अस्सलाम अलैकुम नाज़रीन क्या आप गूगल पर Mitti Dene ki Dua को सर्च कर रहे है और आपको इस दुआ को अच्छी तरह से सीखना है तो बिलकुल सही जगह पर आये हो।
जो लोग आमतौर पर एक प्रक्टिस मुस्लिम नहीं होते उनको ऐसी दुआ या आजकर याद नहीं होता जो महिना में एक या दो बार पढ़ना होता है।
मै बात कर रहा हूँ Qabar par Mitti Dalne ki Dua के बारे में क्युकी जो लोग शुरू में किसी मदरसे में पढ़े होते है उनको अक्सर याद होते है। लेकिन जो शख्स शुरू से ही मदरसे में नहीं बलके प्राइवेट या सरकारी स्कूल में पढ़े होते है उनको याद नहीं होता है।
इसीलिए वैसे लोग गूगल या youtube पर सर्च करने लगते है पर इसमें कोई भी गलत बात नहीं है। क्युकी इंडिया का माहौल ही ऐसी है जिसमे इस्लामिक चीजों को नहीं सीखते है।
इसीलिए मैंने सोचा की जो शख्स को इस्लामी दुआ याद नहीं है उनके के लिए यह वेबसाइट बनाया है. जिसमे सभी तरह के दुआ सिखने को मिलते है।
जिसमे आज कब्र पर मिट्टी कैसे डालते है और उसकी दुआ क्या है इसके ही बारे में सिखने वाले है और आपसे गुजारिश है की इस पोस्ट में शुरू से आखिर तक जरुर पढ़े।
Mitti Dene ki Dua
नाज़रीन जब भी किसी भी मय्यत को मिट्टी देने लगे तो एक बात का जरुर ख्याल रखना की मिट्टी को कब्र के अन्दर असिस्ता डालना। क्युकी आज के समय के लोग को जल्दी बाज़ी की वजह से कब्र के अन्दर ऐसे मिट्टी डालते है की लगता है की किसी शख्स के सामने फेंक रहे है।
हम सब लोगो को मालूम है की दुनिया में एक आदमी को मौत के मज़ा चखना है यानि हर एक बन्दे को मर जाना है और अपने परवलदीगार के पास जाना है।
ज्यादा बाते नहीं करते हुए Mitti Dene ki Dua को सिखाने और याद कराने का तरीका बताया जाये जिससे सभी बन्दे को आसानी से यह दुआ याद हो सके।
Mitti Dalne ki Dua
दोस्तों सभी लोगो को बखूबी मालूम होगा की कब्र पर मिट्टी तिन बार डाला जाता है और हर बार mitti ki dua भी पढ़ा जाता है। इसी लिए यहाँ पर दुआ को तिन भाग में बाता गया है तो चले जानते है।

पहली बार (kabr par mitti dene ki dua)
हिंदी में दुआ:- मिन्हा खलकना कुम
तर्जुमा:- अल्लाह ता’अला फरमाते है की तुमको इसी मिट्टी से बनाया
दुआ को पढ़ने के बाद ही मिट्टी को कब्र के अन्दर डाले फिर दूसरी बार मिट्टी फेकने के लिए मिट्टी को उठाये।
दूसरी बार (mayyat ko mitti dene ki dua)
हिंदी में दुआ:- व फिहा नोइदोकुम
तर्जुमा:- और हमको इसी मिट्टी में हमको जाना है
यह दुआ को पढ़ने के बाद ही दूसरी मिट्टी जो अपने हाथों में उठाये थे उसको कब्र के अन्दर डाले और फिर तीसरी बार के मिट्टी को उठाये।
तीसरी बार (janaze ko mitti dene ki dua)
हिंदी में दुआ:- व मिन्हा नुखरिजुकुम तारतन ऊखरा
तर्जुमा:- आखिरत मे इसी मिट्टी से हम तुमको उठांएगे
फिर उसी तरह यह दुआ पढ़ने के बाद ही तीसरी मिट्टी को कब्र के अन्दर डाले और इस तरह से मिट्टी देने का तरीका भी सीख लिए।
मय्यत को कब मिट्टी देना चाहिए?
सबसे पहले मय्यत को अच्छी तरह से नहलाया जाता है फिर कफ़न पहना कर जनाज़ा की नमाज़ पढ़ते है उसके बाद ही मय्यत को कब्र के अन्दर रखने के बाद ही मिट्टी देना चाहिए।
कब्र पर कितनी बार मिट्टी डालना चाहिए?
नाज़रीन आज भी कुछ लोग ऐसे भी है जिनको जानकारी नहीं होने पर ज्यादा पर मिट्टी दे देते है। लेकिन कब्र पर तिन बार ही मिट्टी डालना चाहिए मगर कुछ लोग ऐसे भी होते है जो पांच बार देते है जो की गलत तरीका है।
मिट्टी की दुआ पढ़ना भूल जाये तो क्या करे?
मिट्टी की दुआ भूल जाना एक आम बात है क्युकी यह दुआ हर रोज़ नहीं पढ़ना होता है लेकिन अगर भूल जाये तो फिर इसी वेबसाइट पर आकर सिख ले।
आज क्या सिखा
दोस्तों मुझे उम्मीद है की आप सभी को Qabar par Mitti Dene ki Dua और इसका तरीका बहुत पसंद आया होगा जिसमे तिन बार मिट्टी देना होता है और हर बार दुआ पढ़ा जाता है।
अगर नाज़रीन कभी भी इस दुआ को भूल जाये और आपके गाँव या मोहल्ले में किसी का इन्तेकाल हो जाये और मिट्टी देने का समय आ जाये तो इस वेबसाइट को बुकमार्क कर ले।
और जब भी जरुरत हो तो सिर्फ अपने गूगल क्रोम ब्राउज़र को ओपन करना है और अपने बुकमार्क पर क्लिक करके फिर याद कर ले।
दोस्तों इसी तरह का इस्लामिक दुआ याद करना चाहते है तो इस वेबसाइट को अपने दोस्तों में भी फेमस करे ताकि उनको भी ऐसी दुआ के बारे में मालूम चले।
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