Khana Khane ka Sunnat Tarika | खाने की आदाब

khana Khane ka Sunnat Tarika

क्या आपको मालूम है अल्लाह ता’अला ने हम लोगो के लिए बहुत सारी नेमत दिया है जिसमे से खाना वाली चीज़े है और मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम ने Khana Khane ka Sunnat Tarika भी बताया है।

जिससे समझ कर और इस्लामिक तरीके से khana khane ka Tarika सीख जाते है तो आपको खाने में भी बरकत और सवाब हासिल होगा।

इस्लाम में हर चीज़ के लिए तरीका बताया गया है जो आज के ज़माने के लिए भी है और आने वाले ज़माने के लिए भी इसी तरह पिछले पोस्ट में Salam Karne ka Sunnat Tarika बताया हूँ। जिसको सीखकर मुस्लिम और गैर-मुस्लिम को सलाम देने का तौर तरीका सीख जायेंगे।

बहुत सारे लोगो को ये भी मालूम नहीं होगा की Khana Khane ka Sunnat Tarika भी होता है क्युकी आज कल के लोग जैसे मन करता है उसी तरह खाना खाने शुरू कर देता है।

लेकिन इस तरह से खाना गलत है क्युकी इससे सिर्फ शायद पेट भर सकता है लेकिन खुदा की नेमत का शुकुरिया अदा नहीं किया जा सकता और बरकत भी हासिल नहीं होगा।

इसी लिए आज की पोस्ट में Khana khane ke Adaab के बारे में भी जानेगे और हदीस के द्वारा भी आपको सिखाने की कोशिश करूँगा।

Khana Khane ka Sunnat Tarika kya Hai

दीने इस्लाम एक मुकम्मल दीन है यह दुनिया और आखिरत के तमाम शोबो के हमारी रहनुमाई फरमाता है, उसी तरह हमारे खाने पिने के मुआमले में भी हमे आदाब और सलीका सिखाता है.

यहाँ पर khana Khane ka Sunnat Tarika और khana khane ke adaab दोनों को एक ही साथ मिला कर यहाँ पर सिखाया जा रहा है जिसको अगर सीखकर इसी तरीका से खाने पर बरकत और सवाब हासिल होगा।

खाना खाने से पहले दस्तरखान बिछाना:- खाना दस्तरखान पर ही खाना चाहिए क्योंकि एक तो हमारे नबी करीब सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सुन्नत है और दूसरी अगर खाने का लुकमा गिरे तो दस्तरखान से उठा कर खा सके।

हाथ धो कर खाना:- खाना खाने से पहले और बाद में दोनों हाथ गिट्टों तक धोए, सिर्फ़ एक हाथ या सिर्फ़ उंग्लियां ही न धोए क्युकी इस से सुन्नत अदा न होगी। इस बात का ख़याल रखे कि खाने से पहले हाथ धो कर पोंछना नही चाहिये और खाने के बाद हाथ धो कर तौलिया या रूमाल से पोंछ लेना चाहिये ताकि खाने का असर बाकी़ न रहे।

सीधे हाथ से खाना:- रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम ने फ़रमाया “जब तुम में से कोई खाए तो सीधे(Right) हाथ से खाए और जब पिए तो सीधे हाथ से पिए इसीलिए के सैतान उलटे(Left) हाथ से खाता है और उलटे हाथ से पीता है।” (Sahih Muslim 2020)

फर्श पर बैठ कर खाना:- Khana Khane ka Sunnat Tarika में या भी है की फर्श पर बैठ कर खाना खाने चाहिए लेकिन अफ़सोस ये तरीका वाली सुन्नत खत्म होती जा रही है।

खाने से पहले बिस्मिल्लाह पढ़ना:- नबी सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम ने फ़रमाया “तुम में से जब कोई खाना खाए तो चाहिए के वो बिस्मिल्लाह कहें, अगर वह शुरू में बिस्मिल्लाह कहना भूल जायें तो यूँ कहे बिस्मिल्लाह फी अव्वालिही व अखिरिह।” (Ibn Majah 3262)

खाना बैठ कर खाना:- खाते वक्त जो बैठेने का सुन्नती तरीक़ा है वो यह है कि बाया पैर (left leg) बिछा दें, और दाहिना पैर (Right leg) खड़ा रखें। खाते वक्त ज्यादा बातें ना करें, कुछ अहम मसले पर बात कर सकते है पर ज्यादा दुनियादारी कि बातें नहीं करनी चाहिए।

