अगर Musafa Karne ki Dua तलाश कर रहे है और एक हाथ से या दो हाथ से मुसाफा करना चाहिए तो बिलकुल सही जगह पर आ गए है।
क्युकी यहाँ पर सबसे पहले Musafa ki Dua को हिंदी, अरबी और इंग्लिश में याद कराने के लिए अच्छी तरह से लिखा गया है और इसी के साथ इसके मुताल्लिक बहुत सारे हदीस और सवाल बताया गया है।
Musafa Meaning in Hindi
जब दो मुसलमान भाई आपस में मिलते है तो कुछ गुफ्तगू यानि बात चित करने से पहले सलाम करते है उसी को मुसाफा कहते है।
सलाम दो तरीके से आम तौर पर करते है पहले हाथ मिला कर सलाम करते है और दूसरा पास नहीं है और दूर है तो बिना हाथ मिलाए मुसाफा करते है।
Musafa Karne ki Dua
मुसाफा करने से बहुत ज्यादा सवाब मिलता है और अगर आप किसी को सलाम करे तो सुनने वाले पर जवाब देना वाजिब हो जाता है।
जब मुसाफा करने लगे तो सलाम करे फिर निचे दिया गया दुआ को पढ़े:
Musafa ki Dua in Hindi
यगफिरुल लाहो लना वलकुम
Musafa Karte Waqt ki Dua in English
Yagfirul laho lana walakum
मुसाफा की दुआ हिंदी तर्जुमा
तर्जुमा: या’नी अल्लाह हमारी और तुम्हारी मरिफ़रत फ़रमाए।
मुसाफा एक हाथ या दो हाथ से?
मुसाफा एक हाथ से करना चाहिए या दोनों हाथो से करना है तो सही हदीसों की रोशनी में दोनों तरीको से मुसाफा करना सही है। हमें दो तरीके से मुसाफा करने की दलील मिलती हैं। इमाम बुखारी का भी यही अकीदा था।
Musafa karne ki Dua in Hadees
सूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया “जब मोमिन दूसरे मोमिन से मिल कर सलाम करता है और उस का हाथ पकड़ कर मुसाफा करता है, तो उन दोनों के गुनाह इस तरह झड़ते हैं जैसे दरख्त के पत्ते गिरते हैं।”
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: “जब दो मुसलमान आपस में मिलते हैं और मुसाफा करते हैं, तो जुदा होने से पहले उन दोनों की मगफिरत कर दी जाती है।” अबू दाऊद हदीस 5212
रसूलुल्लाह (ﷺ) जब किसी को रुख्सत फर्माते, तो उस का हाथ अपने हाथ में ले लेते और उस वक़्त तक (उसका हाथ) न छोड़ते, जब तक के वह आप के हाथ को खुद न छोड़ दे। तिर्मिजी : 3442, अन इब्ने उमर (र.अ)
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