अस्सलामु अलैकुम नाज़रीन आज की पोस्ट में 1 से 6 तक Kalma in Hindi में बताने वाला हूँ। जिसको कोई भी शख्स आसानी से याद कर सकता है।
जिसके लिए हर एक कलमा को हिंदी और तर्जुमा के साथ बताया गया है इसके साथ इमेज पे भी लिखा गया है जिससे समझने में आसानी हो।
इसके अलावा किसी शख्स को पीडीऍफ़ चाहिए तो उसके लिए भी यह पोस्ट अहम साबित होगा। इसी के साथ ऑडियो भी दिया गया है जिसको सुनकर उचारण सही से कर पाएंगे।
कलमा क्या है?
दीने इस्लाम में कलमा की बहुत अहमियत और यह इस्लाम की पांच सिद्धांत में पहले स्थान पर आता है। इसका मतलब यह है बिना कलमा पढ़े और इस पर यकीन रखे कोई भी शख्स मुस्लमान नहीं हो सकता है।
इसीलिए आप देखते या सुनते होंगे की जब गैर मुस्लिम इस्लाम धर्म अपनाते है तो सबसे पहले उनको शहादत पढाया जाता है।
कलमा कैसे पढ़ा जाता है?
कलमा पढ़ने के लिए पाकी होना जरुरी नहीं है बल्कि आपका दिल साफ़ होना चाहिए। कलमा सिर्फ पढ़ने से नहीं होगा बल्कि इसका मतलब भी जानना जरुरी है।
पहला कलमा तय्यब
ला इलाहा इलल्लाहु मुहम्मदुर्रसूलुल्लाहि
तर्जुमा: अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं और हज़रत मुहम्मद सलल्लाहो अलैहि वसल्लम अल्लाह के नेक बन्दे और आखिरी रसूल है।
दूसरा कलमा शहादत

अश-हदु अल्लाह इल्लाह इल्लल्लाहु वह दहु ला शरी-क लहू व अशदुहु अन्न मुहम्मदन अब्दुहु व रसूलुहु
तर्जुमा: मैं गवाही देता हु के अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं। वह अकेला है उसका कोई शरीक नहीं. और मैं गवाही देता हु कि (हज़रत) मुहम्मद सलल्लाहो अलैहि वसल्लम अल्लाह के नेक बन्दे और आखिरी रसूल है।
तीसरा कलमा तमजीद

सुब्हानल्लाही वल् हम्दु लिल्लाहि वला इला-ह इलल्लाहु वल्लाहु अकबर, वला हौल वला कूव्-व-त इल्ला बिल्लाहिल अलिय्यील अजीम
तर्जुमा: अल्लाह पाक है और सब तारीफें अल्लाह ही के लिए है और अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं। इबादत के लायक तो सिर्फ अल्लाह है और अल्लाह सबसे बड़ा है और किसी में न तो ताकत है न बल लेकिन ताकत और बल तो अल्लाह ही में है जो बहुत शान वाला और बड़ा है।
चौथा कलमा तौहीद

ला इलाह इल्लल्लाहु वह्-दहु ला शरीक लहू लहुल मुल्क व लहुल हम्दु युहयी व युमीतु व हु-व हय्युल-ला यमूतु अ-ब-दन अ-ब-दा जुल-जलालि वल इक् रामि वियदि-हिल खैर व हु-व अला कुल्लि शैइन क़दीर
तर्जुमा: अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं इबादत के लायक, वह एक है, उसका कोई साझीदार नहीं, सबकुछ उसी का है।और सारी तारीफ़ें उसी अल्लाह के लिए है। वही जिलाता है और वही मारता है, और वोह जिन्दा है, उसे हरगिज़ कभी मौत नहीं आएगी। वोह बड़े जलाल और बुजुर्गी वाला है। अल्लाह के हाथ में हर तरह कि भलाई है और वोह हर चीज़ पर क़ादिर है।
पांचवाँ कलमा इस्तिग़फ़ार

