2 Rakat Farz Namaz Padhne ka Tarika

2 Rakat Farz Namaz Padhne ka Tarika

आज की इस पोस्ट में हम आपको बताने वाले है की 2 Rakat Farz Namaz Padhne ka Tarika क्या है और इस नमाज़ को दोनों तरीके के साथ बताने वाला हूँ.

Farz Namaz Padhne का दो तरीका होता है जिसमे पहला तरीका अकेले में पढ़ा जाता है और दूसरा इमाम के पीछे यानि जमात के साथ पढ़ा जाता है.

बहुत सारे लोग कंफ्यूज हो जाए है फ़र्ज़ नमाज़ को लेकर की इमाम के पीछे पढ़ने में क्या क्या पढ़ा जाता है यानि सुरह फातिहा भी पढ़ा जाता है या नहीं ऐसे बहुत सारे सवाल होते है.

तो इन्साल्लाह इन सभी सवालो का जवाब इस पोस्ट में आपको मिलने वाला है और वो भी पूरी डिटेल्स के साथ आप सिर्फ इस पोस्ट को शुरू से आखिर तक जरुर पढ़े.

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फ़र्ज़ नमाज़ क्या है?

फ़र्ज़ उसे कहते है जिसको अल्लाह ताला हम लोगो के ऊपर फ़र्ज़ कर दिया हो जैसे 5 वक़्त की नमाज़ सारे मुस्लमान पर फ़र्ज़ व वाजिब है अगर जानबूझ कर कोई इसे छोड़ देता है तो उस पर सख्त अजाब है.

नमाज़ में फ़र्ज़ नमाज़ की कुल संख्या 17 रकात है जिसको हर हाल में पढ़ना ही पढ़ना है अगर आपके सामने कोई जरुरी काम आ जाए तो इस सूरत में सुन्नत की नमाज़ छोड़ सकते है.

फ़र्ज़ और सुन्नत नमाज़ मे क्या फर्क़ है?

फ़र्ज़ और सुन्नत में भी सिर्फ नियत का फर्क होता है यानि अगर आप फजर की फ़र्ज़ नमाज़ पढ़ रहे है तो नियत में फजर के फ़र्ज़ कहेंगे और अगर फजर की सुन्नत पढ़ रहे है तो फजर के सुन्नत कहेंगे.

Farz Namaz Chart

यहाँ पर 5 वक्तो में जितने भी नमाज़ में फ़र्ज़ नमाज़ है उसकी चार्ट निचे इमेज के द्वारा बताया गया है इसमें जुम्मा की नमाज़ के बारे में भी बताया है जिसके आपको समझने में आसानी होगी.

Farz Namaz Chart
Farz Namaz Chart

2 Rakat Farz Namaz ka Tarika

मैंने आपको पहले ही बता दिया हूँ की फ़र्ज़ की नमाज़ दो तरीके से पढ़ा जाता है:

  • तनहा यानि बिना जमात के साथ
  • जमात के साथ यानि इमाम के पीछे

यहाँ पर आपको दोनों तरीके से पढ़ना बताया जायेगा क्युकी कभी कभी ऐसा भी होता है की काम से फुर्सत नहीं मिलने पर या कोई वजह से मस्जिद आने में ताखीर (Late) हो जाती है तो इस सूरत में फ़र्ज़ नमाज़ अकेले पढ़ना पड़ता है.

और दोनों नमाज़ के तरीके में नियत भी अलग अलग करना होता है.

हम सबसे पहले जमात के साथ (इमाम के पीछे) नमाज़ पढ़ने का तरीका के बारे में सिखने वाले है तो आप यहाँ से ध्यान से पढ़े

5 वक़्त की नमाज़ में सिर्फ फजर की नमाज़ में ही 2 रकात पढ़ा जाता है इसी लिए यहाँ पर हम फजर की नमाज़ का उधाहरण ले रहे है. इसी तरह आप जुम्मा की 2 रकात फ़र्ज़ नमाज़ पढ़ सकते है.

