क्या आप नमाज़ में तशाहुद के बाद की Durood e Ibrahim की तलाश में है जो हर नमाज़ के आखिरी रकात में पढ़ा जाता है जिसकी फ़ज़ीलत बेइन्तहा है।
यदि कोई शख्स नमाज़ ऐ जलसा में बैठने के बाद Attahiyat पढ़ने के बाद कौन सा दरूद पढ़ा जाता है तो आप बिलकुल सही जगह पर आये हो।
क्युकी यहाँ इस दरूद के अलावा यह कहा कहा पढ़ा जा सकता है और इसको पढ़ने से क्या क्या हमारे जीवन और आखिरत में फायदा देने वाला है और इसी तरह बहुत सारे सवालो का जवाब मिलने वाला है।
Durood Ibrahim सभी मुस्लमान को याद होना चाहिए इसीलिए आज की पोस्ट में अरबिक, हिंदी और इंग्लिश में सिखने को मिलने वाला है लेकिन अरबिक में पढ़ने का ज्यादा सवाब है।
तो आप से गुजारिश है की आगर सिखने की चाहत से यहाँ पर पढ़ने आये है तो शुरू से आखिर तक समय निकल कर जरुर पढ़े।
Darood e Ibrahim क्या है?
जब हमलोग नमाज़ पढ़ते है चाहे कोई भी नमाज़ सभी नमाजो के आखिर रकात में अत्ताहियत के बाद जो दरूद शरीफ पढ़ते है उसी को Durood Ibrahim कहते है।
Durood e Ibrahim पढ़ना क्यों जरुरी है?
दरुदे इब्राहीम पढ़ना जरुरी इसलिए है की नबी सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम का हुक्म है और नमाज़ में यही दरूद पढ़ा जाता है।
दुरूदे इब्राहीम सभी दरुदे भी सबसे अफज़ल है और क्या यह दरूद नमाज़ के अलावा पढ़ सकते है? इसका जवाब निचे दिया गया है।
अल्लाह ता’अला के रसूल सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम कहते है क़यामत के दिन मुझसे सबसे ज्यादा करीब वह होगा जिसने सबसे ज्यादा दरूद शरीफ मुझ पर भेजे हो।
Durood E Ibrahim in Hindi, Arabic, English
दोस्तों आप से एक सवाल करता हूँ पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली दरूद शरीफ कौन है तो इसका जवाब है दरुदे इब्राहीम और यह मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम और उनके परिवार पर अमन और बरकत भेजने के लिए अल्लाह से दुआ करते है।
अब यहाँ पर तिन भाषा में Darude Ibrahim बताया जा रहा है जिसको अगर हिंदी अच्छे से समझ आता है तो वोह हिंदी में याद करे या रोमन इंग्लिश में याद करना है तो वह भी दिया गया है।
लेकिन अगर किसी को अरबिक पढ़ने आता है और दरूद शरीफ भूल गया है तो उसके लिए अरबिक में भी दिया गया है मिलाजुलाकर बात यह है की जिसको जिस भाषा में अच्छे से समझ आता है और जिस भाषा में अच्छी से याद कर ले उसके लिए अच्छा है।
Durood e Ibrahim in Arabic

Durood e Ibrahim in Hindi
अल्लाहुम्मा सल्लि ‘अला मुहम्मदीन व’ अला’ आलि मुहम्मदीन, कमा सल्लयता अला इब्राहीमा व अला आली इब्राहीमा, इन्नका हमीदुन मजीद।
अल्लाहुम्मा बारिक अला मुहम्मदीन व अला आली मुहम्मदीन, कमा बारकता अला इब्राहीमा व अला आली इब्राहीमा, इन्नाका हमीदुन मजीद।
Durood e Ibrahim in English
Allāhumma ṣalli ʿalā Muḥammadin wa ʿalā āli Muḥammad(in), kamā ṣallayta ʿalā Ibrāhīma wa ʿalā āli Ibrāhīm(a), innaka Ḥamīdun Majīd. Allāhumma bārik ʿalā Muḥammadin wa ʿalā āli Muḥammad(in), kamā bārakta ʿalā Ibrāhīma wa ʿalā āli Ibrāhīm(a), innaka Ḥamīdun Majīd.
