाये 30 दिन हो गया तब भी वह मुसाफिर ही रहेगा.
Musafir ki Namaz ki Rakat
Safar ki Namaz ki Rakat समझने के लिए आपको जानना होगा की नमाज़ में कमी के लिए कहा गया है की जब तुम में से कोई सख्स सफ़र में हो तो Qasar ki Namaz पढ़े करे और कसर यानि नमाज़ को आधा करके पढ़े.
Safar me Fajar ki Namaz ki Rakat
आपको अभी बताया गया है की कसर यानि कमी सिर्फ चार रकात वाली नमाज़ में होगी 2 रकात वाली नमाज़ में नहीं इसीलिए आपको Fajar ki Namaz में 2 रकात ही पढ़ना है.
Safar me Zohar ki Namaz ki Rakat
जोहर की रकात में कमी की जाएगी मतलब 4 रकात की जगह पर 2 रकात ही सिर्फ पढ़ा जायेगा.
Safar me Asar ki Namaz ki Rakat
असर में आप सभी को चाहिए की 4 के जगह 2 रकात फ़र्ज़ पढ़े यानि जो आप असर में 4 रकात फ़र्ज़ पढ़ते है उसी को 2 रकात पढ़े.
Safar me Magrib ki Namaz ki Rakat
सफ़र में हो या घर पर हो लेकिन मगरिब की नमाज़ की रकात में कमी नहीं की जाएगी बल्कि मगरिब 3 रकात ही पढ़ी जाएगी.
Safar me Isha ki Namaz ki Rakat
कोई सख्स ईशा के वक़्त सफ़र में हो तो उसको चाहिए की 4 रकात फ़र्ज़ की जगह 2 रकात फ़र्ज़ पढ़े ये कुरान में बताया गया है.
ये जरुरी नहीं है की आपको आधा करके पढ़ना है अगर आपके पास इत्मीनान के साथ पढ़ने का समय है तो आप चाहे तो पूरी पढ़े नहीं तो आधा भी पढ़ सकते है.
Musafir ki Namaz ki Niyat (कसर में नियत कैसे करे)
Safar ki Namaz ki Niyat या किसी भी Namaz ki Niyat दिल में किया जाता है जुबान से करना मुस्तहब है लेकिन आपको जुबान से करना है तो आप सिर्फ तिन नमाज़ को ही करना है क्युकी फजर और मगरिब की रकात में कमी नहीं किया गया है.
यहाँ पर जोहर, असर और ईशा की नियत बताने जा रहा हूँ और ये नियत उसी वक़्त किया जायेगा जब सफ़र में हो.
Qasar Namaz me Johar ki Niyat
“नियत की मैंने नमाजे जुहर की दो रकआत कसर की फर्ज वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा कआबा शरीफ की तरफ अल्ल्लाहु अकबर”
Qasar Namaz me Asar ki Niyat
“नियत की मैंने नमाजे असर की दो रकआत कसर की फर्ज वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा कआबा शरीफ की तरफ अल्ल्लाहु अकबर”
Qasar Namaz me Isha ki Niyat
“नियत की मैंने नमाजे ईशा की दो रकआत कसर की फर्ज वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा कआबा शरीफ की तरफ अल्ल्लाहु अकबर”
Qasar ki Namaz Padhne ka Tarika Sikhe

मुसाफिर की नमाज़ कोई अलग नमाज़ नहीं तरीका वही है जो पांच वक्तो की नमाज़ का होता है जैसे आप कयाम, रुकू, सजदा और तशाहुद पढ़ते है ठीक यही कसर की नमाज़ में भी पढ़ना है.
लेकिन इसमें दो जगह अंतर है पहला 4 रकात फ़र्ज़ के जगह पर 2 रकात पढ़ना होगा और इसके नियत अलग करना होगा जिसका तरीका ऊपर बता दिया गया है.
अगर आप में से किसी को पूरी नमाज़ का तरीका सीखना है तो इसी वेबसाइट पर पूरी नमाज़ के बारे में बताया है बस आपको नमाज़ केटेगरी में जाकर पढ़ना होगा.
वैसे अगर आपको फजर की 2 रकात फ़र्ज़ पढ़ने आता है तो आप ये कसर की नमाज़ आसानी से पढ़ सकते है नहीं तो आपको सबसे पहले Fajar ki Namaz ka Tarika सीखना चाहिए.
