क्या आप अपने मरहूम वालिद या वालिदह को सवाब पहुँचाने के लिए Fatiha ka Tarika या Fatiha Dene ka Tarika की खोज में है तो आप सही जगह पर आये हो।
क्युकी दोस्तों आज इस पोस्ट में बताया गया है की आप किसी भी मौके पर किसी को भी फातिहा दे सकते है जिसे मर्द या औरत दोनों कर सकते है।
दोस्तों आप सभी की परेशानी समझ रहा हूँ क्युकी हम लोगो को अपने मरहूम को फातिहा देने के लिए गाँव के इमाम या मौजिन या जिसको Fatiha ka Tarika है उसके पास जाते है।
लेकिन फातिहा करवाने के लिए इन्तेजार करते रहते है की कब इमाम या मौजिन या किसी और आदमी आये तो नियाज़ करे इसके ज्यादा समय लग जाता है।
इसी का सलूशन निकालते हुए ये Fatiha karne ka Tarika सिखाने जा रहा हूँ जिसमे कोई भी शख्स इस पोस्ट को शुरू से आखिर तक पढ़ लेगा तो वह किसी को भी फातिहा के जरिये सवाब पहुंचा सकता है।
फातिहा क्या है?
जब मुसलमानो को दुनिया से जाने के बाद जो सवाब कुरान मजीद का तन्हा या खाने वगैरह के साथ पहुंचाते है यानि इन्तेकाल हो गए शख्स के हक में कुरान शरीफ पढ़ने का सवाब पहुँचाने के नाम को फातिहा या नियाज़ कहते है।
फातिहा कब करना चाहिए?
फातिहा देने के लिए यानि फातिहा करने के लिए कोई वक़्त मुकरर नहीं है लेकिन जो इस्लामिक शरियत को मकरूह वक़्त है उस वक़्त के अलावा कभी भी फातिहा कर सकते है।
Fatiha karne ka Sahi Tarika
फातिहा देने के लिए सबसे पहले आप वजू कर ले क्युकी आप सभी को मालूम ही होगा की कोई भी इबादत करने के लिए वजू जरुरी होता है जिससे ज्यादा सवाब मिलता है।
वजू करने के बाद जनिमाज़ या मुसल्लह या कोई पाक कपड़ा या चटाई बिछा दे फिर उस पर किबला की तरफ मुंह करके बैठ जाए (कबिस्तान में खड़े हो कर फातिहा दे) फिर सामने खाना मिठाई वगैरह चीज़े रखे फिर जो खाना बर्तन से ढकी हो उसको थोड़ा खोल दे।
फातिहा सिर्फ हलाल चीजों पर होता और फातिहा के लिए अगरबती की जरुरत नहीं है अगर है तो सुरगा दे नहीं है तो छोर दे अब आप फातिहा पढ़ सकते है यानि इस सभी चीजों को करने के बाद सबसे पहले 3 बार या ज्यादा से ज्यादा दरूद शरीफ पढ़े।
यहाँ पर Fatiha ka Tarika in hindi में जो चीज़े पढ़ा जाता है उसको बुलेट पॉइंट यानि नंबर आर्डर में लिखा जा रहा है जिसको आसानी से समझा जा सकता है।
- दरूदे इब्राहिम 3 बार पढ़े
- सुरह काफिरून 1 बार पढ़े
- सूरए इख़्लास 3 बार पढ़े
- सूरह फ़लक़ 1 बार पढ़े
- सूरह नास 1 बार पढ़े
- सूरह फ़ातिहा 1 बार पढ़े
- सूरह बक़रह 1 बार पढ़े
- आयत ए खामसह 1 बार पढ़े
- फिर 1 बार दुरूदे इब्राहीम पढ़े
दोस्तों यहाँ पर 1 से 8 नंबर तक जो चीज़ पढ़ने के लिए बताया गया है बस इसी को पढ़ने के बाद अल्लाह सुबान व ता’अला की बारगाह में दुआ के लिए हाथ उठाए।
Durood e Ibrahim in Arabic

Surah Kafirun In Hindi
- कुल या अय्युहल काफिरून
- ला अ’अबुदु मा तअ’बुदून
- वला अन्तुम आबिदूना मा अ’अबुद
- वला अना आबिदुम मा अबद्तुम
- वला अन्तुम आबिदूना मा अअ’बुद
- लकुम दीनुकुम वलिय दीन
Surah Ikhlas In Hindi
- कुल हुवल लाहू अहद
- अल्लाहुस समद
- लम यलिद वलम यूलद
- वलम यकूल लहू कुफुवन अहद
Surah Falaq In Hindi
- कुल अऊजु बिरब्बिल फलक
- मिन शर रिमा ख़लक़
- वामिन शर रिग़ासिकिन इज़ा वकब
- वमिन शर रिन नफ़फ़ासाति फ़िल उक़द
- वमिन शर रिहासिदिन इज़ा हसद
Surah Naas In Hindi