Durood E Ibrahimi ka Tarjuma Hindi aur English
हम मान के चलते है की आप सभी को दरूद शरीफ याद हो गया है याद करने की तकनीक मिल गया लेकिन यह भी जानना चाहिए की आखिर यह दुरूद कहना क्या चाह रहा है।
क्युकी हम लोग सिर्फ जिस तरह से कुरान शरीफ में कोई भी आयात है बस याद करने की कोशिश करते है लेकिन उसका मतलब क्या है यह जानने की कोशिश नहीं करते।
लेकिन हम एक गहरा बात बता दूँ की नमाज़ में जो सुरह या दुरूद पढ़ते है उसका मतलब मालूम हो जाए तो नमाज़ पढ़ने में मन लगने लगेगा क्युकी बहुत सारे नौजवानो का सवाल होता है की नमाज़ में धयान कैसे लगा सकते है।
Darood e Ibrahim Meaning in Hindi
ऐ अल्लाह, मुहम्मद ﷺ पर और मुहम्मद ﷺ के आल (खानदान) पर अपना फज़ल व करम फरमा, जैसा कि आपने इब्राहिम अलैहे सलाम पर और इब्राहिम अलैहिस सलाम के आल (खानदान) पर अपना फज़ल व करम फरमाया, बेशक आप काबिले तारीफ हैं, सबसे शानदार हैं।
ऐ अल्लाह, मुहम्मद ﷺ पर और मुहम्मदﷺ के आल (खानदान) पर बरकत नाजिल फरमा, जैसा कि आपने इब्राहिम और इब्राहिम के आल (खानदान) पर बरकत नाजिल फरमाई, बेशक आप काबिले तारीफ हैं, सबसे शानदार हैं।
Darood Ibrahimi Translation in English
O Allah, send prayers upon Muhammad and upon the family of Muhammad just as You have sent prayers upon Ibrahim and upon the family of Ibrahim, verily You are the Praiseworthy, the Glorious. O Allah, bless Muhammad and the family of Muhammad just as You have blessed Ibrahim and the family of Ibrahim, verily You are the Praiseworthy, the Glorious.
दरूदे इब्राहिम नमाज़ के अलावा कब पढ़ सकते है?
दोस्तों नमाज़ के अलावा बहुत सारे मौके है जहाँ पर इस दरूद को पढ़ सकते है लेकिन अगर आप में से कोई ये समझ रहा है ये दरूद शरीफ सिर्फ नमाज़ के अन्दर पढ़ा जाता है तो वोह शख्स गलत है।
क्युकी durood e ibrahim in hindi नहीं पढ़ने के लिए कोई भी वक़्त या दिन जैसा कोई भी बात हदीस में नहीं है ये कहानी खुद ही लोगो ने फैला दिया है।
यह दरूद शरीफ नमाज़ के अलावा कुछ खास मौके पर पढ़ सकते है:
- नमाज़ में जो ऊपर बताया गया है।
- अज़ान के बाद।
- घर में दाखिल होने से पहले।
- घर से बाहर जाने से पहले।
- मस्जिद में जाते और बाहर निकलते वक़्त।
- सोने से पहले।
- उठने के बाद।
- दुआ मांगते समय।
- जुमे की नमाज़ को जाते वक्त।
- दुआ मांगने से पहले और बाद में।
दरूदे इब्राहिम पढ़ने से क्या फायदा होता है?
