Magrib ki Namaz सबसे पहले हजरत डाऊद अलैह सलाम ने अपनी बख्सिश कबूल हो जाने की सुकराने की नमाज़ के तौर पर पढ़ा था.
इसीलिए आप सभी को मगरिब की नमाज़ सीखना और पढ़ना बहुत जरुरी है और अगर यह ब्लॉग पढ़ रहे है तो आप सही जगह पर आए हो. क्युकी आज की इस पोस्ट में आपको मग़रिब की नमाज़ का टाइम, रकात, नियत और तरीका सिखने वाले हो.
इस वेबसाइट पर इस्लाम में जितने भी नमाज़ का तरीका बताया गया है उन सभी का तरीका सिखाया जाता है, आपको बता दे की पांचो वक़्त के अलावा और भी बहुत सारे नमाज़ होती है. जिनका फ़ज़ीलत और बरकत बे हिसाब होता है.
मैंने पांच वक्तो की नमाज़ का तरीका इस ब्लॉग पर पहले ही बता दिया हूँ.
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तो चले जानते है की इस्लामिक तरीके से Maghrib ki Namaz कैसे पढ़ा जाता है.
Magrib ki Namaz ka Time शुरू और ख़त्म कब होता है
अक्सर मग़रिब का टाइम 1:15 से 1:45 तक तो रहता ही रहता है कम से कम 1 घंटा तो जरुर रहता है जिसके अन्दर मग़रिब की नमाज़ पढ़ा जा सकता है.
मगरिब की जब असमान में सूरज दल जाए या असमान में तारे दिखने लगे तो समझ जाए की मग़रिब वक़्त शुरू हो चूका है.
और इसका आखिरी वक़्त जब आसमान पर एक सुफेदी देखने को मिलती जब वह खत्म हो जाता है मगरिब का वक़्त खत्म हो जाता है आम तौर पर मगरिब वक़्त 1 से 1:30 तक रहता है.
Magrib ki Namaz ki Rakat kitni hoti hai
मग़रिब की नमाज़ में 7 रकात पढ़ा जाता है सबसे पहले 3 रकात फ़र्ज़, 2 रकात सुन्नत और आखिर में 2 रकात नफिल अदा किया जाता है.
- 3 रकात फ़र्ज़
- 2 रकात सुन्नत
- 2 रकात नफिल
अगर आप को जानना है की किस नमाज़ की रकात कितनी होती है और क्यों होती है तो आपको Namaz ki Rakat वाला ब्लॉग पढ़ना होगा.
Magrib ki Namaz ki Niyat
मगरिब की नमाज़ पढ़ने के लिए नियत करना बहुत जरुरी होता है, आप चाहे तो दिल में कर ले या जबान से कर ले कोई हर्ज़ नहीं है.
मगरिब की तीन रकआत फर्ज नमाज की नियत
“नियत की मैंने तीन रकआत नमाज मगरिब की फर्ज वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा कआबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर”
मगरिब की दो रकआत सुन्नत की नियत
“नियत की मैंने दो रकआत नमाजे मगरिब की सुन्नत रसूल पाक के वास्ते अल्ल्लाह तआला के मुंह मेरा कआबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर”
मग़रिब की दो रकआत नफिल की नियत
“नियत की मैंने दो रकआत नमाजे मग़रिब की नफिल वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा कआबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर”
अगर आपको जानना है की पांच वक़्त की नमाजो के अलावा जितनी भी नमाज़ है सभी का Namaz ki Niyat एक ही जगह पर मिल जाए तो यह ब्लॉग पढ़ना लाज़मी है.
Magrib ki 3 Rakat Farz Namaz ka Tarika
मगरिब की नमाज़ सीखना और पढ़ना हर मोमिन सख्स पर वाजिब है जिसके लिए आज आप यह आर्टिकल पढ़ रहे है. यहाँ पर अगर तरीका बताने लगु तो यह पोस्ट बहुत बड़ा हो जायेगा.
इसीलिए आपको बताना चाहता हूँ की मैंने Magrib ki 3 Rakat Farz का बेहतर तरीका बता दिया हूँ.
