गुसल से पाक होना चाहते है तो Ghusl ke Faraiz को सही ढंग से करना होगा अगर किसी ने एक फ़र्ज़ को छोड़ देगा तो उसकी गुसुल दुरुस्त नहीं होगा और वह पाक भी नहीं होगा।
गुस्ल करने का सही तरीका सिखने के बाद या पहले Gusal ke Farz जानना जरुरी है क्युकी इसके बिना आप कैसा मालूम कर सकते है की आप सही घुसल किये है या गलत।
बहुत सारे मुस्लमान ऐसे भी है जो पाक होने के लिए बस बदन पर पानी डाल लिया तो समझते है की आप पाक व साफ़ हो लेकिन शारीर पर पानी डालने से साफ़ हो जायेगे लेकिन ये जरुरी नहीं की पाक हो जायेंगे।
क्युकी पाक होने के लिए Gusl ke Farz को सही से करना जरुरी होता है तो अब चलिए सीखते है की गुसल में कितने फ़र्ज़ होते है।
Ghusl ke Faraiz kya Hai
जिस तरह से नमाज़ और वजू में फ़र्ज़ और सुन्नत होते है उसी तरह से गुसल में फ़र्ज़ व सुन्नत होते है अगर नमाज़ पढ़ते है तो आपको मालूम होगा की किसी भी अरकान जो फ़र्ज़ होते है उनके बिना नमाज़ कबूल नहीं होगा।
उसी तरह से Ghusal ke Faraiz को भी सही से नहीं करने पर घुसल कबूल नहीं होगा और जब आपका बदन (Body) ही पाक नहीं होगा तो नमाज़ भी नहीं होगा।
Ghusal ke Faraiz Kitne Hai
ग़ुस्ल के तीन फ़र्ज़ हैं या यह कह सकते हैं कि तीन चीज़े ख़ास हैं अगर उनमें से एक भी छूट गई या इनमें कोई कमी रह गई तो ग़ुस्ल नहीं होगा।
- कुल्ली करना
- नाक में पानी डालना
- पुरे बदन पर पानी बहाना
कुल्ली करना:- आमतौर पे देखा गया है की जब कोई शख्स नहाने जाता है तो सर से पानी डालना शुरू करता है और इसी तरह से पानी डालकर नहा लेता है जो गलत तरीका है।
बेहतर तरीका ये है की सबसे पहले अपने मुंह में कुल्ली करने के लिए पानी ले और कुल्ली इस तरह से करे कि मुँह के अन्दर के हर एक हिस्से जैसे दाँत, उनके बीच की झिर्रियाँ, जड़, ज़बान और उसकी करवटें, मसूढ़े और हलक़ की जड़ तक पानी बह जाये।
अगर थोड़ा सा पानी मुँह में लेकर कुल्ली कर दी और होठों से लेकर हलक़ की जड़ तक बाल बराबर भी कोई हिस्सा सूखा रह गया तो ग़ुस्ल नहीं होगा और न ही उस से नमाज़ जाइज़ है।
नाक में पानी डालना:- Ghusl ke Faraiz का दूसरा हिस्सा नाक में पानी डालना है लेकिन शायद ही मैंने किसी को घुसल करते हुए नाक में पानी डालते हुए देखा।
नाक में पानी डालने के लिए दोनों नथनों में जहाँ तक नर्म जगह है वहाँ तक पानी को साँस के साथ ऊपर चढ़ायें इसके आप एक बार या तिन बार कर सकते है।
अगर नाक के अन्दर बाल बराबर भी धुलने से रह गया तो ग़ुस्ल नहीं होगा। अगर नाक के अन्दर रेंठ सूख गई है तो उसका छुड़ाना फ़र्ज़ है।
पुरे बदन पर पानी बहाना:- ये किसी को भी बताना जरुरी नहीं है की बदन पर पानी डालो बलके कोई भी शख्स नहाने जाता है तो बदन पर पानी डालता ही है नहीं तो नहाना किस बात का।
पुरे बदन पर पानी बहाने का मतलब है की सिर के बालों से पाँवों के तलवों तक जिस्म के हर हिस्से, हर रोंगटे पर पानी बह जाना फ़र्ज़ है।
दोस्तों मुझे उम्मीद है की आप सभी को Ghusl ke Faraiz कितने है सिखने को मिल गया उसके साथ तीनो फ़र्ज़ को अच्छी तरह से भी बताया गया है जिससे किसी को भी समझने में कठिनाई नहीं होगी।
इसी तरह Ghusl ki Sunnat को जैसे शरियत में बताया है उस तरह से करने पर आपको ज्यादा सवाब मिलेगा।
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