क्या मेरे बहन Aurat ki Namaz ka Tarika सिखने के लिए मेरे ब्लॉग पर आए है तो आप बिलकुल सही जगह पर आए है.
मर्द के लिए Youtube से लेकर गूगल तक छोटी से बड़ी सब कुछ तरीका तो बताया गया है लेकिन औरत के लिए कुछ ही जानकारी दिया गया है.
जिनको इस्लामिक औरतें पढ़ कर कंफ्यूज हो जाती है क्युकी उनको कही पर भी पूरी डिटेल्स के साथ जानकारी नहीं मिलती है.
इसीलिए मेरा इस पोस्ट लिखने का मकसद है की जितनी भी औरतें है जिनको नमाज़ का तरीका मालूम नहीं है और वह जानना चाहते है की Aurat ki Namaz ka Tarika क्या है उनको पूरी जानकारी के साथ बताया जाए.
ताकि औरतों को भी नमाज़ का सही और मुकम्मल तरीका मालूम हो जाए जो किताबो सुन्नत में लिखा है.
Mard aur Aurat ki Namaz mein Farq
नमाज़ में औरत और मर्द के लिए कुछ खास अंतर नहीं, क्युकी जितनी नमाज़ मर्दों पर फ़र्ज़ है उतनी ही औरतों पर भी फ़र्ज़ है.
और जितना रकात मर्द हजरत पर फ़र्ज़ व वाजिब है उतनी ही औरतों पर भी फ़र्ज़ है, वैसी ही सारी चीज़े जो नमाज़ के अन्दर मर्द पर फर्ज़ या सुन्नत या नफिल है वही सारी चीज़े औरतों पर भी फ़र्ज़ व सुन्नत है.
लेकिन हाँ इतना है की Aurat ki Namaz थोड़ा मर्द से अलग है जिसमे तकबीर तहरिमा, रुकू करना, सजदा में जाना, हाथ बांधने की जगह ऐसी ही कुछ अलग है जो निचे बताने जा रहा हूँ.
जुम्मा और ईद की तरह जितना भी नमाज़ है इस्लाम में जिसमे जमात के साथ नमाज़ को कायम करना फ़र्ज़ है उसमे औरतो पर नमाज़ को फ़र्ज़ नहीं किया गया है.
तकबीर तहरीमा के लिए हाथ उठाने का तरीक़ा
नमाज़ नियत करने के बाद तकबीर तहरीमा से शुरू होती है इसमें हाथ उठाना सुन्नत है औरतों के लिए सुन्नत ये है की सिर्फ कन्धों तक हाथ उठायें उस के बाद छाती पर हाथ बांध लें और हाथ दुपट्टे के अंदर ही उठायें.
हाथ बाँधने की जगह
तकबीर तहरीमा के बाद हाथ बांधना सुन्नत है औरतें सीने पर हाथ बांधेंगी इस तरह कि दाहिने हाथ की हथेली को बाएं हाथ की हथेली कि पुष्ट पर रखेंगी.
नियत बांधने के बाद हाथों की हथेली को सीने पर रखे नीचे उलटी हथेली और ऊपर सीधे हाथ की हथेली यानि पांचों उँगलियाँ उलटे हाथ के ऊपर रखकर सना पढे।
औरतो के रुकू का तरीक़ा
मर्दों के लिए रुकू का तरीक़ा ये है की वो इतना झुकें कि उनकी पीठ और सर बराबर हो जाये और घुटनों को मज़बूती से पकड़ लें लेकिन औरतें पूरे तौर पर न झुकें बल्कि ज़रा सा झुकें घुटनों को न पकड़ें बल्कि उन पर सिर्फ हाथ रखें यानी सिर्फ इतना झुकें कि हाथ घुटनों तक पहुँच जाएँ।
Aurat ke Sajde ka Tarika
औरतो की सजदे मे जाने का तरीका ये है के पहले घुटनों को जमीन पर रखे फिर हाथों को रखे और सही तरीके से बैठकर दोनों पैर सीधी तरफ निकाल ले उल्टा पैर नीचे और सीधा पैर ऊपर की जानिब रखे । ध्यान रखे कि हमारे हाथ की उँगलिया पैर और हमारा रुख किबले की तरफ हो।
सजदे मे हाथों को सिर्फ कानों तक रखे उससे ऊपर न पहुंचाए और सजदे मे जाते वक़्त पहले नाक फिर पेशानी रखे और नजर नाक के नथुनों पर रखे । फिर सजदे की तसबीह के बाद अल्लाहु अकबर कहती हुई पहले पेशानी फिर नाक को उठाए।
बैठने का तरीक़ा
औरत नमाज़ में इस तरह बैठे कि अपने दोनों पैर दाहिनी तरफ निकाल दे और उस पर बैठ जाये और हाथ की उँगलियाँ मिलाये रखे.
