Karz ki Dua in Hindi | Karz Utarne ki Dua

Karz ki Dua in Hindi

आप में से बहुत सारे लोग ऐसे है जो क़र्ज़ (Loan) हो जाने पर उसको चुकाने के लिए बहुत प्रयास करते है लेकिन क़र्ज़ चूका नहीं पाते और परेशान रहते है। इसीलिए आज Karz ki Dua के बारे में बात करने वाले है।

आज के वक़्त में जिस तरह से महंगाई बढ़ रही है उस तरह से इन्सान की कमाई नहीं बढ़ रहा है। जिसके लिए वह दुसरे इन्सान से क़र्ज़ लेते है। सबसे पहले वह अपने नजदीक लोग या दोस्त या रिश्तेदार से क़र्ज़ लेते है।

अगर वहां पर नहीं मिल पता है तो वह बैंक से क़र्ज़ लेने के लिए तैयार हो जाते है और जब क़र्ज़ का पैसा ज्यादा हो जाते है तो बहुत परेशान रहने लगते है और अलग अलग तरीके की तलाश में लग जाते है।

लेकिन आज की पोस्ट में एक ऐसा तरीका बताने जा रहा हूँ जो हदीस से साबित है जिसके लिए एक Karz Utarne ki Dua है जो पढ़ने से इंशाल्लाह निजात मिल जायेगा।

इस दुआ को कैसे पढ़ा जाए इसका विस्तार से निचे बताया गया है फ़िलहाल यह दुआ क्या है और कैसे याद किया जाए यह जानना बहुत जरुरी है।

दुआ को याद करने के लिए सबसे पहले अरबिक टेक्स्ट दिया गया है फिर हिंदी और इंग्लिश में तर्जुमा के साथ भी लिखा गया है जो याद करने में बेहद आसान होगा।

Karz Utarne ki Dua

नाज़रीन कोई भी शख्स अपने शौक से लिए क़र्ज़ नहीं लेता बलके ऐसी हालत ही बन जाती की उसको कर्जा लेना पर मज़बूरी कर देती है। इसी तरह कई बार ऐसे हालत हो जाते है की क़र्ज़ चुकाने के लिए कोई सूरत नज़र नहीं आती है।

लेकिन याद रखिये जो शख्स दुनिया में क़र्ज़ लिया और बिना चुकाए मर गया तो उसको आखिरत (क़यामत के दिन) में हमारी नेकिया उसको दे दी जाएगी।

इसलिए मज़बूरी में ही सही अगर किसी से क़र्ज़ लिया है तो क़र्ज़ चुकाने की नियत रखनी चाहिए और यकींन मानिये जो भी क़र्ज़ अदा करने की नियत रखता है अल्लाह ता’अला उसकी ग़ैब से मदद फरमाता है।

क्या सिर्फ Karz ki Dua पढ़ने से क़र्ज़ से निजात मिल जायेगा?

यह पोस्ट को पढ़ते वक़्त आपके दिल और दिमाग में यह सवाल जरुर आया होगा की भला कोई दुआ पढ़ने से भी क़र्ज़ उतर जाता है तो इसका जवाब “हैं” और “नहीं” भी है।

क्युकी यह जाहिर सी बात है की मै अगर अपने दोस्तों से 10000 का क़र्ज़ लिया और सिर्फ दुआ पढ़ने से सोचु की यह क़र्ज़ उतर जाए तो आप बिलकुल गलत है।

बलके यह दुआ जो Qarz ki Adaigi ki Dua बताया गया है उसको रोज़ पढ़ा करे और उसके साथ पैसे कमाने की भी कोशिश करे फिर उस पैसे को थोड़ा थोड़ा जोड़ कर क़र्ज़ दे सकते है।

तो फिर एक सवाल उठेगा की पैसे कमाने से ही क़र्ज़ चुकेगा तो इस दुआ का क्या काम है तो यह दुआ का काम यह है की आपकी कमाई में बरकत ला देगी और जल्दी क़र्ज़ भी अदा हो जायेगा।

