अस्सलामु अलैकुम नाज़रीन, आज की पोस्ट की हर एक मुसलमान के लिए बहुत जरुरी है। क्युकी एक ना एक दिन सभी लोगो को इस दुनिया को छोड़ कर अल्लाह सुबान व ता’अला के पास जाना है। जो आज सीखने वाले है जिसे Inteqal ki Dua के नाम से जानते है।
कब्र पर मिटटी देने की दुआ सीखने से पहले यह सीखना जरुरी की किसी भी मुस्लमान भाई की मौत यानि इन्तेकाल की खबर सुने तो क्या पढ़ा जाता है।
जिसे पढ़ने के लिए बहुत सारी हदीस से भी साबित है और इसको सीखना और पढ़ना भी बहुत आसान है।
Marne ke Baad ki Dua
इस दुआ को Inteqal ki Dua बोले या Marne ke Baad ki Dua बोले दोनों का मतलब एक ही है बस शब्द का फर्क है।
यह दुआ सिर्फ इन्तेकाल की खबर सुनने पर नहीं पढ़ा जाता है बलके इसके अलावा किसी भी तरह का मुसीबत या परेशानी में पढ़ सकते है इस पर सहीह हदीस भी है।
अब जानते है की Maut ki Dua कब पढ़ा जाए इसका आसान जवाब है की जब आपको किसी शख्स से किसी के मरने का यानि इन्तेकाल की खबर सुनाए तो उसी वक़्त अपने जुबान से यह कलमा पढ़े।
Inteqal ki Dua in Arabic
إِنَّا لِلّهِ وَإِنَّـا إِلَيْهِ رَاجِعُونَ
Inteqal ki Dua Hindi
इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलैहि राजि-ऊन
Inteqal ki Dua in English
Inna Lillahi Wa Inna Ilayhi Raji’un
हम तो अल्लाह के है और हम उसी की तरफ लौट कर जाने वाले है।
“और हम तुम्हें कुछ खौफ़ और भूख से और मालों और जानों और फलों की कमी से ज़रुर आज़माएगें और (ऐ रसूल) ऐसे सब्र करने वालों को ख़ुशख़बरी दे दो कि जब उन पर कोई मुसीबत आ पड़ी तो वह (बेसाख्ता) बोल उठे (इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलाही राजिउन) ‘हम तो अल्लाह ही के हैं और हम उसी की तरफ लौट कर जाने वाले हैं’ उन्हीं लोगों पर उनके परवरदिगार की तरफ से इनायतें हैं और रहमत और यही लोग हिदायत याफ्ता है।” [ सुरह बक़रह 2:155-157 ]
मय्यत को कब्र में उतारते वक़्त की दुआ
नाज़रीन Maut ki Khabar Sunne ki Dua सीखने के बाद अब मय्यत को कब्र के अन्दर उतारते वक़्त क्या पढ़ा जाता है यह भी मुसलमानों के लिए जरुरी है। क्युकी मैंने बहुत बार ऐसे देखा है की मय्यत को कब्र में रखते वक़्त एक दुसरे से बाते करते है लेकिन यह सही तरीका नही है।
सही तरीका यह है की कब्रिस्तान में जाते वक़्त की दुआ पढ़े फिर जहाँ पर कब्र खोदा गया है वहां पर सबसे पहले मय्यत को रख दे फिर जब मय्यत को कब्र के अन्दर रखने लगे तो साथ में यह दुआ भी पढ़ते रहिये।
سْمِ اللَّهِ وَعَلَى مِلَّةِ رَسُولِ اللَّهِ
यह हदीस जिसमे यह दुआ पढ़ने को खुद हमारे नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम बताया है अगर जानना चाहते है की वाकिया में यह जानकारी सही तो सुनन इबन मजाह हदीस 1550 पढ़ना चाहिए।
आज क्या सीखा
दोस्तों आज की पोस्ट सबसे महतवपूर्ण बाते यानि Inteqal ki Dua को सीखा जो सभी मुसलमानों के लिए बहुत जरुरी है। यह Maut ki Dua कब पढ़ा जाता है? तो इसका आसान जवाब यह है की आपको जब खबर मिले उसी वक़्त अपने जुबान से चंद अल्फाज़ पढ़ ले जो ऊपर बताया गया है।
हमारी यही कोशिश होती है की इस पोस्ट के माध्यम से सभी मुस्लमान या नॉन मुस्लमान भाई और बहनों को इस्लाम के बारे में सही जानकारी प्रदान करना।
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