Aurat ki Namaz ka Time

सबसे बड़ा सवाल की औरत की नमाज़ का वक़्त कब शुरू होता है और कब खत्म होता है जिसका आसान जवाब है की जो नियम मर्द के लिए है वही औरत के लिए है वक़्त के मामले में.
लेकिन मर्द के मामले में जमात के साथ फ़र्ज़ नमाज़ पढ़ना होता है वही औरत के लिए जमात के साथ पढ़ना मना है.
तो यहाँ पर आपको समझ में आ जाना चाहिए की मर्द मस्जिद इसलिए जल्दी जाते है की उनको जमात के साथ नमाज़ पढ़ना होता है.
लेकिन औरत के लिए जमात नहीं तो उनकी नमाज़ तब शुरू होती है नमाज़ का वक़्त शुरू होती है उसी तरह जब खत्म तब होती है जब नमाज़ का वक़्त खत्म होता है और ये किसी भी नमाज़ के वक़्त पर लागु होता है.
Aurat ki Namaz ki Niyat
आप सभी को मालूम ही होगा की हर नमाज़ के लिए अलग अलग नियत करना होता है जैसे अगर कोई सुबह की नमाज़ यानि फजर की नमाज़ पढ़ रहे है तो इसमें दो बार नियत करना पड़ता है. जिसमे 2 रकात सुन्नत और 2 रकात फ़र्ज़ के लिए नियत करना होता है.
इसी तरह औरत की नियत मर्द की नियत से अलग अलग नहीं है जो नियत मर्द करेगा वही नियत औरत भी करेगी.
अगर यहाँ पर पुरे नमाज़ में जितनी भी नियत होती है सभी को बताने लगूंगा तो ये पोस्ट बहुत बड़ा हो जायेगा इसीलिए मैंने एक अलग पोस्ट लिखा जिसना नाम Namaz ki Niyat है.
Wazu ka Tarika for Ladies
आपने जान लिया की Aurat ki Namaz की नियत, वक़्त और मर्द और औरत में फर्क क्या है अब जानते है की औरत का वजू करने का तरीका क्या है जिसमे थोडा सा अंतर है क्युकी तरीका जो मर्द के लिए है वही औरत के लिए भी है.
- नियत करना बिस्मिल्लाहहिर्रहमानरिर्र्हीम पढ़ना।
- पहले तीन बार दोनों हाथ को गत्तो तक धोइए।
- मिसवाक से दांत साफ कीजिए, मिसवाक न हो तो दाएँ हाथ की उंगली से दांत मलिए।
- फिर तीन बार कुल्ली कीजिएं।
- इसके बाद तीन बार नाक में पानी डालकर नाक साफ कीजिए।
- फिर तीन बार चेहरा सर के बालों से लेकर ठोड़ी के नीचे तक और एक कनपटी से दूसरी कनपटी तक धोइए।
- इसके बाद तीन बार पहले दाहिना, फिर बायां हाथ कुहनियों समेत धोइए, अगर हाथ में अंगूठी .या चूड़ी हो या नाक मे कील हो, तो उसे हिलाकर अंदर पानी पहुंचाइए।
- फिर एक बार पूरे सर का मसह कीजिए, यानी भीगा हाथ पूरे सर पर पेशानी के बालों से गरदन के बालों तक फेरिए और हाथ को पीछे से आगे तक लौटा लीजिए और कानों और गरदन पर मसह कर लीजिए।
- आखिर में तीन बार पहले दाहिना पैर फिर तीन बार बाया पैर टखनों से ऊपर तक धोइए और हाथ की उंगलियों से पांव की उंगलियों का ख़िलाल कीजिए क्युकी कहीं सूखा न रह जाए।
Wazu ke Baad ki Dua
اَللّٰهُمَّ اجْعَلْنِىْ مِنَ التَّوَّابِيْنَ وَاجْعَلْنِىْ مِنَ الْمُتَطَهِّرِيْنَ
“अल्लाहुम्मज-अलनी मिनत्तव्या बी-न वज-अलनी मिनल मु-त-तहूहिरीन०“
तर्जुमा : ऐ अल्लाह! मुझे तौबा और खूब पाकी नसीब फरमा
यह दुआ पढ़ने के बाद आसमान में देखते हुए दूसरा कलमा यानि कलमा सहादत पढ़े.
औरतों को एक बात का धयान देना होगा की अगर नाख़ून में आटा लग कर सुख गया है तो उसको सबसे पहले चाकू या किसी चीज़ से छुड़ा ले वैसे ही नाख़ून में नेल पोलिश लगाये है तो पहले साफ़ करे फिर वजू करे नहीं तो आपकी वजू दुरुस्त नहीं होगी.
Aurat ki Namaz Padhne ka Tarika
Aurat ki Namaz ka Tarika सिखने से पहले जितने भी चीजों की जानकारी होनी चाहिए वो ऊपर बता दिया हूँ उसके पढ़ने के बाद ही यह तरीका को समझे.
मर्द और औरत की नमाज़ में जितने भी फर्क है वह ऊपर बता दिया गया है बस आपको वह अच्छे से समझ जाना होगा फिर तो सभी नमाज़ का तरीका एक ही होता है.
Aurat ki Napaki me Namaz
औरत हैज़ व नफास यानि नापाकी (Period) की हालत में कोई भी नमाज़ नहीं पढ़ सकती उसके साथ रोज़े भी नहीं रख सकती है.
लेकिन हमारे मोअसारे में गलत बाते फैला हुआ है की औरत नापाकी की हालत में रोज़े और नमाज़ के अलावा कोई भी इबादत यानि अमल नहीं कर सकती है जैसे- अल्लाह का ज़िक्र करना, बिना छुए कुरान पढ़ना, सलाम करना आदि.
औरत नापाकी की हालत में बहुत सारे इबादत कर सकती है जिसमे अल्लाह का ज़िक्र, दुरूद शरीफ पढ़ना, उसके साथ कुरान शरीफ को बिना छुए पढ़ना, लोगो से सलाम करना ऐसे ही बहुत सारे अमल है जो औरत हैज़ के हालत में भी कर सकती है.
Pregnant Aurat ki Namaz Kaise Padhe
सबसे पहले आपने समझा की औरत नमाज़ कैसे पढ़े जिसमे मैंने आपको बताया की औरत की नमाज़ मर्द से अलग नहीं है बस थोड़ा सा फर्क है जो ऊपर बता दिया हूँ.
लेकिन जब हमल (Pregnant) औरत हो तो वह कैसे नमाज़ पढ़े उसको भी हुक्म है की वह खड़े हो कर ही पढ़े. मगर खड़े होकर नहीं पढ़ा जाए तो बैठ कर पढ़े.
फिर सवाल उठता है की जो औरत बैठ कर भी नमाज़ नहीं पढ़ सकती तो क्या करे उसको हुक्म है वह लेट कर यानि सोते हुए पढ़े.
फिर कोई कहे की सोते हुए भी नहीं पढ़ सकते तो उसको चाहिए की जिस तरह उसको बैठ सोने में आसानी हो बैठे और इशारे में पढ़े.
जिसमे रुकू और सजदा या तशाहुद भी इशारे में ही करे आप सिर्फ सोचे की मै रुकू कर रहा हूँ या सजदा कर रहा हूँ. लेकिन नमाज़ माफ़ नहीं है कैसी भी सूरत हो नमाज़ पढ़ना ही होगा.
Taraweeh ki Namaz ka Tarika for Ladies

तरावीह की नमाज़ मर्द और औरत दोनों पर सुन्नत मोकिदा है जिसमे मर्द हजरत को हुक्म है वह जमात के साथ पढ़े, औरते घर में ही अकेले बिना जमात के साथ पढ़े.
तरावीह की नमाज़ रमजान मुबारक में पढ़ा जाता है जो हमारे नबी मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लाहू अलैहे वसल्लम की सुन्नत है.