- कुल अऊजु बिरब्बिन नास
- मलिकिन नास
- इलाहिन नास
- मिन शर रिल वसवा सिल खन्नास
- अल्लज़ी युवस विसु फी सुदूरिन नास
- मिनल जिन्नति वन नास
Surah Fatiha in Hindi
- अल्हम्दुलिल्लहि रब्बिल आलमीन
- अर रहमा निर रहीम
- मालिकि यौमिद्दीन
- इय्याक न अबुदु व इय्याका नस्तईन
- इहदिनस् सिरातल मुस्तक़ीम
- सिरातल लज़ीना अन अमता अलय हिम
- गैरिल मग़दूबी अलय हिम् व लद दाालीन।
Surah Baqarah in Hindi
- अलीफ लाम मीम ज़ालिकाल किताबु ला रै बफ़ीह
- हुदल लिल मुत्तकीन
- अल्लज़ीना यूमिनूना बिल गैबि व युकिमुनस्सलाता व् मिम्मा रजकनाहुम् युनफिकुन
- वल्ल्जीना यूमिनू ना बिमा उन्ज़िला इलैका वमा उन्ज़िला मिन क़ब्लिक व बिल आख़िरति हुम् युकिनून
- उलाइका अला हुदम मिर रब्बि हिम व उलाइका हुमुल मुफ़लिहून
Ayat e Khamsa (आयत ए खामसह)
- व इलाहुकुम इलाहुं वाहिद, लाइलाहा इल्ला हुवर्रहमानुर्रहीम
- इन्ना रहमतल्लाहि क़रीबुम मिनल मुहसिनीन
- वमा अरसल नाका इल्ला रहमतल लिल आलमीन
- मा काना मुहम्मदुन अबा अहादिम मिंर रिजालिकुम वला किर रसूल्लाहि वखा तमन नबीय्यीन व कानल्लाहु बिकुल्लि शैइन अलीमा
- इन्नल्लाहा व मलाई क त हू यूसल्लूना अलन्न् बिय्यि या अय्यु हल लज़ीना आ मनू सल्लू अलैहि व सल्लिमू तस्लीमा।
Durood E Ibrahim In Hindi
- अल्लाहुम्मा सल्लि ‘अला मुहम्मदीन व’ अला’ आलि मुहम्मदीन, कमा सल्लयता अला इब्राहीमा व अला आली इब्राहीमा, इन्नका हमीदुन मजीद।
- अल्लाहुम्मा बारिक अला मुहम्मदीन व अला आली मुहम्मदीन, कमा बारकता अला इब्राहीमा व अला आली इब्राहीमा, इन्नाका हमीदुन मजीद।
सुबहान रब्बिक रबिल इज्ज़ती अम्मा यासिफून व सलामुन अलल मुरसलीन वल हम्दो इल्लाही रब्बिल आलेमिन
Bakshne ka Tarika (बख्शने का तरीका)
दोस्तों इससे पहले जितने भी सुरह दुरूद वगैरह पढ़े है अब इन सभी के साथ बख्शने का वक़्त आ गया है यानि अब अल्लाह सुबान व ता’अला की बारगाह में दोनों हाथो को उठाकर दुआ करे।
अगर अकेले फातिहा कर रहे है तो ऊपर बताये हुए चीजों को पढ़ कर दुआ के लिए हाथ उठा ले लेकिन आपके पीछे लोग दुआ की इन्तेजार है तो ज़ोर से आमीन कहे।
अब यहाँ से दुआ में क्या पढ़ा जाता है वह चीज़े बताया जा रहा है आप से गुजारिश है की इत्मिनान से साथ पढ़े:
या इलाही मेरे इस पढ़ने (अगर खाना, कपड़ा वगैरह भी हो तो उनका नाम भी सामिल करे और इस पढ़ने और इन चीजों के देने पर) जो सवाब मुझे अता हो उसे मेरे अमल के लाएक न दे बलके अपने करम के लायक अता फरमा।
और इसे मेरी तरफ से फला वालियुल्ल्लाह मसलन हुजुर पुरनूर स्य्यिदिना गौसे आज़म रदीयाल्लाहू ताआला अन्हु की बारगाह में नज्र पहुँच और उनके अबए किराम और मशाइखे व औलाद अम्जद, मुरिदीन व मुहिब्बिन और मेरे माँ बाप और फलां और फलां (जिसको सवाब पहुँचाना हो उसका नाम ले) और सय्यिदुना आदम अलेहीस्सलाम से रोज़े कियामत तक जितने भी मुसलमान हो गुजरे या मौजूद है या कियामत तक होंगे सबको पंहुचा।
इसके बाद दरूद शरीफ पढ़े फिर अगर आपको अरबिक में जो दुआ याद है जो पढ़ सकते है तो सिर्फ “आमीन या रब्बल आलमीन बि रहमति क या अरहमर रहिमिन” कहे फिर इसके बाद अपने मुंह पर हाथ फेर ले।
इस तरह से आप दोस्तों को Fatiha ka Tarika मुकम्मल हो गयी और Dua Mangne ka Tarika भी सीखना चाहिए।
kya Fatiha ka Tarika Auraton ke liye Alag hai?
