Manzil ki Dua एक ऐसी अज्कार व इबादत है जिसे पढ़ने वाला बुरी नज़र या जादू के असर को खत्म करती है और शैतान से हिफाज़त होती है।
क्या आप सभी को Manzil Dua की फ़ज़ीलत और बरकत के बारे में मालूम है और इसको कैसे पढ़ा जाता है इसका तरीका क्या है। इसी तरह का सवालो का जवाब इस पोस्ट में सिखने को मिलने वाला है।
दोस्तों आउटलाइन इस्लाम एक ऐसा वेबसाइट है जहाँ पर इस्लामिक जानकारी सिखाया जाता है जिसको सीखकर आप सभी जन्नत को हासिल कर सकते है।
इसी लिए आप सभी से निवेदन है की इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे ताकि वह भी मंजिल दुआ का फायदा उठा सके और सवाबे दरिं हासिल करे।
मंजिल की दुआ क्या है?
Manzil ki Dua 33 कुरानी आयात से मिलकर बनता है जिसमे अलग अलग कुरान की आयात पढ़ा जाता है। मंजिल की दुआ कुरान या हदीस से साबित नहीं है। लेकिन इस दुआ को इस्लामिक स्कॉलर ने पढने से मना नहीं किया है क्युकी वह कुरान की ही आयात है।
मंजिल दुआ की शुरुआत कैसे हुई?
मंजिल की दुआ की कब शुरुआत हुई इसकी सटीक जानकारी है क्युकी यह तरीका नबी अलैहे सलाम ने नहीं बताया या किसी भी हदीस में पढ़ने का हुक्म हुआ है। बलके कुछ इस्लामिक स्कॉलर को कुरान की 33 आयात पढ़ने से उनकी परेशानी दूर हो जाती थी इसीलिए यह तरीका आम हो गया।
मंजिल की दुआ पढ़ने का तरीका
Manzil ki Dua को पढ़ना बिलकुल आसान है जिस तरह से Buri Nazar se Bachne ki Dua पढ़ा जाता है और बीमार इन्सान पर दम किया जाता है उसी तरह इस दुआ को पढ़कर भी दम किया जाता है।
इसके अलावा किस चीज़ पर दम किया जा रहा है उसका तरीका थोड़ा अलग हो सकता है। जैसे जिस दुकान या मकान में जादू का असर हुआ है वहां पर रोज़ तेज़ आवाज से पढ़े और पानी में दम करके चारो तरफ हल्का हल्का छिड़कने से बहुत फायदा मिलता है।
इसी तरह का इस दुआ को पानी पर दम करके बोतल में रख ले और जब भी किसी को जादू या नज़र लग जाए तो इस पानी को पिला दे इन्शाल्लाह सिफ़ा हासिल हो जाएगा।
Manzil ki Dua Kaise Padha Jata Hai?
दोस्तों आपको पहले की ऊपर बता दिया गया है की Manzil ki Dua 33 कुरानिक आयत से मिलकर बनता है। लेकिन अब यह सवाल आपके मन में उठेगा की वह 33 आयत कौन सी है जिसको मंजिल की दुआ कहा जाता है।
सुरह फातिहा कुरान की पहली सुरह जिसमे 7 आयत होती है इसी तरह 33 आयत मिलकर ही मंजिल दुआ बनता है। यहाँ पर सिर्फ अलहम्दो शरीफ लिखा गया है क्युकी अगर सभी आयत को लिखा जाए तो आपको पढ़ने में ज्यादा समय लग जायेगा।
- अल्हम्दुलिल्लहि रब्बिल आलमीन.
- अर रहमा निर रहीम.
- मालिकि यौमिद्दीन.
- इय्याक न अबुदु व इय्याका नस्तईन.
- इहदिनस् सिरातल मुस्तक़ीम.
- सिरातल लज़ीना अन अमता अलय हिम.
- गैरिल मग़दूबी अलय हिम् व लद दाालीन.
यहाँ से 33 आयत को लिखा जा रहा है जिसको याद कर ले या इस पोस्ट को ओपन कर ले और कुरान शरीफ खोल ले फिर यहाँ से कुरान की सुरह और आयात नंबर देख कर पढ़ ले।
- सूरह फातिहा आयत 1 से 7 तक।
- सूरह बक़रह आयत 1, 5, 163, 255, 257, 284 और 286 तक।
- सूरह इमरान आयत 18, 26, 27 तक।
- सूरह आराफ़ आयत 54 से 56 तक।
- सूरह अल इसराइल आयत 110 से 111 तक।
- सूरह मुमिनून आयत 115 से 118 तक।
- सूरह सफ्फात आयत 1 से 11 तक।
- सूरह रहमान आयत 33 से 40 तक।
- सूरह हस्र आयत 21 से 24 तक।
- सूरह जिन आयत 1 से 4 तक।
- सूरह काफ़िरून आयत 1 से 6 तक।
- सूरह इखलास आयत 1 से 4 तक।
- सूरह फलक आयत 1 से 5 तक।
- सूरह नास आयत 1 से 6 तक।
मंजिल की दुआ क्यों पढ़ा जाता है?