औरतें तरावीह की नमाज़ को कैसे पढ़े इसके लिए उनको वह ठीक उसी तरह नमाज़ पढ़े जैसे पांचो वक़्त की नमाज़ में 2 रकात सुन्नत की नमाज़ पढ़ते है.
जैसे औरतें फजर में या जोहर में 2 रकात सुन्नत पढ़ते है ठीक उसी तरह भी यह नमाज़ पढ़े लेकिन फर्क सिर्फ नियत का होता है क्युकी आपको मालूम तो ही अलग अलग नमाज़ का अलग नियत होता है.
Taraweeh ki Namaz ki Niyat Kaise Kare
आपको मालूम हो गया की नमाज़ कैसे पढेंगे लेकिन नियत कैसे करे ये आपको जान लेना चाहिए जिसमे नियत दिल के इरादे का नाम होता है.
लेकिन औरतें जुबान से नियत करना चाहती है तो आपको बता दे की जो नियत मै बताने जा रहा हूँ ये नियत सभी रकात में एक होगा.
“नियत करती हूं मैं 2 रकात नमाज तरावीह की सुन्नत वास्ते अल्लाह ताला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाह हू अकबर”
Taraweeh ki Namaz ka Waqt
अक्सर लोग पूछते है की तरावीह की वक़्त कब शुरू होता ये तो मालूम है की ईशा की नमाज़ के बाद शुरू होता है लेकिन इस नमाज़ का आखिरी वक़्त क्या है?
तरावीह की नमाज़ का आखिरी वक़्त फजर की अज़ान से पहले तक होता है जो औरतें ईशा की तुरंत बाद नहीं पढ़ सकती तो उनको चाहिए की रात में जब भी वक़्त मिले तो यह नमाज़ पढ़ ले.
लेकिन अफज़ल तरीका यही है की औरतें ईशा की नमाज़ पढ़े फिर उसी वक़्त तरावीह भी शुरू कर दे.
तरावीह की नमाज़ कितनी रकात होती है
मर्द हो या औरत दोनों पर तरावीह की नमाज़ 20 रकात ही होती है जिसमे दो दो रकात करके पढ़ना होता है जिसमे हर 4 रकात में सलाम फेरने के बाद तरावीह की दुआ पढ़ा जाता है.
इसी तरह तरावीह के अलावा और जितने भी नमाज़ है उनके बारे में जानकारी लेना चाहते है तो Namaz ki Rakat वाली आर्टिकल को पढ़ना होगा.
Aurat ki Witr Namaz ka Tarika
वित्र की नमाज़ जिस तरह से मर्द पर वाजिब है ठीक उसी तरह औरत पर भी वित्र वाजिब है जिसको पढ़ना जरुरी होता है.
वित्र 3 रकात होती है जो ईशा की नमाज़ में पढ़ा जाता है अगर कोई ईशा की नमाज़ में नहीं पढ़ सका और रात में पढ़ना चाहती है तो कोई हर्ज़ नहीं.
क्युकी की वित्र का वक़्त ईशा की नमाज़ के बाद से शुरू होता है और फजर की अज़ान से पहले पहले तक होता है जिसमे अगर कोई औरत तहज्जुद की नमाज़ पढ़ना चाहती है तो पढ़े लेकिन फिर इसके बाद ही वित्र पढ़े.
इसी तरह यह नमाज़ पूरी डिटेल्स के साथ पढ़ना चाहती है तो मेरा एक ब्लॉग है जिसका नमाज़ 3 Rakat Witr ki Namaz है जिस पर क्लिक करके पढ़ सकते है.
औरत की नमाज़ किन सूरतों में हो सकती है
किसी भी नमाज़ के लिए कुछ सर्त होती है अगर किसी ने एक भी सर्त को फॉलो नहीं किया तो नमाज़ नहीं होगी चाहे वह मर्द हो या औरत.
इसी तरह Aurat ki Namaz के लिए भी कुछ सर्त होता है जिसमे से किसी ने एक भी सर्त को नहीं किया तो उसकी नमाज़ दुरुस्त नहीं होगी. जिनमे से कुछ तरीका निचे बताने जा रहा हूँ.