Magrib ki 2 Rakat Sunnat Namaz Kaise Padhe
मगरिब की फ़र्ज़ के बाद 2 रकात सुन्नत पढ़ा जाता है जिसका तरीका भी एक दुसरे आर्टिकल में पुरे डिटेल्स के साथ बताया हूँ.
जिसको पढ़कर आप आसानी से सिख सकते है सिखने के लिए Magrib ki 2 Rakat Sunnat वाला ब्लॉग पढ़े.
Magrib ki 2 Rakat Nafil Namaz padhne ka Tarika
2 Rakat Nafil Namaz ka Tarika भी पहले ही बता दिया हूँ जिसको लिंक पर क्लिक करके आसानी से पढ़ सकते है.
Magrib ki Namaz ke baad ki Tasbeeh Kaise Padhe
अब तक आप सब ने मगरिब की नमाज़ की नियत, रकात, वक़्त और तरीके के बारे में जान गए, लेकिन अभी तक आप ने नमाज़ के बाद की तस्बीह क्या है इसके बारे में नहीं जाना है.
तो चलिए जानते है मगरिब ही नहीं किसी भी नमाज़ के बाद की तस्बीह एक ही होता है जिसमे सबसे पहले 33 बार सुबानाल्लाह, 33 बार अल्हम्दुलिल्लाह, और 34 बार अल्लाहु अकबर पढ़ते है.
Magrib ki Namaz Related Questions (FAQs)
मग़रिब की नमाज में कितनी रकात सुन्नत होती है?
मगरिब की नमाज़ में 2 रकात सुन्नत पढ़ा जाता है जिसका तरीका ऊपर पहले ही बता दिया गया है.
Magrib ka Waqt kab shuru hota Hai
जब आप को लगे की आसमान में सूरज ढल गया और रोशनी ख़त्म हो गया तो समझ जाए की मग़रिब का वक़्त शुरू हो गया.
Magrib ki Namaz ka Waqt kab khatam Hota hai
जब शाम को अँधेरा होता और आसमान में एक सुफेदी दिखने लगती है और जब वह सुफेदी खत्म हो जाती है तो समझ जाए की मगरिब का वक़्त खत्म हो गया है.
Magrib ki Namaz kitni Rakat Hoti Hai
मग़रिब की नमाज़ 7 रकात होती है जिसमे से सबसे पहले 3 रकात फ़र्ज़, 2 रकात सुन्नत और आखिरी में 2 रकात नफिल पढ़ना होता है.
Magrib ki Namaz mein kya Padhte Hain
मगरिब की नमाज़ में अल्लाह ताला की इबादत करते है जिसमे नियत, सना, सुरह फातिहा, बहुत सारे सुरह, रुकू, सजदा, ताशुद इसके अलावा बहुत कुछ पढ़ते है जिसको ऊपर पूरी डिटेल्स के साथ बताया हूँ.
Magrib Ki Namaz Ke Baad Qaza Namaz Parhna Kaisa?
हाँ जरुर पढ़ सकते है, मगरिब की नमाज़ के बाद कोई क़ज़ा नमाज़ को आपसे जाने अनजाने में छुट गया है और आपको मग़रिब में वक़्त मिले तो मगरिब में क़ज़ा नमाज़ अदा कर सकते है.
आखिरी बाते जाने
मुझे उम्मीद है की आपको Magrib ki Namaz पढ़ने का तरीका सिख गए होंगे जिसमे आप सबसे पहले नमाज़ का वक़्त के बारे में जाना की कब शुरू होता है और कितने बजे टाइम ख़त्म हो जाता है.
फिर आपने इस नमाज़ के नियत और रकात के बारे में सिखा जिसमे जाना की नमाज़ में कितने रकात होती है और उनके नियत कैसे करना है.
फिर इसके तरीका सिखा और बाद मग़रिब की नमाज़ के हवाले से कुछ सवाल और जवाब देखा जिसमे अगर आपको लगे की कुछ ऐसे सवाल है जो इस पोस्ट में होना चाहिए तो निचे कमेंट जरुर करे.
आपसे एक गुजारिश करता हूँ की यह पोस्ट को या इस Outline Islam वेबसाइट को अपने सोशल मीडिया की मदद से लोगो को बताए.
खुदा हाफिज!!