Awabeen ki Namaz Padhne ka Tarika aur Fazilat Kya Hai

Awabeen ki Namaz ka Tarika

दोस्तों आप लोग Awabeen ki Namaz ka Tarika सिखने की तलाश में है तो आपकी तलाश यही पर खत्म हुई क्युकी आज सिखने को मिलने वाला है की अवाबीन क्या है इसका फ़ज़ीलत और तरीका क्या है.

अव्वाबीन की नमाज़ एक नफिल नमाज़ है जैसे चास्त की नमाज़, इस्तिखारा की नमाज़ और सलातुल तस्बीह इसके अलावा बहुत सारे है लेकिन इसका फ़ज़ीलत और फायदे बहुत ज्यादा है.

Awabeen ki Namaz Kya Hai

मगरिब की फ़र्ज़ और सुन्नतों के बाद कम से कम छः रकआते नफिल और ज्यादा से ज्यादा बीस रकअते नफिल पढ़े तो उसी को अव्वाबीन कहते है.

Awabeen ki Namaz ki Fazilat

नबी मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम ने फ़रमाया “जो कोई मग़रिब के नमाज़ बाद उसी हालत में 6 रकात नफिल पढ़े तो उसे 12 साल की इबादत का सवाब मिलेगा” (Tirmizi 435 and Ibn majah 1167)

इस हदीस के मुताबिक कोई सख्स 12 साल नमाज़ पढ़ता और जितना सवाब उसे अल्लाह ता’अला की तरफ से मिलता है उतना ही कोई सख्स Awwabin ki Namaz पढ़ता है तो उसे इनता ही सवाब मिलता है.

इससे आप अव्वाबिन की नमाज़ की फ़ज़ीलत का अंदाज़ा लगा सकते है चले एक और हदीस देखते है.

अबू ज़र (रदी अल्लाहू अन्हु) से रिवायत है की रसूलअल्लाह (सलअल्लाहू अलैही वसल्लम) ने फ़रमाया की:

“सुबह होते ही तुम में से हर एक शख्स के हर एक जोड (joints) पर सदक़ा वाजिब हो जाता है, फिर हर एक तसबीह (यानी सुबहान अल्लाह कहना) सदक़ा है , हर एक तम्हीद (यानी अल्हाम्दुलिल्लाह ) सदक़ा है ,और हर एक तहलील (ला इलाहा इलअल्लाह कहना) भी सदक़ा है और हर एक तकबीर (अल्लाहू अकबर कहना) भी सदक़ा है, किसी को अच्छी बात सिखाना भी सदक़ा है और (किसी को) बुरी बात से रोकना भी सदक़ा है इन तमाम कामो की जगह चाश्त (दूहा / अव्वाबिन) की दो रकातें काफ़ी हो जाती हैं जिसको वो पढ़ लेता है”
– (सही मुस्लिम, जिल्द 2,)

Awabeen ki Namaz Kitni Rakat Hoti Hai

अवाबीन की नमाज़ कम से कम 6 रकात होती है और ज्यादा से ज्यादा 20 रकात होती है जिसको 2-2 रकात करके पढ़ना होता है.

अगर कोई भाई एक 6 रकात एक सलाम से पढ़ना चाहता है तो ये भी जायज़ है आपको ये भी ध्यान देना है की मगरिब की फ़र्ज़ और सुन्नत पढ़ने के बाद किसी से बात ना करते हुए पढ़ना है.

Awabeen ki Namaz ka Time Kya Hai

Awabeen ka Waqt सूरज चढ़ने के समय से शुरू हो जाता है यानि जवाल के वक़्त से शुरू हो जाता है लेकिन बेहतर माना जाता है की मगरिब की नमाज़ को पढ़ कर ही अव्वाबिन पढ़े.

Awabeen ki Namaz ki Niyat Kaise Bane

दोस्तों अगर आप 2 – 2 रकात करके पढ़ना चाहते है जैसे 2 रकात एक सलाम से पढेंगे फिर 2 रकात एक सलाम से इसी तरह छः रकात पढ़ना चाहते है तो नियत कुछ यु करे:

नियत की मैंने 2 रकात नमाज़ नफिल अव्वाबिन की वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर

इसी तरह कोई दोस्त 6 रकात एक ही नियत से और एक सलाम से पढ़ना चाहते है तो वह नियत कुछ यु करे:

नियत की मैंने 6 रकअत नमाज़ अव्वाबीन वास्ते अल्लाह तआला के रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर.

Awabeen ki Namaz Padhne ka Tarika

अव्वाबीन एक नफिल इबादत है जिसको पढ़ने के लिए 2 तरीके बताये गए है जो आप आज सिखने वाले है आपको सबसे पहले वजू करके घर या मस्जिद यानि पाक साफ़ जगह पर मोसल्लाह बिछा दे.

क़िबला रुख खड़े होकर नियत करे जिसका तरीका ऊपर बताया गया है यहाँ पर आपको समझना है आप एक साथ 6 रकात पढ़ना चाहते है या 2 – 2 रकात करके.

यह नमाज़ पढ़ने के लिए कोई खास तरीका नहीं है बलके नार्मल नामजो की तरह भी इसी को पढ़ा जाता है हम सबसे पहले 2 रकात कैसे पढ़ते इसी को सीख लेते है.

नियत करने के बाद सना और सुरह फातिहा और कुरान शरीफ की कोई सूरत मिलाए फिर नार्मल नामजो की तरह रुकू और सजदा करे.

दूसरी रकात में सना नहीं पढ़ना है सिर्फ अलहम्दो शरीफ और सूरत मिलाए फिर रुकू सजदा के जरिये अपनी दो रकात मुकम्मल कर ले आप सभी को मुकम्मल तरीका शुरू से आखिर तक सीखना है तो 2 Rakat Nafil ki Namaz वाली पोस्ट को पढ़ना चाहिए.

1 नियत और 1 सलाम से कैसे पढ़े?

पहली रकात:- नियत करे जो ऊपर बताया गया है फिर सना और सुरह फातिहा फिर सूरत मिलाए फिर रुकू और सजदा करे.

दूसरी रकात:- सुरह फातिहा, सूरत मिलाए, रुकू, सजदा इसके बाद कैयदा उला में बैठे और ताशःहुद यानि Attahiyat in Hindi पढ़े.

तीसरी रकात:- अलहम्दो शरीफ, सूरत मिलाए, रुकू और सजदा करे.

चौथी रकात:- सुरह फातिहा, कुरान की सूरत मिलाए, रुकू और सजदा के बाद फिर ताशःहुद में बैठे और अत्ताहियात पढ़े.

पांचवी रकात:- सुरह फातिहा, सुरह मिलाए, रुकू और सजदा करे.

छठा रकात:- अलहम्दो शरीफ, सूरत मिलाए, रुकू और सजदा के बाद कायदा आखिर में बैठे यानि (आखिरी रकात) और अत्ताहियात, दरुदे इब्राहीम और दुआ ए मशुरा पढ़ कर सलाम फेर दे.

इस तरह से आप सब की Awwabeen ki Namaz मुकम्मल हो गयी इसके बाद दुआ के लिए हाथ उठाए और दुआ मांगे.

आवाबीन नमाज की रकातों की अधिकतम संख्या कितनी है?

अव्वाबिन की नमाज़ ज्यादा से ज्यादा 20 रकात होती है आप चाहे तो 6 रकात भी पढ़ सकते है.

Conclusion – आज क्या सीखा

दोस्तों मुझे ये बताते हुए ख़ुशी हो रही है की आप सभी को Awabeen ki Namaz Padhne ka Tarika आ गया जिसकी वजह से आप भी हर दिन 12 साल नमाज़ की फायदा और सवाब ले सकेंगे.

आप सभी हज़रात से गुजारिश है यह जानकारी आप पास मत रखे बलके अपने दोस्तों और फॅमिली मेंबर को भी बताये ताकि वह भी इसका फायदा ले सके.

5 thoughts on “Awabeen ki Namaz Padhne ka Tarika aur Fazilat Kya Hai”

    1. Md shamshir raza

      Niyat ki maine do rakat namaz awwabin ki nafal waste allah tala ke munh mera kaba sharif ki taraf allahu akbar

  1. Chaast ki namaz ka waqt Suraj nikal ne ke baad 10:00am tak rehta hai aur awabin ki namaz magrib ke baad hi padhi jati hai iska waqt magrib se Isha ko namaz tak hi hota hai sahi malumat hai agar AA pko koi confusion hai to ap in namaz ki time search kare namaz ke name ke sath time bhi show karta hai Google so please keep updated for your self

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top