अस्तग़-फिरुल्ला-ह रब्बी मिन कुल्लि जाम्बिन अज-नब-तुहु अ-म-द-न अव् ख-त-अन सिर्रन औ अलानियतंव् व अतूवु इलैहि मिनज-जम्बिल-लजी ला अ-अलमु इन्-न-क अन्-त अल्लामुल गुयूबी व् सत्तारुल उवूबि व् गफ्फा-रुज्जुनुबि वाला हो-ल वला कुव्-व-त इल्ला बिल्लाहिल अलिय्यील अजीम
तर्जुमा: मै अपने परवरदिगार (अल्लाह) से अपने तमाम गुनाहो कि माफ़ी मांगता हुँ जो मैंने जान-बूझकर किये या भूल कर किये, छिप कर किये या खुल्लम खुल्ला किये और तौबा करता हु मैं उस गुनाह से, जो मैं जनता हु और उस गुनाह से जो मैं नहीं जानता, या अल्लाह बेशक़ तू गैब कि बाते जानने वाला और ऐबों को छिपाने वाला है और गुनाहो को बख्शने वाला है और (हम मे) गुनाहो से बचने और नेकी करने कि ताक़त नहीं अल्लाह के बगैर जो के बोहोत बुलंद वाला है।
छठा कलमा रद्दे कुफ्र

अल्लाहुम्मा इन्नी ऊज़ुबिका मिनआना उशरिका बिका शय-अन व अना आलमु बिही व अस्ताग्फिरुका लिमा ला आलमु बिही तुब्तु अन्हु व तबर्रअतू मिनल कुफरी वशशिरकी वल किज्बी वल गीबती वल बिदअति वन नमीमति वल फवाहिशी वल बुहतानी वल मआसी कुल्लिहा व अस्लमतु व अकूलू ला इलाहा इल्ललाहू मुहम्मदुर रसूलुललाह।
तर्जुमा: ऐ अल्लाह में तेरी पनाह मांगता हूँ इस बात से कि मैं किसी को जानबूझकर तेरा शरीक बनाऊं और बख्शिश मांगता हूँ तुझसे उस शिर्क की जिसको मैं नहीं जानता और मैनें हर तरह के कुफ्र और शिर्क से तौबा की और अलग हुए झूट से और ग़ीबत से और बिदअत से और चुगली से और बेहयाईयों से और बोहतान से और तमाम गुनाहो से। और में इस्लाम लाया, और में कहता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं और हज़रत मुहम्मद सल्ललाहु अलैहिवसल्लम अल्लाह के रसूल है।
6 Kalma in Hindi PDF (1 से 6 तक कलमा PDF)
अगर ऊपर बताये हुए जितने भी चीजों को बिना इन्टरनेट के पढ़ना चाहते है तो यहाँ पर 1 से 6 तक कलमा शेयर किया जा रहा है। जिसको डाउनलोड करके खुद पढ़ सकते है और अपने दोस्तों को भी शेयर करके उनको सवाब कमाने में मदद कर सकते है।
कलमा पढ़ने का वक़्त
कुछ लोगो को यह भी जानना चाहिए की कलमा किस वक़्त पढ़ना चाहिए? तो आप सभी को बता दूँ की यह ज़िक्र व अज्कार करने वाली कलमा है। इसीलिए इसका कोई भी मुकरर वक़्त नहीं है बलके जब चाहे पढ़ सकते है।
एक और सवाल आप सभी के मन में जरुर आया होगा की क्या यह नापाकी की हालत में भी पढ़ सकते है? हाँ जरुर नापाकी की हालत में भी पढ़ सकते है इसमें कोई हर्ज़ नहीं।
इस्लाम में कुल कलमे की संख्या कितनी है?
इस्लाम में कलमे की संख्या 1 है जिसे कलमा तय्यब के नाम से जानते है इसके अलावा कलमा शहादत भी बहुत ज्यादा जरुरी है। और ये कलमा इस्लाम के बुनियादी सिद्धांतों पर आधारित हैं।
लेकिन इसके अलावा 4 और कलमा है जिसको ऊपर 1 से 6 तक पढ़ लिया जो कुछ इस तरह है:
और कुछ जगह 8 तक कलमा देखने को भी मिल जायेगा।
आज क्या सीखा
अगर शुरू से आखिर तक इस पोस्ट को पढ़े होंगे तो 1 से 6 तक कलमा हिंदी में आसानी से सीख लिए होंगे। जिसमे हर कलमा को सिखाने के लिए इमेज के साथ हिंदी और तर्जुमा सही से लिखा गया है।
इसके अलवा अगर किसी को ऑडियो में कलमा को सुनना चाहते है तो उसके लिए भी ऊपर ऑडियो फाइल लगा दिया गया है उसको प्ले करके सुन सकते है।
इस पोस्ट में किसी भी तरह का कोई गलती दिखे या कोई शख्स सुझाव देना चाहता है तो निचे आपके लिए कमेंट बॉक्स दिया गया है।
इसी तरह का इस्लामिक कलमा सीखना चाहते है तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों को सोशल मीडिया पर जरुर शेयर करे।