2 Rakat Farz Namaz ki Niyat

2 Rakat Farz Namaz ki Niyat
2 Rakat Farz Namaz ki Niyat

इमाम के पीछे 2 Rakat Farz Namaz Padhne ka Tarika

सबसे पहले आपको क़िबला रुख यानि क़िबला की तरह खड़े हो जाए और दिल से या जुबान ऊपर बताए गए अनुसार नियत कर ले.

नियत की मैंने 2 रकात नमाज़ फ़र्ज़ वक़्त फज्र का वास्ते अल्लाह ताला के (पीछे इस इमाम के) रुख मेरा काबा ऐ शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर

यहाँ पर हम फज़र की दो रकात फ़र्ज़ नमाज़ का तरीका इमाम के पीछे बता रहे है इसको step by step समझे

पहली रकात

  1. नियत करे
  2. सना पढ़े (सुबहानका अल्लाहुम्मा व बिहम्दीका व तबारका इस्मुका व त’आला जद्दुका वाला इलाहा गैरुका)
  3. आउज़ बिल्लाहे मिन्नस सैतानिर्रजिम पढ़े
  4. बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम पढ़े
  5. इमाम सुरह फातिहा (अलहम्दो लिल्लाहे) पढ़ेगा आपको चुप रहना है
  6. आमीन कहे
  7. इमाम कुरान शरीफ की कोई भी छोटा या बड़ा सुरत पढ़ेगा आपको चुप रहना है
  8. रुकू में कम से कम 3 या 5 मर्तबा सुबहाना रब्बियल अज़ीम पढ़े
  9. इमाम बोलेगा समिल्लाहु लिमन हमीदा तो आपको कहना है रब्बना लकल हम्द
  10. अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे में जाए
  11. पहले सजदे में 3 या 5 मर्तबा दुसरे सजदे में 3 या 5 मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला पढ़े
  12. अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरे रकात के लिए खड़े हो जाए

दूसरी रकात

  • पहली रकात की 5 से 11 तक step को पढ़े
  • सजदे के बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए अपने पंजो पर बैठ जाए
  • अत्तहिय्यत या तशहुद पढ़े
  • दरुदे इब्राहीम पढ़े
  • दुआ ए मशुरा पढ़े
  • अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह पहले दाएं जानिब मुंह फेरे फिर अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह बाएं जानिब मुंह फेरें।

इस तरह से आपकी दो रकात फजर की फ़र्ज़ नमाज़ मुकम्मल हो गयी इसके बाद 33 मर्तबा सुबानाल्लाह, 33 मर्तबा अल्हम्दोलिल्लाह और 34 मर्तबा अल्लाह हुअक्बर पढ़कर अल्लाह सुभान ता’अला की बारगाह में दुआ के लिए हाथ उठाए.

बिना इमाम के पीछे 2 Rakat Farz Namaz ka Tarika

आप इमाम के पीछे नमाज़ पढ़ने का तरीका तो सिख गए अब जानते है अगर आप अकेले यानी बिना इमाम के पीछे फ़र्ज़ नमाज़ पढ़ना चाहते है तो कैसे पढेंगे.

इसके लिए तरीका वही है सिर्फ थोडा फर्क है जो आपको निचे पढ़ने को मिलने वाला है. सबसे पहले क़िबला रुख खड़े हो कर नियत करे.

नियत की मैंने दो रकात फज़र की फर्ज वास्ते अल्लाह ताला के मुह मेरा तरफ़ क़ाबा शरीफ के अल्लाहु अकबर।

यहाँ पर हम फज़र की दो रकात फ़र्ज़ नमाज़ का तरीका बिना इमाम के पीछे पढ़ने का बता रहे है इसको step by step समझे.

पहली रकात

  1. नियत करे
  2. सना पढ़े (सुबहानका अल्लाहुम्मा व बिहम्दीका व तबारका इस्मुका व त’आला जद्दुका वाला इलाहा गैरुका)
  3. आउज़ बिल्लाहे मिन्नस सैतानिर्रजिम पढ़े
  4. बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम पढ़े
  5. सुरह फातिहा (अलहम्दो लिल्लाहे) पढ़े
  6. आमीन पढ़े
  7. कुरान शरीफ की कोई भी छोटा या बड़ा सुरत मिलाए यानि पढ़े
  8. रुकू में कम से कम 3 या 5 मर्तबा सुबहाना रब्बियल अज़ीम पढ़े
  9. समिल्लाहु लिमन हमीदा कहते हुए खड़े हो जाये फिर खड़े रहते हुए ही रब्बना लकल हम्द कहे
  10. अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे में जाए
  11. पहले सजदे में 3 या 5 मर्तबा दुसरे सजदे में 3 या 5 मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला पढ़े
  12. अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरे रकात के लिए खड़े हो जाए

दूसरी रकात

  • पहली रकात की 4 से 11 तक step को पढ़े
  • सजदे के बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए अपने पंजो पर बैठ जाए
  • अत्तहिय्यत या तशहुद पढ़े
  • दरुदे इब्राहीम पढ़े
  • दुआ ए मशुरा पढ़े
  • अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह पहले दाएं जानिब मुंह फेरे फिर अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह बाएं जानिब मुंह फेरें।

इस तरह से आपकी दो रकात फजर की फ़र्ज़ नमाज़ मुकम्मल हो गयी इसके बाद 33 मर्तबा सुबानाल्लाह, 33 मर्तबा अल्हम्दोलिल्लाह और 34 मर्तबा अल्लाह हुअक्बर पढ़कर अल्लाह सुभान ता’अला की बारगाह में दुआ के लिए हाथ उठाए.

इसी तरह आपको नमाज़ पढ़ने में कोई गलती हो जाए या भूल जाए तो Sajda Sahw कर लेना चाहिए.

Jumma ki 2 Rakat Farz Namaz

जुम्मा की 2 रकात फ़र्ज़ की नमाज़ जमात के साथ ही पढ़ना होता है अकेले यानि तनहा नहीं पढ़ सकते है क्युकी जुम्मा की नमाज़ जब पढ़ा जायेगा इमाम के पीछे ही पढ़ा जायेगा.

अगर इमाम के पीछे नहीं पढ़े या मस्जिद नहीं जा सकते तो घर पर जोहर की नमाज़ पढ़े.

जुम्मा की 2 रकात फ़र्ज़ का तरीका वही है जो हमने ऊपर फज़र की 2 रकात फ़र्ज़ का तरीका बताया हूँ आपको सिर्फ नियत अलग करना होगा जो इस तरह है:

नियत की मैंने दो रकात नमाज़ जुम्मा की फ़र्ज़ वास्ते अल्लाह ताला के (पीछे इस इमाम के) मुह मेरा तरफ़ क़ाबा शरीफ के अल्लाहु अकबर

Frequently Asked Questions (FAQs)

फर्ज नमाज में क्या पढ़ा जाता है?

बाकि नमाजो की तरह फ़र्ज़ नमाज़ में भी वही पढ़ा जाता है जो सभी नमाज़ में पढ़ा जाता है लेकिन सिर्फ नियत, रकात में फर्क हो जाता है.

आज आपने क्या सिखा

मुझे उम्मीद है की आज आपने 2 Rakat Farz Namaz Padhne ka Tarika वाला पोस्ट शुरू से आखिर तक जरुर पढ़ा.

अगर आप इसको पूरी डिटेल्स के साथ पढ़ते है तो इंशाअल्लाह आपको 2 रकात फ़र्ज़ नमाज़ का तरीका पढ़ने जरुर आ जायेगा.

खुदा हाफिज!!

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