Johar ki Namaz ka Tarika, Waqt, Rakat, Niyat सब कुछ जाने

Johar ki Namaz ka Tarika

क्या आप वाकिए में Johar ki Namaz पढ़ने का तरीका सीखना चाहते है बिलकुल आसन लफ्जों में तो आप इस ब्लॉग शुरू से एंड तक रहे।

जोहर की नमाज़ से पहले हमने Fajar ki Namaz का तरीका बताया हूँ अगर आपमें से कोई सख्स नहीं पढ़ा है तो जाकर पढ़ सकता है।

जोहर की नमाज़ पांच वक्तो की नमाज का दूसरा नमाज़ है जिसको पढ़ना उतना ही जरुरी जितना बाकि चारो नमाजो को।

इसीलिए हमने कोशिश किया हमारे मोमिन भाई और बहन को जोहर की नमाज़ का तरीका सिखा दूँ जिसकी मदद से मस्जिद हो या घर कही पर यह नमाज़ आसानी से पढ़ सकते है।

Johar ki Namaz ka Waqt

नाजरीन जितने भी भाई मुस्लमान मोहल्ले, गाँव या इलाके में रहते है जहाँ पर मस्जिद हो तो वहां के लोगो को जोहर का वक़्त मालूम होता है लेकिन इसकी टाइम कब ख़त्म हो जाता है इसकी जानकारी बहुत लोगो को मालूम नहीं है।

इसीलिए आज यहाँ पर आपको मालूम चलेगा की यह नमाज़ की शुरुआत कब होता है और खत्म कब होता है।

हमारे बहुत सारे भाई और बहेन को मालूम है की इसकी यह नमाज़ की अज़ान 1 बजे होती क्या कही पे 12:30 में होती है और अज़ान के बाद ही इसका वक़्त शुरू होता है।

इसका आखिरी वक़्त जब सूरज ढल जाये और हर चीज़ साया (Shadow) डबल हो जाए तो समझ जाओ की ज़ोहर की नमाज़ का वक्त खत्म हो गया।

ठंड या Winter (ज़ारा) में ज़ोहर की नमाज़ की शुरुआत गर्मी के वक्त से पहले शुरू कर देना चाहिए. मतलब ज़ोहर का वक्त एक ही होता है मगर ठंड में जल्दी पढ़ लेना चाहिए।

जोहर की नमाज़ चुप हो कर क्यों पढ़ते है

हम सभी मस्जिद में या कभी जब इमाम के पीछे नमाज़ पढ़ते है तो जोहर और असर के वक़्त की फ़र्ज़ नमाज़ (silent) चुप होकर पढ़ाते है क्युकी यह हमारे नबी मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लाहू अलैहे वल्लम की सुन्नत है।

लेकिन बाकि नमाज़ जैसे 2 रकत फजर की फ़र्ज़, मगरिब की फ़र्ज़, और ईशा की फ़र्ज़ की 2 रकात में इमाम मुकतादी को सुना के पढ़ाते है।

Hazrat Malik (R.A) फरमाते है जब हम एक बार मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लाहू अलैहे वल्लम के साथ 20 दिन और रात के लिए गए तो उन्हों ने इस्लाम सिखाते हुए बोले तुम नमाज़ वैसा पढो जैसे तुम मुझे पढ़ते हुए देखते हो।

Zohar ki Namaz ki Rakat

अभी तक आपने जाना की जोहर की वक़्त क्या है और कब से कब तक रहता है, उसी Johar ki Namaz ki Rakat 12 होती है जो अलग अलग किस्म की होती है।

पहला 4 रकात सुन्नत, दूसरा 4 फ़र्ज़, तीसरा 2 रकात सुन्नत, चौथा 2 रकात नफिल होती है जिसका तरीका आज की पोस्ट में जानने वाले हो।

Johar ki Namaz ki Niyat

जोहर की नमाज़ की नियत बेहद आसान होती है क्युकी हमने अपने ब्लॉग पे हमेशा येही बताता हूँ की नियत दिल के इरादा का नाम है इसीलिए अगर सिर्फ दिल में इरादा कर लिया तो नियत हो जाएगी।

लेकिन बहुत सारे हमारे भाई और बहन को नियत जुबान से करना है तो उनके लिए बताने जा रहा हूँ।