जो सामने हो उसे खाना:- सय्यिदिना उमर बिन अबी सलमाह रजी अल्लाहु अंहो से रिवायत है की “मै आप सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम की निगाह में था और मेरे हाथ पियाले में सब तरफ घूम रहा था तो आप (s.a.w) ने फ़रमाया ये लड़के अल्लाह के नाम लो और सीधे हाथ से खाओ और जो पास हो उधर से खाओ।” (Sahih Muslim 2022)

हाथ से लुकमा गिर जाए तो उठाकर साफ़ करके खाएं:- रसूल अल्लाह (S.A.W) जब खाना खाते तो अपनी तीनो उंगलिया चाटते और फरमाते “तुम में से किसी का निवाला अगर गिर जाए तो उसको साफ़ करके खा ले और शैतान के लिए न छोड़े। तुम को मालूम नहीं कोनसे लुकमे में बरकत है।” (Sahih Muslim 2034)

बरतन और उंगलियों को चाटना:- नबी अकरम (S.A.W) ने फ़रमाया “जब तुम मे से कोई खाना खाए तो अपनी उंगलियाँ चाट ले क्युकी उसको मालूम नहीं कोनसे खाने में बरकत है।” और प्याले साफ़ करने का भी हुक्म किया (Sahih Muslim 2033)

अल्लह ता’अला का शुक्र अदा करना:- रसूल (S.A.W) ने फ़रमाया:- खाना खा कर अल्लाह का शुक्र अदा करने वाला सब्र करने वाले रोज़ेदार के तरह है।” (Ibn Majah 1764)

खाने के बाद की दुआ पढ़ना:- नबी अकरम (S.A.W) ने फ़रमाया “जो शक्स खाना खा कर खाने के बाद की दुआ पढ़ें तो अल्लाह ता’अला उसके पिछले गुनाह माफ़ फरमा देगा।” (Ibn Majah 3285 | Hasan)

खाने में ऐब ना निकालना:- हजरत अबू हुरैराह (رضي الله عنه‎) ने बयान किया के “नबी करीम (S.A.W) ने कभी किसी खाने मै कोई ऐब नहीं निकाला अगर खाना पसंद हो तो खा लिया और अगर ना पसंद हुआ तो छोड़ दिया।” (Sahih Bukhari 5409)

हद से ज्यादा ना खाना:- नबी अकरम (S.A.W) ने फ़रमाया “किसी आदमी ने कोई बर्तन अपने पेट से ज्यादा बुरा नहीं भरा, आदमी के लिए चाँद लुकमे ही काफी है उसके पेट को सीधा रखें और अगर ज्यादा ही खाना ज़रूरी हो तो पेट का एक तिहाई हिस्सा अपने खाने के लिए एक तिहाई पानी पीने के लिए और एक तिहाई साँस लेने के लिए बाक़ी रखें।” (Tirmidhi 2380)

बिस्मिल्लाह पढना भूल जाए तो क्या करे

अगर आप खाने खाने से बिस्मिल्लाह पढना भूल जाए और खाना खाते वक़्त याद आए तो ये दुआ पढ़े:

” बिस्मिल्लाहि अव्वलहू व आखिरह “

तर्जुमा : “शुरू और आखिर में अल्लाह का नाम लेकर खाता हूँ”

Khana Khane ke Baad ki Dua

चलिए अब जानते है की खाना खाने के बाद की दुआ क्या है जब आप खाना पूरी तरह से खा ले तो ये दुआ पढ़े:

اَلْحَمْدُ لِلّٰہِ الَّذِیْ اَطْعَمَنَا وَسَقَانَا وَجَعَلَنَا مُسْلِمِیْنَ

तर्जुमा:- अल्लाह तआला का शुक्र है जिसने हमें खिलाया पिलाया और हमें मुसलमान बनाया

आज क्या सीखा

दोस्तों मुझे उम्मीद है की khana khane ke adaab और Khana Khane ka Sunnat Tarika बहुत पसंद आया होगा जिसमे खाना कैसे खाया जाए इस्लामिक तरीके से वो सिखाया गया है।

इसी तरह का इस्लामिक तरीका और जानकारी सीखना चाहते है तो इस पोस्ट को अपने सोशल मीडिया पर दोस्त और फॅमिली के साथ जरुर शेयर करे।

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