Musafir Aurat ki Namaz ka Tarika
यहाँ पर मर्द और औरत का नमाज़ अलग नहीं होता है जो सर्त मर्द पर सफ़र में मुसाफिर की ताल्लुक से है वही औरत पर भी सर्त है अगर आप में से Aurat ki Namaz ka Tarika सीखना चाहते है तो आपको मेरे इसी वेबसाइट पर पढने को मिल जायेगा.
Safar Me Sunnat Aur Nafal Namaz ka Hukm
आप सभी हज़रात को ये समझना होगा की कसर सिर्फ फ़र्ज़ नमाजो का होता है सुन्नत और नफिल का नहीं यानि फ़र्ज़ को आधा करके पढने का हुक्म है सुन्नत और नफिल की नहीं.
दोस्तों समझना होगा की हम सब आदमी पर अल्लाह ता’अला ने सिर्फ फ़र्ज़ नमाज़ फ़र्ज़ किया है इसी लिए फ़र्ज़ को कम करके पढ़ने का भी हुक्म दिया ताकि इन्सान को परेशानी न हो.
लेकिन रहा सवाल सुन्नत और नफिल तो ये आप पर depand करता है अगर कोई चाहता है की वह सुन्नत और नफिल नमाज़ को पढ़े तो इसमें कोई हर्ज़ नहीं पढ़ सकता है लेकिन वह नहीं भी पढ़ना है तो उसे गुनाह नहीं होगा.
Safar me Juma ki Namaz ka Tarika
मोहम्मद रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम फरमाते है “उसके लिए जुमा नहीं जो मुसाफिर, बच्चा यानि जो बालिग न हो, गुलाम, और औरत इस सब पर जुम्मा फ़र्ज़ नहीं है”.
अगर सफ़र में मुसाफिर को Jumma ki Namaz पढ़ने को मिलता है तो बहुत अच्छी बात है वह पढ़ सकता है लेकिन नहीं मिलता है तो आप जोहर या कसर पढेंगे.
Musafir Namaz Related Questions (FAQs)
सफ़र की क़ज़ा नमाज़ को घर पर अदा करना कैसा है?
अगर कोई सख्स सफ़र में गया और मुसाफिर हो गया मुसाफिर होने की सर्त ऊपर बताया हूँ और वह सख्स सफ़र की हालत में नमाज़ को क़ज़ा कर दिया फिर जब वह घर आता है तो क़ज़ा को अदा करना चाहता है तो उसे चाहिए की कसर ही पढ़े पूरी नहीं पढ़ना होगा क्युकी उसके जिम्मा कसर की नमाज़ ही क़ज़ा हुई थी.
ट्रेन गाड़ी जहाज़ में नमाज़ पढ़ना कैसा है?
हाँ जरुर अगर कोई सख्स सफ़र में हो और उसके लिए ट्रेन और गाड़ी में नमाज़ पढ़ना आसान है तो कोई हर्ज़ नहीं पढ़ सकता है.
मुसाफिर अगर 2 रकात के बजाय 4 रकात पढ़ ले तो क्या होगा?
अगर कोई मुसाफिर शख्स सफ़र में 2 रकात के बजाये 4 रकात पढ़ ले तो कोई गुनाह नहीं है उसको और सवाब ही मिलेगा लेकिन 2 रकात का हुक्म है तो 2 रकात ही पढ़ना चाहिए.
Conclusion – आज आपने क्या सीखा
इंशाल्लाह आज की पोस्ट में Qasar ki Namaz ka Tarika बताया गया है जिसकी मदद से बहुत से लोग सफ़र के दौरान भी मुसाफिर बन कर नमाज़ पढ़ सकते है.
जिसमे आपने सीखना की कसर की नियत कैसे करते और उसके कितने रकात पढने चाहिए इसके अलावा Musafir ki Namaz के मुतालिक मसाइल भी सिखा.
यही जानकारी आप चाहते है की आपके दोस्त और फॅमिली को भी पता चले तो उन्हें भी ये पोस्ट शेयर जरुर करे इसके रिलेटेड कोई भी सवाल हो तो निचे कमेंट जरुर करे.