नाजरीन आप सब के लिए वही Fatiha ka Tarika in Hindi है जो मर्दों के लिए होता है जिसका सही और मुकम्मल तरीका ऊपर बताया गया है।
इसी तरह कबिर्स्तान में भी फातिहा पढ़ा जाता है तो कबिस्तान में औरतों के लिए जाना मना है इसी लिए सिर्फ वहां पर फातिहा नहीं कर सकती है।
फातिहा किस किस मौके पर करते है?
फातिहा करने के लिए कोई भी मौके के लिए जरुरी है लेकिन यहाँ कुछ खास मौके है जैसे अला हजरत या गौसे पाक या मुहर्रम वगैरह।
जो कुछ कॉमन है वो निचे दिया जा रहा है अगर आपको लगे की इसके अलावा और भी मौके पर पढ़ा जाता है:
- कब्रिस्तान में फातिहा
- वालिद या वालिदह की इन्तेकाल के दिन का समय
- गौसे पाक
- 11वी शरीफ के दिन
- मन्नत मानने के बाद
- हर जुमेरात को
- 10वी मुहर्रम के दिन
- शबे बारात के दिन
- 27वी रोज़े के दिन
- रमजान की चाँद के दिन
- किसी भी खास मौके पर
- इसके अलवा जब आपका दिल करे नियाज़ कर सकते है
Fatiha ka Tarika Related Questions (FAQs)
फातिहा में कौन-कौन सी सूरत पढ़ी जाती है?
फातिहा करने के लिए कोई भी मुकरर सुरह नहीं है इसी लिए आप सभी को जो सुरह याद है वही नियाज़ करते वक़्त पढ़े। लेकिन अच्छी तरह से करना चाहते है तो ऊपर जो fateha ka tarika बताया गया है उसको ही सीखे और पढ़े।
fatiha me kya padha jata hai
Niyaz ka Tarika में सबसे पहले दुरूदे इब्राहीम पढ़ा जाता है फिर कुछ कुरान मजीद की सूरत पढ़ा जाता है फिर अल्लाह सुबान व ता’अला की बारगाह में दुआ के लिए हाथो को उठाते है और नेक मुराद को कबूल करवाते है।
आज आपने क्या सीखा
दोस्तों आज अपने बहुत कुछ सिखा जिसमे सबसे बड़ा चीज़ Fatiha karne ka Tarika सीख लिया जिसको किसी भी मौके पर पढ़ सकते है।
दोस्तों बहुत सारे लोगो को मानना है की या फातिहा नियाज़ करना बिदत है लेकिन इसके बारे में यहाँ पर कुछ नहीं बताया गया है क्युकी यह अलग अलग फिरका की बात है।
इसीलिए किसी भी शख्स को यहाँ पर फातिहा गलत है या सही यहाँ पर मालूम नहीं होगा इसके लिए आप बड़े अलीम या मुफ़्ती के पास जा कर इसका जवाब ले।
अगर इस पोस्ट को पढ़ने में कही भी किसी किस्म की गलती हो या कुछ ऐसा जानकारी आपको पता हो जो यहाँ पर नहीं दिया गया है तो निचे कमेंट जरुर करे मुझे ख़ुशी होगी।
इसी तरह का इस्लामिक ज्ञान जानकारी सीखना चाहते है तो इस पोस्ट के अपने दोस्तों और फॅमिली के साथ सोशल मीडिया पर जरुर शेयर करे खुदा हाफिज।
Mashallah till now i don’t know how to do fatiha,but now after reading and tareeka i am happy i can do fatiha without depending on Hafeez and moujan.
Fatiha ka tareeka, i read and noted in written all the surah and i am sure now i can do fatiha myself, i am confident, i really thank our almighty Allah that i got the right information from your side, i pray Allah all must know the Tareeka, Aameen
Right
Ameen 🤲 dua me yaad rakhna 🤲🤲
Beshak App ne ye Bahut Accha kam kiya hai
Apne bhaut acche tarike se fatiha ka tarika bataya Allah apko or apke pariwar ko hamesa sehatyab rakhe or Umar me barkate ata kare aameen