दोस्तों यहाँ पर 10 पॉइंट बताने वाला हूँ जिससे पढ़ने के बाद durood ibrahim in hindi हर हमेशा पढ़ना चाहेंगे क्युकी यह दरूद है ही फ़ज़ीलत और बरकत वाली।
- हुजूर सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फ़रमायाजो मुझ पर दरूद शरीफ पढ़ना भूल गया वह ज़न्नत का रास्ता भूल गया”
- अल्लाह ता’अला के रसूल सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम कहते है क़यामत के दिन मुझ से सबसे ज्यादा करीब वह होगा जिस ने सबसे ज्यादा दरूद शरीफ मुझ पर भेजे हो।
- जो शख्श एक दिन में 313 मर्तबा दरूद पढ़ेगा उसके दोनों आँखों के बीच में ये लिख दिया जायेगा की वो जहन्नुम की आग से बरी हो गया है।
- उसकी मौत तक नहीं आएगी जब तक की वो अच्छे आमाल करके जन्नत में अपना घर न बनाले।
- एक बार दरूद शरीफ पढ़ने से 10 नेकिया मिलेंगी और 10 गुनाहो की माफ़ी होगी।
- दरूद शरीफ पढ़ने से उसकी उम्र अच्छे कामो में गुज़रेगी।
- दरूद शरीफ पढ़ने से अल्लाह और उसका ज़िकर जारी रहेगा।
- दरूद शरीफ पढ़ने से बीमारियों से रहत मिलेगी।
- दरूद शरीफ को पढ़ने से भूली हुयी चीज़ या बात याद आ जाती है।
- जिस शख्स पर ज्यादा क़र्ज़ है उसे चाहिए की दरूद शरीफ कसरत से पढ़े।
इसके अलावा बहुत सारे फ़ज़ीलत और फायदे अल्लाह सुबान व ता’अला हम लोगो को देता है।
नमाज़ में दरूदे इब्राहिम कब पढ़ा जाता है?
दरुदे इब्राहीम खास तौर पर नमाज़ के अन्दर पढ़ा जाता है लेकिन नमाज़ के अलावा बहुत सारे दुसरे मौके पर भी पढ़ सकते है जैसे:- सोने से पहले, घर में दाखिल होने या बाहर जाने और मुसीबत में।
दरूदे इब्राहिम याद नहीं है तो क्या करे?
अगर किसी शख्स को दरुदे इब्राहिमी याद नहीं है तो इसके जगह पर जो उसको दुआ याद है वह पढ़ सकता है लेकिन लेकिन नमाज़ में दरुदे इब्राहीम ही पढ़ना है और याद नहीं है तो याद करने की कोशिश करे। और जब याद नहीं हो जा रहा है तब कोई भी दुआ पढ़ सकते है।
क्या नमाज़ के अलावा दरुदे इब्राहीम कही और नहीं पढ़ सकते?
हाँ बिलकुल पढ़ सकते है जब आपका मन करे तब पढ़े इसका कही पर भी लिखा नहीं गया है की दरुदे इब्राहीम सिर्फ नमाज़ के अन्दर पढ़ते है।
आज क्या सीखा
तो दोस्तों आज आपने सबसे ज्यादा सवाब देनी वाली दरूद यानि Durood e Ibrahim in Hindi सीख लिया जिसमे हिंदी, इंग्लिश और अरबिक तीनो भाषा में सिखने को मिला।
हमसब को कोशिश करना चाहिए की ज्यादा से ज्यादा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम पर दरूद और सलामती भेजे क्युकी कयामत के दिन सबसे ज्यादा करीब वह सख्स होगा जिसने सबसे ज्यादा दरूद भेजा हो।
मुझे अच्छा लगता है जब कोई इस्लाम की कोई बात सीखता है और दुसरे को भी सिखाने की कोशिश करता है इसी लिए इस पोस्ट को अपने दोस्तों और फॅमिली के साथ जरुर शेयर करे।
इस durood ibrahim in hindi को पढ़ने में किसी भी तरह का गलती या कुछ और इसमें जोड़वाना चाहते है तो निचे कमेंट जरुर करे।