Karz ki Dua in Arabic text

اَللّٰہُمَّ اَکْفِنِیْ بِحَلَالِکَ عَنْ حَرَامِکَ وَاَغْنِنِیْ بِفَضْلِکَ عَمَّنْ سِوَاکَ

Qarz ki Dua in Hindi

अल्लाहुम्मक फ़िनी बिहालालिक अन हरामिक व अगनिनी बि फ़ज्लिका अम मन सिवाक

क़र्ज़ उतारने की दुआ तर्जुमा के साथ

ऐ अल्लाह! मुझे मुतमइन फरमा हलाल चीज़ों से, और दूर रख हराम चीज़ों से, और मुझे अपने फजल से गनी फरमा, और मुझे खुद कफ़ील फरमा दूसरों के आगे हाथ फ़ैलाने से।

Karz ki Dua in English

Allahummak-finee bihalalika Aan haramik,
 wa-aghninee bifadlika AAamman siwak.

Allahummak Fini Bihalalika an Haramika Hadith

तिरमिज़ी शरीफ़ (Hadees No 3563) में कहा गया है कि एक शख्स कर्ज में था, इसलिए वह हज़रत अली इब्न अबी तालिब (र.अ.) के पास आया, और उसने क़र्ज़ की अदायगी के लिए कुछ मदद मांगी।

इसलिए हज़रत अली (र.अ.) उसे यह दुआ सिखाई, जो उन्हें पैगंबर मुहम्मद (PBUH) ने सिखाई थी। हकीकत में, अल्लाह तआला ने कुरान और हदीस में हर चीज को वाज़ेह कर दिया है, अगर हम इन पर अमल करते हैं तो हम अपनी ज़िन्दगी को पहले से बेहतर बना सकते हैं।

क़र्ज़ उतारने की दुआ कब और कितनी बार पढ़ना चाहिए?

Karz ki Dua पढ़ने का बेहतर वक़्त सुबह और शाम का होता है जिसमे अगर नमाज़ पढ़ते है तो फज़र के फ़र्ज़ और ईशा के फ़र्ज़ नमाज़ के बाद पढ़े और इसे कितनी बार पढ़े इसका कोई लिमिट नहीं है। बलके आप जितना पढ़ सकते है उतना पढ़े।

कर्ज से बहुत परेशान हूं क्या करूं?

अगर आप क़र्ज़ से बहुत परेशान है की खाबराने की जरुरत नहीं है बलके Karz Utarne ki Dua पढ़ा करे जो ऊपर बताया गया है।

कर्ज उतारने के लिए कौन सी दुआ पढ़े?

क़र्ज़ उतारने के लिए अलग अलग दुआ है जिसमे से यह “अल्लाहुम्मक फ़िनी बिहालालिक अन हरामिक व अगनिनी बि फ़ज्लिका अम मन सिवाक” एक दुआ है जिसको हमेशा पढ़ना चाहिए।

आज आपने क्या सीखा?

नाज़रीन आपको Karz ki Dua कैसा लगा और इसके साथकोन्क्लुसिओं साथ आपको यकीन हो गया होगा की इस दुआ को पढ़ने से पहाड़ की बराबर भी क़र्ज़ क्यों ना सभी अदा हो जाएगा।

आखिरी निस्कर्स में आपको फिर से बता रहा हूँ की सिर्फ Karz Utarne ki Dua पढ़ लेने से आपकी क़र्ज़ खत्म नहीं हो जाए क्युकी इसके लिए कड़ी मेहनत भी जरुरी है।

इस दुआ को पढ़ने से अल्लाह ता’अला सीधे आपके क़र्ज़ (Loan) खत्म नहीं हो जायेगा बलके कोई ना कोई जरिया होता है वह मेहनत काम (work) है।

इस पोस्ट को पढ़ने से अगर किसी को लगा की इसमें कोई गलती है तो बराए मेहरबानी निचे कमेंट में बता सकते है या contact us में भी बता सकते है।

इसी तरह का इस्लामिक जानकारी और दुआ सीखना की ख्वाहिश है तो आउटलाइन इस्लाम वेबसाइट पर समय समय पर आते है और इसे अपने सोशल मीडिया पर भी शेयर करते रहे।

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