manzil ki dua को बुरी नज़र, काला ज़दू, जीन्नातों और दूसरे खतरों से हीफाजत के लिए पढ़ा जाता हैं। अगर कोई शख्स बीमार हो या उसके ज़ेहन में बुरे खयालात आते हों तो इस दुआ को पढ़ा जा सकता है।
Manzil Dua ki Fazilat
दोस्तों इस दुआ के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है और इसको सिखने के लिए यहाँ पर आए हो तो इसकी फ़ज़ीलत और फायदे भी सिख लेना चाहिए।
क्युकी कम से कम हमें मालूम होना चाहिए की यह दुआ को पढ़ने से क्या फायदा मिलेगा जिससे इसको पढ़ने में ज्यादा यकीन होगा।
Manzil Dua for Protection:- इस दुआ को पढ़ने वाला सभी बुराइयों और आफत मुसीबत से महफूज़ रहता है। अगर कोई शख्स इस दुआ को पढ़कर घर से बाहर निकलता है तो इन्शाल्लाह पुरे दिन खतरों और मुसीबत महफूज़ रहेगा।
Manzil Dua for Marriage Problems:- नाज़रीन आज के दौर में सभी के घर में शादी के मुताल्लिक परेशानी होती रहती है चाहे वह किसी भी तरह का हो जैसे जल्दी शादी का सेट न होना, मिया बीवी में झगड़ा होना, लड़का को लड़की या लड़की को लड़का पसंद ना आना, शादी लग कर टूट जाना।
इसी तरह का दिक्कत शादी के लिए अक्सर देखा जाता है इसी लिए इन सभी दिक्कत से बचने के लिए इस दुआ को हमेशा पढ़ते रहे।
Manzil Dua for Protection From Evil Eye:- किसी को नज़र लग जाना आज के जमाना में एक सामान्य बात हो चुकी है इसके कोई नकारने वाली बात नहीं है। क्युकी आप किसी भी घर में चले जाये वहां पर खास कर बच्चो से उसकी फॅमिली बुरी नज़र के कारण परेशां रहती है।
हम जिस इलाके में रहते है वहां पर हमेशा शाम के वक़्त मस्जिद के सामने कोई न कोई अपने बच्चो को लेकर इमाम साहब से दम कराने के लिए पहुँच जाते है। लेकिन अगर वह शख्स चाहे तो इस दुआ को पढ़कर बुरी नज़र से बच सकते है।
FAQs Questions
मंजिल की दुआ सुन्नत है या नफिल?
Manzil ki Dua कुरान या हदीस से साबित नहीं है इसीलिए यह अमल एक नफिल अमल है जिसको करने से बहुत ज्यादा सवाब मिलता है।
मंजिल दुआ का असर कब होता है?
इस दुआ को पढ़ने वाला शख्स जितना ज्यादा यकीन तवज्जो के साथ पढ़ता है उतना ही ज्यादा और जल्दी असर करता है।
मंज़िल दुआ में कितनी आयत हैं?
मंजिल की दुआ में 33 आयात होती है।
मंज़िल की दुआ में कितनी सूरह कीआयतें हैं?
मंजिल दुआ जो 33 आयत से मिलकर बना है जो कुरान की आयत है वह 14 सुरह में समिल है।
मंज़िल दुआ कब पढ़ सकते हैं?
Manzil ki Dua को पढने के लिए कोई भी वक़्त मुकरर नहीं है क्युकी यह एक नफिल इबादत है और नफिल अज्कार के लिए वक़्त मुकरर नहीं होता। बलके आपके पास जब समय मिले चाहे सुबह हो या शाम इस दुआ को पढ़ सकते है लेकिन मकरूह वक़्त का ख्याल करते हुए पढ़ना है।
आज क्या सीखा
दोस्तों मुझे उम्मीद है की आप सभी हज़रात को Manzil ki Dua बहुत पसंद आया होगा जिसमे मंजिल के हवाले से सभी सवालो का जवाब दिया गया है।
जैसे Manzil ki Dua क्या है और क्यों पढ़ी जाती है और इसका क्या फायदा होता है, इसका तरीका और दुआ क्या है और कुछ faqs भी बताया गया है।
इसमें अगर कुछ और जानकारी लिखवाना चाहते है तो निचे कमेंट करे जिससे आगे आने वाले लोगो को अच्छी और स्टिक जानकारी मिल सके।
इसी तरह का इस्लामिक जानकारी और दुआ सीखना चाहते है तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर जरुर शेयर करे।