जुहर की चार रकअत सुन्नत नमाज की नियत

“नियत की मैंने चार रकआत नमाजे जुहर की सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा कआबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर”

जुहर की चार रकअत फर्ज की नियत

“नियत की मैंने नमाजे जुहर की चार रकआत फर्ज वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा कआबा शरीफ की तरफ अल्ल्लाहु अकबर”

नोट: कोई भी फ़र्ज़ नमाज़ इमाम के पीछे पढ़ रहे है तो “वास्ते अल्लाह तआला” के बाद “पीछे इस इमाम के” कहे।

जुहर की दो रकअत सुन्नत की नियत

“नियत की मैंने दो रकआत नमाजे जुहर की सुन्नत रसूले पाक की फर्ज के बाद वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा कआबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर”

जुहर की दो रकआत नफिल की नियत

“नियत की मैंने दो रकआत नमाजे जुहर की नफिल वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा कआबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर”

Johar ki Namaz ka Tarika

मुझे उम्मीद है आप मेरा पिछला ब्लॉग Fajar ki Namaz पढ़ने का तरीका सिख लिया होगा उसी तरह आज की पोस्ट में आप Johar ki Namaz Padhne ka Tarika सिखने वाले हो।

मेरा हमेशा कोशिश रहता है की आपको अपनी भाषा में नमाज़ और इस्लामिक तरीका सिखाऊ। इसीलिए यहाँ से आप धयान से पढ़े।

Johar ki Namaz घर पर पढ़े तो या मस्जिद में पढ़े तरीका सभी का एक जैसा ही होता है सिर्फ अगर आप मस्जिद में इमाम के पीछे पढ़ रहे है तो थोडा चेंज हो जाता है।

Johar ki 4 Rakat Sunnat Namaz ka Kaise Padhe

जोहर में सबसे पहले 4 Rakat Sunnat ki Namaz पढ़ते है जिसको पढ़ने से बहुत सारे फायदे होते है जिसको निचे बताया हूँ। जोहर की नमाज़ 4 रकात सुन्नत पढ़ते का तरीका और वो भी पूरी डिटेल्स के साथ तो यह पोस्ट जरुर पढ़े: Johar ki 4 Rakat Sunnat

Zohar ki 4 Rakat Farz Namaz ka Tarika

आपको बताते हुए ख़ुशी हो रही है फ़र्ज़ की नमाज़ कैसे पढ़े जिसमे क्या क्या पढ़ना होता है जिससे अल्लाह ता’आला बहुत पसंद करते है। उसके के लिए Zohar ki 4 Rakat Farz की नमाज़ का तरीका बहुत पहले ही बता दिया हूँ।

Johar ki 2 Rakat Sunnat Padhne ka Tarika

किसी भी नमाज़ की सुन्नत का तरीका एक ही जैसा होता है इसीलिए हमने बार बार लम्बा पोस्ट नहीं लिखा जिसको पढ़ने में आपको बोरिंग मह्सुश हो इसके लिए पहले की हमने Johar ki 2 Rakat Sunnat पढ़ने का तरीका बता दिया हूँ। जिसको लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते है।

Johar ki 2 Rakat Nafil Namaz ka Tarika

नफिल नमाज़ पढ़ने से बहुत फायदे और सवाब मिलता है लेकिन अगर नहीं भी पढ़ते है तो गुनाह नहीं होगा। फिर भी अगर कोई मुस्लमान भाई को Nafil Namaz ki 2 Rakat की तरीका सीखना है तो पहले ही लिखा जा चूका है।

ज़ोहर की नमाज़ की फ़ज़ीलत क्या है

जोहर की नमाज़ की बहुत सारी फज़िलते है जिसमे से यहाँ पर कुछ फ़ज़ीलत के बारे में बताने जा रहा हूँ।

  • जो कोई सख्स जोहर की नमाज़ पढता है तो वह जह्नम की आग से बच जाता है
  • यह नमाज़ पढ़ने से बरकत तो मिलती है लेकिन इसके साथ साथ आपकी हेल्थ और फोकस पढ़ती है.
  • ज़ोहर की नमाज़ के पढ़ने से पढ़ने वाले के रिज़्क़ में बरकत होती है
  • अगर आप ज़ोहर की चार रकात सुन्नत पढ़ लेते है तो आपको तहज्जुद के नमाज़ के बराबर सवाब मिलता है।
  • जोहर की नमाज़ के वक़्त जन्नत की दरवाजे खुले होते है

Johar ki Namaz Related Questions (FAQs)

जोहर की नमाज में कितनी सूरते होती हैं?