- नमाज़ पढ़ने के लिए बदन का पाक होना यानी हैज व निफास वगैरह से पाक होना जरूरी है।
- कपड़े का पाक होना यानि नापाक कपड़े पहन कर नमाज़ पढ़ने से नमाज़ नहीं होगी
- जगह का पाक होना यानि नमाज़ की जगह गीली या कोई गंदगी लगी हो वहां पढ़ना सही नहीं।
- क़िब्ले का रुख जानना ज़रूरी है, क्युकि क़िब्ले की तरफ ही हमें नमाज़ पढ़ने का हुक्म है।
- नमाज़ पढ़ने की नीयत करना जरुरी होता है।
- सतर का छुपाना मतलब औरतों के नमाज़ में सतर का छुपाना बहुत ज़रूरी है बिगैर इसके नमाज़ नहीं होगी।
- तकबीरे ताहरीमा यानी अल्लाह हू अकबर कहना
- कयाम करना यानि सीधे खड़े रहना
- किरात करना यानि क़ुरान शरीफ की तिलावत करना
- रुकु करना
- सजदा करना
- तश्हुद के हालत में बैठना
आपको फिर से बता रहा हूँ की इनमे से अगर आपने किसी एक भी सर्त को नहीं किया जैसे सुस्ती की वजह से बदन (Body) पाक नहीं किया और नमाज़ पढ़ने लगा तो नमाज़ नहीं होगी. इसी तरह से जो अभी आपने जाना है इन सभी की ध्यान में रखना होगा.
Aurat ki Namaz Related Questions (FAQs)
यहाँ पर जितने भी औरतें की नमाज़ के मुताल्लिक सवाल है उनका जवाब दिया जाएगा इसको ध्यान से पढ़ और सीखे इसके अलावा कोई ऐसा सवाल है जो इसमें नहीं है तो निचे में कमेंट करे.
Aurat ko Taraweeh ki Namaz Padhni Chahiye ya Nahi
अक्सर ये सवाल पूछा जाता है की क्या औरत तरावीह की नमाज़ पढ़ सकती है? तो मुझे आपसे सवाल है की क्यों नहीं पढ़ सकती है बल्कि औरत लडकिय तरावीह जरुर पढनी चाहिए क्युकी ये सुन्नत मोकिदा इसके लिए जमात के साथ पढ़ना जरुरी नहीं है. जमात के सिर्फ मर्द के लिए हुक्म है.
Eid ki Namaz Aurat ke Liye hai ya Nahi?
मैंने आपको ऊपर ही पूरी जानकारी के साथ बताया हूँ की जो नमाज़ मर्द के लिए फ़र्ज़ व वाजिब है वही औरतो के लिए भी है. लेकिन जमात के साथ औरत को नमाज़ पढ़ने की इज़ाज़त नहीं इसीलिए ईद की नमाज़ औरतो पर फ़र्ज़ नहीं है क्युकी ईद जमात के ही पढ़ा जाता है.
Kya Aurat par Eid ki Namaz Farz Hai?
नहीं, औरत पर ईद की नमाज़ फ़र्ज़ नहीं है क्युकी ईद जमात के साथ पढ़ा जाता है और औरतो को जमात कायम करना मना है हाँ लेकिन अगर मर्द हज़रात घर में जमात कायम करके नमाज़ पढ़ रहे है तो उनमे सबसे पीछे सामिल हो सकते है.
क्या औरत पर जुम्मा की नमाज़ फ़र्ज़ है?
जिस तरीके से औरत पर ईद फ़र्ज़ नहीं है उसी तरह औरत पर जुम्मा की नमाज़ फ़र्ज़ नहीं है जुम्मा के बदले जोहर की नमाज़ अदा करनी चाहिए.
आज आपने क्या सिखा
मुझे उम्मीद है सभी बहन को Auraton ki Namaz Padhne ka Tarika समझ में आ गया होगा जिसमे मैंने सबसे पहले बताया की मर्द और औरत में थोडा सा फर्क है उसके बाद नमाज़ का वक़्त, नियत, रकात और तरीका क्या है.
इसके अलावा Aurat ki Namaz पढ़ने के लिए किन सर्त को समझ होगा की जिनके बगैर नमाज़ नहीं होगी उसके बाद कुछ सवालो का जवाब भी दिया.
इसके अलावा अगर कोई आपका सवाल है जो मैंने इस ब्लॉग पर नहीं बताया हूँ तो निचे कमेंट जरुर करे.