किसी भी नमाज़ में कितनी सूरत पढ़ी जाती है इसके लिए कोई भी फिक्स यानि मुकरर नहीं जिसको जितना याद है वह उतना ही पढ़े।

लेकिन जिसको 1 या 2 या 3 सुरह याद है तो वह इसी सुरह को बार बार पढ़े उसकी नमाज़ हो जाएगी।

Johar ki Namaz ke baad kaun sa Surah Padhna Chahiye

आपको बता दू की ऐसा कुछ नहीं होता है की हर नमाज़ के बाद कोई स्पेशल सुरह पढ़ना होता है लेकिन फजर और जोहर की नमाज़ में सूरह हुजरात से लेकर सूरह बुरुज के बीच की सूरतें पढ़ना चाहिए।

Zohar ki Namaz Qaza kab Hoti Hai

जोहर ही नहीं कोई भी नमाज़ अगर उसकी वक़्त पर नहीं पढ़ी जाए तो यानि किसी भी नमाज़ वक़्त खत्म हो जाता है वह नमाज़ क़ज़ा हो जाती है और क़ज़ा की अदईगी जरुर होनी चाहिए।

Zohar ki Namaz ka Waqt kab Khatam Hota Hai

जोहर की नमाज़ का आखिरी वक़्त जब सूरज ढल जाये और हर चीज़ साया (Shadow) डबल हो जाए तो समझ जाओ की ज़ोहर की नमाज़ का वक्त खत्म हो गया।

Zohar ki Namaz ka Time kab se kab tak Hai

कोई भी नमाज़ का वक़्त अज़ान हो जाने के बाद से ही शुरू हो जाता है और इसकी अज़ान 12:30 से लेकर 1 बजे के बिच में आलग अलग पे होती है।

जोहर की नमाज कितने बजे है

दुनिया के किसी भी जगह चले जाए लेकिन जोहर की नमाज़ एक ही वक़्त पे होता है जिसमे 1 बजे अज़ान होता है और 15 मिनट के बाद फ़र्ज़ के लिए जमात खड़ी हो जाती है।

लेकिन इसमें थोडा बहुत कम या ज्यादा होता है अलग अलग फिरको के अनुसार ये वक़्त चेंज होता है।

Johar ki Namaz kitni rakat hoti hai?

जोहर की नमाज़ 12 रकात होती है जिसमे सबसे पहले 4 रकात सुन्नत पढ़ते है, फिर 4 रकात फ़र्ज़ की नमाज़, फिर 2 रकात सुन्नत की नमाज़ और आखिर में 2 रकात सुन्नत की नमाज़ पढ़ते है।

क्या कोई सख्स जोहर की नमाज़ जोर से पढ़ सकता है

नहीं, जोहर और असर की नमाज़ चुप (Silent) हो कर पढ़ी जाती है।

क्या हम जोहर की नमाज़ जुम्मा के दिन पढ़ सकते है?

नहीं, क्यों की यह जोहर की जगह पर जुम्मा की नमाज़ होती है और यह नमाज़ पढ़ना बहुत जरुरी होता है।

आज आपने क्या सिखा

आज मुझे बेहद ख़ुशी हो रहा है की आप सभी को Johar ki Namaz ka Tarika पढ़ने आ गया और आप भी हमारी तरह अच्छी से नमाज़ पढेंगे।

अब बात करते है की यह पोस्ट को आपने शुरू से आखिर तक पढ़ा लेकिन कोई ऐसा सवाल हो इस नमाज़ के सम्बंदित जो मैंने यहाँ पर नहीं बताया हूँ तो निचे कमेंट में हमें जरुर बताए।

खुदा हाफिज!!

1 Comment

  1. Mohd sohel

    Aapne aakhir me 2 rakaat sunnat bataya he, jabki akhir me johar ki naamaz me 2 rakaat nafil hote he

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *